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क्राइम

इंटरमीडियरी दर्जा छिनते ही ट्विटर पर कार्रवाई,गाजियाबाद में केस दर्ज,धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप

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इंटरमीडियरी दर्जा छिनते ही ट्विटर पर कार्रवाई,गाजियाबाद में केस दर्ज,धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप

भारत में कानूनी संरक्षण छिनते ही माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर के खिलाफ केस दर्ज हो गया। ये केस उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में बुजुर्ग से मारपीट के बाद वायरल हुए फर्जी वीडियो को लेकर किया गया है। उसपर पर फर्जी वीडियो के जरिए धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगा है। मामले में ट्विटर के अलावा नौ लोगों पर केस दर्ज हुआ है। बता दें कि सरकार की बार-बार चेतावनी के बावजूद नए आईटी नियमों का पालन नहीं करने पर ट्विटर का यह कानूनी संरक्षण खत्म हुआ है।

दरअसल, हाल ही में गाजियाबाद के एक बुजुर्ग का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कुछ लोग बुजुर्ग की पिटाई करते नजर आ रहे थे। इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने के आरोप में ट्विटर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। एफआईआर में ट्विटर पर ‘भ्रामक कंटेंट’ नहीं हटाने का आरोप लगा है। पुलिस ने दावा किया कि सांप्रदायिक अशांति पैदा करने के लिए इस वीडियो का इस्तेमाल किया गया। एफआईआर में ट्विटर इंक, ट्विटर कम्युनिकेशंस इंडिया, समाचार वेबसाइट द वायर, पत्रकार मोहम्मद जुबैर और राणा अय्यूब, कांग्रेस नेता डॉ समा मोहम्मद, सलमान निजामी, मस्कूर उस्मानी और लेखक सबा नकवी के नाम हैं। एफआईआर में कहा गया है कि इन लोगों ने मामले की सच्चाई की पुष्टि नहीं की और सार्वजनिक शांति को बाधित करने और धार्मिक समूहों के बीच विभाजन पैदा करने के इरादे से इसे से ऑनलाइन शेयर किया।

एक स्थानीय पुलिसकर्मी की शिकायत के आधार पर मंगलवार रात करीब साढ़े 11 बजे गाजियाबाद के लोनी बार्डर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी। इस बीच, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने भी पुलिस कार्रवाई पर ध्यान दिया और पत्रकारों के नाम प्राथमिकी से हटाने की मांग की। उसने कहा कि पीसीआई ने यूपी सरकार से इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप करने की अपील की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करके पुलिस की मनमानी का आसान निशाना न बनाया जाए।

क्या है मामला
14 जून को सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो क्लिप में, बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति अब्दुल शमद सैफी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उसे कुछ युवकों ने पीटा और “जय श्री राम” का नारा लगाने के लिए कहा। हालांकि,गाजियाबाद पुलिस ने सांप्रदायिक एंगल से इंकार किया है। उसने कहा कि आरोपी एक “तबीज़” से नाखुश थे, जो उसने उन्हें बेचा था। गाजियाबाद (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक इरास राजा ने बुधवार को बताया कि सैफी से मारपीट के आरोप में तीन लोगों कल्लू गुर्जर, परवेश गुर्जर और आदिल को गिरफ्तार किया गया है।

मामले में शामिल अन्य लोगों की तलाश जारी
उन्होंने कहा कि पुलिस मामले में शामिल अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है, जिनमें पोली, हिमांशु, आरिफ और मुर्शीद शामिल हैं। प्राथमिकी में कहा गया है कि गाजियाबाद पुलिस ने घटना के तथ्यों के साथ स्पष्टीकरण बयान जारी किया था, लेकिन इसके बावजूद आरोपियों ने अपने ट्विटर हैंडल से वीडियो नहीं हटाया। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया था कि सैफी पर हमला करने वालों में हिंदू और मुस्लिम पुरुष भी शामिल थे और उनके बीच मारपीट व्यक्तिगत मुद्दों के कारण हुई।

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