क्राइम
साइबर अपराधियों ने पूर्व उपराष्ट्रपति, वित्त मंत्री और CJI के फेक WhatsApp अकाउंट बनाए, पाकिस्तान से जुड़ा है तार
पिछले तीन वर्षों में साइब अपराधियों ने पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, किरन रिजिजू और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ सहित अन्य हाई-प्रोफाइल लोगों का फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाए हैं। इन व्हाट्सएप अकाउंट का विश्लेषण करने के बाद जांच में पाकिस्तान, हांगकांग और नाइजीरिया के आईपी अड्रेस का पता चला।
इस सप्ताह की शुरुआत में नई दिल्ली जिला पुलिस के साइबर पुलिस स्टेशन ने सुप्रीम कोर्ट के सुरक्षा विंग के एक निरीक्षक पवन कुमार की शिकायत के आधार पर बीएनएस धारा 204 और आईटी अधिनियम की 66 (सी) के तहत एक एफआईआर दर्ज की। आरोप लगाया कि कोई व्यक्ति एक्स पर सीजेआई चंद्रचूड़ बनकर पैसे मांग रहा था।
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पुलिस के अनुसार पिछले साल भी स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस यूनिट में इसी तरह की एफआईआर दर्ज की गई थी। जांच से पता चला कि इस्तेमाल किए गए सिम कार्ड पश्चिम बंगाल, ओडिशा, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र से प्राप्त किए गए थे। अपराधों में शामिल व्हाट्सएप अकाउंट की जानकारी प्राप्त हुई। इसमें नाइजीरिया, हांगकांग और पाकिस्तान के आईपी एड्रेस के इस्तेमाल का पता चला। आईपी एड्रेस का एक ओपन सोर्स टूल पर विश्लेषण किया गया और पाया गया कि किसी वीपीएन या प्रॉक्सी का इस्तेमाल नहीं किया गया।
इन हाई प्रोफाइल नामों के फेक अकाउंट के मामले दर्ज
2022 से, दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी, पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया, दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, पूर्व सीजेआई एनवी रमना, भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल, दिल्ली हाई के न्यायाधीश न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह, रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने, पूर्व केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि और दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा के फेक अकाउंट के मामले दर्ज किए हैं।
सोशल मीडिया या इंटरनेट से लेते हैं फोटो
संदिग्ध व्यक्ति सोशल मीडिया या इंटरनेट से टारगेट की तस्वीर के साथ एक व्हाट्सएप अकाउंट बनाता है। इससे पहले, आरोपी एसएमएस फॉरवर्डिंग ऐप का उपयोग करके भारतीय फोन नंबरों के ओटीपी का पता लगता है या उन्हें टेलीग्राम ग्रुप्स से खरीदता है। कुछ संदिग्धों के फोन नंबरों के विश्लेषण के दौरान एक एसएमएस फॉरवर्डिंग ऐप, ‘थर्मल कैमरा ऐप’ के बारे में पता चला। पुलिस के अनुसार, थर्मल कैमरा ऐसा ऐप है, जो खूब एसएमएस भेजता है। यूजर को परेशान करने और डिवाइस के सामान्य कामकाज को बाधित करने के लिए थोड़े समय में नंबर पर संदेशों या यहां तक कि ओटीपी कॉल की बाढ़ आ जाती है।
ओटीपी खरीदने का तरीका
टारगेट की जानकारी से फर्जी अकाउंट खोलने के बाद उसके जानने वाले लोगों को संदेश भेजता है। उन्हें एमरजेंसी के बहाने ई-कॉमर्स साइट्स से ई-गिफ्ट कार्ड खरीदने और शेयर करने के लिए कहता है। उनमें से कुछ लोग इसे खरीदते हैं और संदिग्ध को भेजते हैं, जो उन्हें पैक्सफुल या टेलीग्राम पर बेचता है।