Massive Gold Bust: ED Seizes Rs 14 Crore Hidden in Cyber Fraudster's Locker

साइबर ठग के लॉकर पर ED का छापा, 19.5 किलोग्राम सोना जब्त, ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों से जुड़े हैं तार

Titiksha Srivastav
By Titiksha Srivastav - Assistant Editor
3 Min Read

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक कुख्यात साइबर ठग के लॉकर से 19.5 किलोग्राम सोना जब्त किया है, जिसकी कीमत लगभग 14.04 करोड़ रुपये है। लॉकर हरियाणा के फरीदाबाद में इंडियन बैंक की बल्लभगढ़ शाखा में जालसाज की मां के नाम पर बना हुआ था। विस्तृत खुफिया रिपोर्ट के बाद 3 मई को इस जब्त किया गया।

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जालसाज की पहचान पुनीत कुमार के रूप में हुई है। उसे पुनीत माहेश्वरी के नाम से भी जाना जाता है। वह दिल्ली के मोती नगर का निवासी है। उसे इससे पहले 3 अप्रैल को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 के अराइवल हॉल से पकड़ा गया था। गिरफ्तारी के बाद, कुमार को दिल्ली पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया और 12 दिनों के लिए ईडी की हिरासत में रखा गया, जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज कर दिया गया।

कुमार की गतिविधियों की लगातार जांच के बाद कार्रवाई हुई। इसमें भारतीय निवासियों का शोषण करने वाली विदेश-आधारित ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों से जुड़े बड़े पैमाने पर साइबर धोखाधड़ी शामिल है। मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत किए गए पहले छापे में ईडी ने पहले ही 5.04 करोड़ रुपये की आठ किलोग्राम विदेश में निर्मित सोने की छड़ें, 75 लाख रुपये नकद, महंगी घड़ियों जैसी लक्जरी वस्तुओं सहित संपत्ति जब्त कर ली थी। फरवरी और मार्च 2024 में 14 अलग-अलग स्थानों से आभूषण, और मर्सिडीज, ऑडी और किआ जैसे कई लक्जरी वाहन जब्त हुए हैं।

जांच से आशीष कक्कड़, केशव सूद, शिव दरगर और अन्य लोगों के साथ साइबर क्राइम में कुमार की भागीदारी का पता चलता है। ये धनराशि कथित तौर पर हवाला लेनदेन के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, हांगकांग, चीन, मलेशिया, मॉरीशस और थाईलैंड सहित विभिन्न देशों में भेजी गई थी।
कक्कड़ को भारत और कई विदेशी देशों में स्थापित शेल ट्रेडिंग कंपनियों और फर्जी संस्थाओं के व्यापक नेटवर्क में मुख्य भूमिका में पाया गया।

विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत कक्कड़ की संपत्तियों की तलाशी के दौरान, ईडी अधिकारियों को ढेर सारे आपत्तिजनक दस्तावेज, जाली आईडी और अवैध ऑनलाइन लेनदेन के लिए उपयोग किए जाने वाले डिजिटल उपकरण मिले। इन दस्तावेजों ने फेमा नियमों को दरकिनार करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्रों में आयात/निर्यात गतिविधियों में शामिल कई डमी फर्मों के संचालन की सुविधा प्रदान की।

साइबर ठग इन डमी फर्मों का उपयोग विदेश से आ रहे धन को ऑनलाइन गेमिंग की मदद से अपराध की आय को सफेद करने के लिए कर रहे थे। नेटवर्क में 167 घरेलू फर्म से जुड़े कुल 188 बैंक खाते और 105 विदेशी फर्म से जुड़े 110 खातों की पहचान की गई। यह एक विशाल और जटिल वित्तीय अपराध योजना का संकेत देते हैं।

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