Connect with us

क्राइम

सिर्फ 1 कॉल आई और ASI के खाते से निकले 31 लाख, 100 खातों में पैसे ट्रांसफर, जानें पूरा मामला

Published

on

By Sunil Maurya in Noida 

  • अब सरकारी ट्रेजरी कार्यालय का डेटा भी लीक!
  • जालसाजों ने ASI के रिटायरमेंट पर किया कॉल
  • ट्रेजरी ऑफिस और पीपीओ की डिटेल बताई
  • भरोसे में लेकर अकाउंट की डिटेल मांग ली
  • ऑनलाइन बैंक खाता एक्टिवेट कर हुई ठगी
  • पहले बागपत फिर नोएडा साइबर थाने में FIR

बस एक कॉल और बैंक खाते से 1 या 2 नहीं पूरे 31 लाख रुपये गायब। चौंक गए ना आप।अब और चौंकेंगे कि साइबर क्रिमिनल ने इन रुपयों को एक या दो बैंक खातों में नहीं बल्कि 100 से ज्यादा खातों में ट्रांसफर किए। ताकी पुलिस उनका सुराग नहीं लगा पाए। ये जानकर और दंग रह जाएंगे कि बैंक खाते से इतनी बड़ी रकम ट्रांसफर की गई लेकिन ना ही कोई OTP आया और ना ही कोई मैसेज आया। यानी साइबर क्राइम की ये घटना बड़ी साजिश के साथ अंजाम दी गई। पीड़ित ने बैंक में जब 10 हजार रुपये का चेक लगाया तो बाउंस हो गया। इसके बाद वो बैंक में जाकर पासबुक की एंट्री कराई तो पता चला कि खाते में 1 रुपये भी नहीं है। ये जानकर पीड़ित को चक्कर आ गया और वे बेहोश हो गए। इस सनसनीखेज घटना को लेकर नोएडा के साइबर थाने (Noida Cyber Police Staion) में एफआईआर दर्ज की गई है।

ASI के साथ हुई साइबर ठगी

साइबर ठगी की ये घटना किसी आम व्यक्ति के साथ नहीं बल्कि पीएसी में तैनात ASI रविंद्र शर्मा के साथ हुई है। ये इसी साल 31 मार्च 2020 को पीएसी से रिटायर्ड हुए थे। रिटायरमेंट पर ग्रेचुएटी, पीएफ और नौकरी के दौरान की सेविंग मिलाकर इनके बैंक खाते में कुल 31 लाख 10 हजार 490 रुपये थे। इनका बैंक खाता यूपी के बागपत में सिंभावली स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में है। रविंद्र शर्मा के बेटे एसएसबी में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि पिता की पूरी नौकरी और रिटायरमेंट के पैसे खाते में ही थे। जिसे बाद में निकालने के बारे में सोचा था। खाते से पैसे इसलिए नहीं निकाले थे कि घर से चोरी ना हो जाए। लेकिन साइबर ठगों ने इस घटना को अंजाम दे दिया और बैंक वालों की तरफ से भी इसमें लापरवाही बरती गई है। क्योंकि पैसे निकलने पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर कोई ओटीपी (OTP) भी नहीं आया।

पेंशनर खातेदारों का डेटा लीक

साइबर क्राइम की इस घटना में एक बड़ी चौंकाने वाली बात सामने आई है। साइबर क्रिमिनल ने 22 जून को जब रविंद्र शर्मा को फोन किया तब अपना परिचय ट्रेजरी कार्यालय में तैनात कर्मचारी के रूप में दिया था। यानी ये माना जा रहा है कि ट्रेजरी कार्यालय का भी डेटा इन साइबर क्रिमिनल के पास पहले से मौजूद है। उसने बताया था कि आपका पीपीओ यानी Pension payment order (PPO) को अपडेट करना है। इस पर रविंद्र शर्मा को शक हुआ तो उन्होंने पूछा कि कैसे भरोसा करें। इसके बाद साइबर क्रिमिनल ने बताया कि उनका पीपीओ नंबर ये है और रिटायरमेंट डेट के साथ ये भी बताया कि आपकी ग्रेचुएटी इतने साल में इतनी बनी है। ये जानकर रविंद्र शर्मा को भरोसा हो गया और उसके पूछे गए सवालों के जवाब दे दिए थे। लेकिन फिर भी शक हुआ तो तुरंत बैंक जाकर अपने खाते को होल्ड करा दिया था। लेकिन उन्हें शक था कि कहीं पैसा निकल ना जाए। इसलिए उन्होंने अपने खाते से 20 लाख रुपये निकालकर फिक्स डिपाजिट (Fixed Deposite) करा दिया था। इसी दौरान इनका खाता फिर से अनहोल्ड हो गया। जिसके बाद जालसाजों ने इनके नाम से ऑनलाइन खाता एक्टिवेट करा लिया और फिर पूरे 31 लाख 10 हजार 490 रुपये निकाल लिए।

50 से ज्यादा शहरों के 100 खातों में ट्रांसफर किए पैसे

इन पैसों को जालसाजों ने देश के 50 से ज्यादा शहरों के 100 से ज्यादा बैंक खातों में ट्रांसफर किए हैं। जिनके बारे में पुलिस पता लगा रही है। अब तक की जांच में पता चला कि इस घटना के पीछे झारखंड के जामताड़ा में रहने वाले गैंग का हाथ है। जिन्होंने किराये पर लिए बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए हैं। ताकी पुलिस उनतक नहीं पहुंच सके। फिलहाल, साइबर थाने की पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि पहले ये मामला यूपी के बागपत में दर्ज हुआ था। लेकिन जांच में देरी होने के कारण पीड़ित की मांग पर केस को नोएडा साइबर थाने में दर्ज किया गया है।

Cyber Crime Safety Tips

  • कभी भी फोन पर बैंक संबंधी कोई बात ना करें
  • आपकी हर डिटेल इंटरनेट पर है इसलिए रहें अलर्ट
  • जालसाज हमेशा आपकी डिटेल बताकर फंसाते हैं
  • इसलिए हमेशा बैंक में जाकर ही कोई डिटेल दें
  • समय-समय पर बैंक पासबुक अपडेट कराएं