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क्राइम

अब साइबर अपराधियों की खैर नहीं! निपटने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस की मास्टर ट्रेनिंग शुरू

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अब साइबर अपराधियों की खैर नहीं! निपटने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस की मास्टर ट्रेनिंग शुर

साइबर अपराध के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए यूपी पुलिस को सक्षम बनाने की कवायद शुरू हो गई है। लोगों के खातों से उनकी मेहनत की कमाई चंद मिनटों में उड़ाने वाले साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस और ज्यादा हाईटेक हो रही है। उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक एचसी अवस्थी ने साइबर सेल के जवानों को नई ट्रेनिंग देने का आदेश दिया है। इसमें साइबर अपराधों से संबंधित कानून, वेबसाइट, आर्थिक अपराध और इंटरनेट मीडिया पर होने वाले अपराधों में आरोपियों को ट्रेस करने के गुर सिखाए जाएंगे।

पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी के मुताबिक वर्तमान समय में स्मार्ट फोन, कंप्यूटर और इंटरनेट का उपयोग बढ़ रहा है। एक तरफ जहां इन सबका सदुपयोग हो रहा है, वहीं ऐसे में अपराधी इनका दुरुपयोग भी कर रहे हैं। शहरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। इसलिए पुलिसकर्मियों को डिजिटल इन्वेस्टीगेशन के साथ-साथ साइबर अपराध की जानकारी होना आवश्यक है। साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए रोज नए-नए तरीके अपना रहे हैं अपराधियो के निशाने पर मुख्य रूप से पेंशन धारक-बुजुर्ग व निकट भविष्य में रिटायर होने वाले पुलिसकर्मी भी शामिल है।

यह साइबर अपराधी अक्सर पुलिसकर्मियों के ट्रेजरी अफसर बनकर या बैंककर्मी बनकर फोन करके उनका पीएनओ नंबर, जैसी निजी जानकारी हासिल करने का प्रयास करते हैं और एनी डेस्क/बरगलाकर क्वीक जैसी रिमोट एक्सैस करने वाली एप का इस्तेमाल कर आपके फोन को पूरी तरह से हैक कर लेते है और बैंक खाते की गोपनीय जानकारी आसानी से प्राप्त कर लेते हैं। इसे लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस जनता को जागरूक करने का प्रयास कर रही है। पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी ने आदेश जारी करते हुए कहा की सभी एसएसपी, एसपी, सीओ, अपने-अपने जनपदो में बुजुर्ग व रिटायर होने वाले पुलिस कर्मीओ को साइबर अपराध से जुड़ी जानकारी दें।

निर्देश में दी गयी महत्वपूर्ण जानकारी:
– किसी भी अंजान व्यक्ति को ओटीपी, डेबिट/क्रेडिट कार्ड डिटेल एवं यूजर आईडी पासवर्ड शेर न करें, चाहे वह कर्मी हो या ट्रेजरी आफिसर या अन्य कोई।
– कोई व्यक्ति यदि बातों-बातों में आपसे कोई रिमोट एक्सेस एप जैसे एनी डेस्क, बरगलाकर क्वीक आदि डाउनलोड करने को कहे तो उसे डाउनलो़ न करें।
– कोई व्यक्ति किसी एसएमएस, ईमेल व्हाट्सएप के द्वारा कोई लिंक भेजे तो उसे न खोलें।
– किसी भी कंपनी का नंबर गूगल पर सर्च करने से बचें, नंबर केवल कंपनी द्वारा दिये गए डॉक्युमेंट, प्रॉडक्ट अथवा केवल आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ही लें।
– एटीएम से पैसे निकलते वक़्त सावधानी बर्तें। ध्यान रखें कोई आसपास न हो।
– अपने मोबाइल को किसी भी अंजान व्यक्ति को न दें और फर्जी तरीके से सिम पोर्ट करने वालों से बचें।-