क्राइम
भारतीयों के निजी डेटा पर 70 महीने में 165 Cyber Attack, ये शहर बने साइबर हमलों के हॉटस्पॉट
बीते 70 महीने की बात की जाए तो डेटा पर हमले की 165 घटनाएं सामने आई हैं। यह घटनाएं मंत्रालय की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (Emergency Response Team) द्वारा दर्ज की गई हैं।
देशभर में निजी डेटा में सेंध की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। जिसे खुद सरकार के आईटी मंत्रालय ने संसद में स्वीकार किया है। बीते 70 महीने की बात की जाए तो डेटा पर हमले की 165 घटनाएं सामने आई हैं। यह घटनाएं मंत्रालय की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (Emergency Response Team) द्वारा दर्ज की गई हैं। हालांकि, मंत्रालय ने डेटा लीक होने की बात से इनकार किया है। उसका कहना है कि सेंट्रल आइडेंटिटी डेटा रिपॉजिटरी (Central Identity Data Repository) के पास डेटा सुरक्षित है। कई बार साइबर अटैक (Cyber Attack) की कोशिश की गई, लेकिन डेटा लीक नहीं हो पाया है।
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बड़े साइबर अटैक कब-कब हुए?
अमेरिका की साइबर सिक्योरिटी फर्म रिसिक्योरिटी के रिपोर्ट के मुताबिक, 81.5 करोड़ लोगों का डेटा डार्क वेब (Dark web) में पहुंच चुका है। जिसमें फोन नंबर, पते और आधार एवं पासपोर्ट जैसी जानकारियां हैं। 20 करोड़ कर्मचारी भविष्यनिधि योजना के कर्मचारियों का डेटा लीक होने की खबर सामने आई है। एम्स के सर्वरों पर साइबर हमला, करोड़ों मरीजों का डेटा कंप्रोमाइज।
कोविन एप: डेटा लीकेज रोकने के लिए नंबरों को छिपाया
– कोरोना का टीका लगाने के लिए बनाए गए कोविन ऐप में डेटा सुरक्षा को लेकर सरकार का दावा है कि इसकी लिए कई कदम उठाए गए हैं।
– सभी लाभार्थी ने वैक्सीनेशन की जानकारी अपने पंजीकृत नंबर (registered number) के जरिए सिर्फ ओटीपी (OTP) के माध्यम से ही हासिल कर सकते हैं।
– आधार नंबर, मोबाइल नंबर और अन्य फोटो आई कार्ड के नंबरों को छिपा दिया गया है। इनमें से सिर्फ 4 अंक ही दिखाई देते हैं। एंक्रिप्शन एल्गोरिदम (encryption algorithms) के माध्यम से नागरिकों के कोविन डेटा को पूरी तरह गोपनीय बनाया गया है।
साइबर हमलों के हॉटस्पॉट हैं ये शहर
– बात की जाए साइबर हमलों (Cyber Attack) की तो मुंबई में 2.70 करोड़, पुणे मेंं 1.90 करोड़, बेंगलुरु में 1.70 करोड़, चेन्नई में 93 लाख, सूरत में 1.40 करोड़
– अहमदाबाद में 1.20 करोड़, तमिलनाडु में 2.01 करोड़, तेलंगाना में 1.38 करोड़ बार हमले हुए है।