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Data Leak Alert : सिर्फ 599 रुपये में बिक रहा 30 लाख भारतीयों के क्रेडिट-डेबिट कार्ड का डेटा, बोलो खरीदोगे!

Sunil Maurya
7 Min Read
खास बातें
  • ऑनलाइन शॉपिंग या डिजिटल पेमेंट करने वाले लोगों के लिए ये खबर सबसे जरूरी
  • साल 2018 से 2020 तक में भारत के 70 लाख से ज्यादा लोगों का डेटा लीक
  • क्रेडिट कार्ड से लेकर डेबिट कार्ड, आधार, पैन कार्ड, जन्मदिन और सैलरी डिटेल तक लीक
  • रूस का हैकर महज 599 रुपये में 30 लाख भारतीय क्रेडिट कार्ड का डेटा बेच रहा है
  • यानी 1 रुपये में 5000 लोगों के क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की डिटेल बेची जा रही है
  • इस तरह सिर्फ 1 पैसे में 84 लोगों का डेटा बेचा जा रहा है, इसलिए हो जाइए अलर्ट  

By. Sunil Maurya & Mohd. Salman Khan 

अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो ये खबर आपको जरूर पढ़नी चाहिए। क्योंकि भारत में ऑनलाइन पेमेंट करने वाले 70 लाख लोगों से ज्यादा की डिटेल लीक हो चुकी है। यानी इन लोगों के डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड के साथ बैंक अकाउंट की पूरी डिटेल दुनिया में ऑनलाइन डार्कवेब पर बेची जा रही है। जब आप अपने क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड की डिटेल बेचने की कीमत जानेंगे तो दंग रह जाएंगे। सिर्फ 599 रुपये में 30 लाख लोगों के क्रेडिट कार्ड का डेटा बिक रहा है। यानी सिर्फ 1 रुपये में 5000 लोगों की डिटेल साइबर क्रिमिनल को बेची जा रही है। यानी 1 पैसे में 84 लोगों का डेटा बेचा जा रहा है। तो ये है हमारे सुरक्षित बैंक खातों की डिटेल की कीमत।

Darkweb पर 30 लाख भारतीय क्रेडिट कार्ड की रेट लिस्ट

जिसमें हम मेहनत और जिंदगी भर की कमाई को सहेज कर रखते हैं। ताकी बुरे वक्त में काम आए। लेकिन इन डेटा की मार्केट कीमत 1 पैसे भी नहीं है। इस बात का खुलासा हाल में ही अमेरिका के अटलांटा की साइबर सिक्योरिटी फोरम Cyble ने किया है। इसमें दावा किया गया है कि रूस के एक साइबर हैकर ने 70 लाख से ज्यादा भारतीयों और एनआरआई के बैंक खातों की डिटेल के साथ आधार कार्ड और पैन कार्ड की डिटेल भी ऑनलाइन बेच रहा है। इनमें 30 लाख क्रेडिट कार्ड का डेटा महज 599 रुपये में बेचा जा रहा है। जिसे कोई भी खरीद सकता है। इस बारे में साइबर सिक्योरिटी फोरम ने भारत की एजेंसी CERT.IN को भी सूचना दे दी है।

