क्राइम
चीन एप फ्रॉड: खुल रहे अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी के राज, Rs 1000 करोड़ से भी ज्यादा हो सकती है रकम
पिछले दिनों उत्तराखंड की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने चीन की स्टार्ट अप योजना में निवेश का झांसा देकर मोबाइल एप पावर बैंक के जरिये की गई अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी का पर्दाफाश किया था। अनुमान है कि ठगी की रकम Rs 1000 करोड़ से भी ज्यादा हो सकती है। पहले यह रकम Rs 250 करोड़ तक होने का अनुमान था, लेकिन जांच में जिस प्रकार से गिरोह के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का पता चल रहा है, उसमें यह रकम कहीं अधिक हो सकती है। अभी तक की जांच में Rs 520 करोड़ की ठगी सामने आ चुकी है। गिरोह के तार चीन और थाइलैंड समेत कुछ अन्य देशों से जु़ड़े हुए हैं। ऐसे में ते खुफिया एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है।
मामले की तार दिल्ली व कर्नाटक समेत देश के कई राज्यों से जुड़ी हुई है। बेंगलुरु पुलिस ने जानकारी दी है कि वहां पकड़े गए छह आरोपित छह अलग-अलग कंपनियों के निदेशक हैं। इनमें कुछ निदेशक उत्तराखंड के निवासियों से हुई धोखाधड़ी में शामिल बताए जा रहे। अब तक मिली 25 शिकायतों की जांच शुरू कर दी गई है और तीन मुकदमे दर्ज किए गए हैं। बता दें कि गत मंगलवार को उत्तराखंड एसटीएफ ने 15 दिन में रकम दोगुनी करने का झांसा देकर मोबाइल एप के जरिये हुई करोड़ों की साइबर ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया था। गिरोह का एक सदस्य पवन कुमार पांडे नोएडा से गिरफ्तार हुआ था।
चीन में बैठकर चला रहे थे साइबर ठगी का नेटवर्क
पावर बैंक एप से केवल 20 से 25 दिन में रकम दोगुना करने का झांसा देकर लाखों लोगों से ठगी की गई है। लोगों से ठगों ने तीन सौ रुपये से लेकर करोड़ों रुपये तक का निवेश कराया। पुलिस के अनुसार ठगी का रैकेट एक ही है,लेकिन मॉड्यूल अलग-अलग हैं। इसके पीछे चीनी नागरिक हैं, जो अपने देश से ही इस नेटवर्क को संचालित कर रहे हैं। भारत में उन्होंने अलग-अलग लोगों से फर्जी कंपनियां खुलवाईं और उनमें से अलग-अलग लोगों को डायरेक्टर बनाया गया। साइबर सेल के डीसीपी अन्येष राय ने बताया कि पुलिस ने ठगी में इस्तेमाल लिंक, भुगतान गेटवे, यूपीआइ आइडी, लेनदेन आइडी व बैंक खातों की पहचान की। उन कंपनियों का पता लगाया जहां ठगी के पैसे भेजे गए। पता चला कि बंगाल के उलुबेरिया का रहने वाला शेख राबिन एप से जुड़े हुए 30 खातों को चला रहा है। उससे चीनी नागरिकों ने टेलीग्राम के जरिये संपर्क किया था।
11 करोड़ रुपये सीज
अन्येष राय ने यह भी बताया कि शुरुआत में इसने चीनी नागरिकों के बैंक खाते खोले थे, लेकिन बाद में पैसे भेजने लगा। उसके पास 29 बैंक खाते और 30 मोबाइल फोन बरामद किए गए। फर्जी कंपनियों के कुछ निदेशकों के बारे में पता चला। उन्होंने बताया कि साइबर सेल ने आरोपियों की गिरफ्तारी से पहले बैंक खातों में जमा 11 करोड़ रुपये को गेटवे के माध्यम से सीज करा दिए थे।
सीए ने बनाई थी 110 फर्जी कंपनियां
डीसीपी अन्येष राय ने बताया कि ने चीन में बैठे एप निर्माताओं के कहने पर गुरुग्राम के सीए अविक केडिया ने 110 फर्जी कंपनियां बनाई। आनलाइन मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनियों के जरिये भारतीयों को पैसा निवेश करने व जल्द उन्हें दोगुना रिटर्न देने का भरोसा दिया गया। क्विक मनी अर्निंग एप के जरिये निवेशकों को शुरू में 24 से 35 दिनों के अंदर कुछ राशि लौटाई गई। इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा। इसके बाद वे और अधिक रकम निवेश करते गए।
एसटीएफ को मिलीं 19 और शिकायतें
पावर बैंक एप से की गई ठगी के मामले में उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के पास दिन ब दिन शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। गुरुवार को उसे 19 और शिकायतें प्राप्त हुईं। जांच के लिए कई टीमें अन्य राज्यों के लिए भी रवाना की गई हैं। चीनी एप का संचालन कर भारत में दर्जनों लोगों को ठगने का यह मामला देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स की कार्रवाई के बाद दिल्ली और बेंगलुरू में भी इस मामले में गिरफ्तारियां हुई और जांच जारी है। अब तक इस साइबर फ्राड में पांच सौ करोड़ से अधिक की ठगी की पुष्टि हो चुकी है। दून में पूर्व में 25 से अधिक शिकायतें प्राप्त हो चुकी थीं।
एसटीएफ ने खाते फ्रीज कराए
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि पहले बड़ी रकम से जुड़ी शिकायतों की जांच की जा रही है। पावर बैंक एप साइबर फ्राड में बेंगलुरू में भी छह कंपनियों के डायरेक्टर गिरफ्तार किए गए हैं। जिनमें तीन उत्तराखंड में ठगी से संबंधित हैं। उत्तराखंड एसटीएफ उक्त आरोपितों को बी-वारंट पर दून लाने की तैयारी कर रही है। कंपनी के निदेशकों से पूछताछ के बाद जांच का दायरा और बढ़ाया जाएगा।
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