साल 2016 से 2020 तक का डेटा लीक, सरकारी कर्मचारी, IT, NRI का भी है डेटा

साइबर सिक्योरिटी फर्म साइबिल (Cyble) का दावा है कि भारत में लीक हुए डेटा वर्ष 2016 से लेकर 2020 तक के हैं। इनमें कोरोना लॉकडाउन के दौरान भी जब ज्यादातर कंपनियों के कर्मचारी घर से काम (Work From Home) कर रहे थे तब और ज्यादा डेटा लीक हुए हैं। एजेंसी का ये भी दावा है कि 66 प्रतिशत भारतीय कंपनियों का डेटा एक बार जरूर लीक हुआ है। इनमें से ज्यादातर डेटा लीक की घटनाएं उस समय हुईं हैं जब कर्मचारी घर से ऑफिस का काम कर रहे थे। वर्ष 2019 में भारत में साइबर सिक्योरिटी से संबंधित 3.13 लाख घटनाएं हुईं हैं। एजेंसी का दावा है कि साल 2016 से लेकर साल 2020 तक करीब 130 जीबी डेटा लीक हुआ है। इसमें सबसे ज्यादा डेटा साल 2018 के हैं। इस डेटा में लोगों के जन्मदिन, पैन कार्ड, आधार कार्ड, सैलरी डिटेल, ईमेल आईडी, फोन नंबर से लेकर, उनके डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड की डिटेल भी शामिल है। डेटा लीक में साइबर क्रिमिनल ने अलग-अलग कैटिगरी बनाई है। जिसके जरिए डेटा खरीदकर साइबर क्रिमिनल आसानी से अपने टारगेट तय कर सकते हैं।

इन कैटिगरी में बेचा जा रहा है डेटा

  • CEO, CFO, CMO
  • सरकारी कर्मचारी
  • क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड
  • High Income वाले कर्मचारी
  • बिजनेसमैन
  • डीमैट अकाउंट
  • कार मालिक
  • NRI
  • HR कर्मचारी
  • IT इंजीनियर

जानिए- लीक डेटा से साइबर क्रिमिनल कैसे करते हैं फ्रॉड

आप सोच रहे होंगे कि डेटा तो लीक हो गए लेकिन इनसे कोई साइबर क्रिमिनल आखिर कैसे फ्रॉड कर सकता है। क्या इस डेटा से कोई अकाउंट खाली कर सकता है? तो सिर्फ इन जानकारी से सीधे किसी का बैंक अकाउंट तो खाली नहीं हो सकता है लेकिन इनकी मदद से ये 100 प्रतिशत संभव है। दरअसल, अक्सर आपके पास फोन पर कोई बैंक कर्मचारी बनकर पहले आपको बातों में उलझाता है और फिर बैंक खाते को खाली कर देता है। असल में ये क्राइम इन्हीं डेटा की वजह से होता है। जैसे आपके पास कोई फोन कर कहता है कि वह बैंक कर्मचारी है और बैंक में दी गई आपकी डिटेल जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, जन्मदिन, डेबिट कार्ड या क्रेडिट नंबर ही बताकर भरोसा जीत लेता है। इसके बाद आप ये मान लेते हैं कि इतनी जानकारी रखने वाला बैंक कर्मचारी ही हो सकता है। इसके बाद वो साइबर क्रिमिनल कभी केवाईसी (KYC) तो कभी आपकी लिमिट बढ़वाने या फिर कार्ड को अपडेट कराने के नाम पर आपसे ओटीपी पूछ लेता है और फिर पैसे निकाल लेते हैं। इसके अलावा आपकी डिटेल के जरिए आपके मोबाइल नंबर को ही हैक कर ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए पूरे पैसे निकाल लेते हैं।

कहीं आपका डेटा तो लीक नहीं, इसलिए ये काम जरूर करें

  • फोन पर बात करते हुए चाहे बैंक कर्मचारी ही क्यों ना हो, उसे कोई जानकारी ना दें
  • ऑनलाइन बैंक, यूपीआई या डिजिटल पेमेंट करने वाले सभी ऐप का पासवर्ड मजबूत रखें
  • पासवर्ड को 8 से 10 डिजिट का और उसमें स्पेशल कैरेक्टर जैसे #,@,$ का इस्तेमाल जरूर करें
  • अपने पासवर्ड को एक महीने पर एक बार जरूर बदल लें, आसान पासवर्ड कभी ना रखें
  • किसी भी अनचाहे ईमेल पर या ऑफर वाले इंटरनेट लिंक पर क्लिक ना करें
  • कई बार कैशबैक ऑफर या लुभावने स्कीम के नाम पर हैकर्स लिंक भेजते हैं जिससे अलर्ट रहें

 

 

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