आगरा में बैठकर अमेरिका में कर रहे थे ठगी, सरगना इंजीनियर सहित तीन गिरफ्तार

आगरा में बैठकर अमेरिका में कर रहे थे ठगी, सरगना इंजीनियर सहित तीन गिरफ्तार

The420.in
3 Min Read

ताजनगरी आगरा में बैठकर अमेरिका में ठगी करने के मामले का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। मास्टर माइंड इंजीनियर ने दयालबाग में आफिस खोलकर दो साल में बड़ी संख्या में अमेरिकी नागरिकों का डाटा लेकर उनसे नौकरी और लोन दिलाने के नाम पर ठगी कर ली। पुलिस ने सरगना समेत तीन को गिरफ्तार किया है। इनके पास से बरामद लैपटाप, कंप्यूटर और मोबाइल में सैकड़ों लोगों का डाटा मिला है। पुलिस इनकी स्टडी कर रही है।

न्यू आगरा थाना पुलिस और साइबर सेल की टीम ने शुक्रवार रात खंदारी पुल चौराहे पर चेकिंग के दौरान न्यू आगरा के गुलमोहर वाटिका निवासी गौरव तोमर, जंगजीत नगर निवासी आशीष शर्मा और शाहगंज के आजमपाड़ा निवासी वसीम को गिरफ्तार कर लिया। एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि गिरोह का सरगना गौरव बीटेक कर चुका है। आठ माह दिल्ली में मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करने के बाद वह वापस आ गया। 2018 में गुलमोहर वाटिका में इनोवेटिव टेली प्रोसेस के नाम से बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिग (बीपीओ) सेक्टर की कंपनी खोली। इसके माध्यम से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सेवाएं देने का वादा किया जाता था। गिरफ्तार किए गए दो अन्य आरोपी उसके यहां नौकरी कर रहे थे।

https://twitter.com/agrapolice/status/1411275009063112706

ऐसे बनाते थे शिकार
अमेरिका के डाइस पोर्टल से लोगों के रिज्यूम व डाटा व‌र्ल्ड से लोगों का एक डालर प्रति व्यक्ति के हिसाब से डाटा लेकर उनकी लोन रिक्वायरमेंट देखते थे। सोशल सिक्योरिटी नंबर लेकर उनकी क्रेडिट हिस्ट्री एक्सेस करते हैं। इसके बाद उनसे मेल और इंटरनेट कॉलिंग से संपर्क करते थे। शातिरों ने कई अमेरिकी ब्रोकर्स से भी संपर्क कर रखा था। वे उनके माध्यम से ई वालेट या यूपीआइ के माध्यम से रकम अपने ई वालेट में लेते थे। इसके बाद खाते में ट्रांसफर कर इसे निकाल लेते थे। कंसल्टेशन फीस के नाम पर 20 से 40 डालर प्रति केस लिए जाते थे। नौकरी लगने पर और लोन पास हो जाने पर कमीशन लेते थे। आरोपियों ने बहुत से लोगों से फीस लेकर न तो नौकरी लगवाई और न लोन कराया।

बिना लाइसेंस कारोबार
एसपी के मुताबिक मर्चेंट कैश एडवांस में बिजनेस लोन व पर्सनल लोन दिलाने के लिए अनिवार्य डाट लाइसेंस होना चाहिए, जो आरोपियों के पास नहीं था। डिपार्टमेंट आफ टेली कम्युनिकेशन में भी पंजीकरण नहीं करा रखा था।

बोलते हैं फर्राटेदार अंग्रेजी
गिरफ्तार गौरव और उसके साथी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं। गिरफ्त में आने के बाद भी मानने को तैयार नहीं थे कि वे ठगी कर रहे हैं। वे उसे बिजनेस बता रहे थे।

Follow The420.in on FacebookTwitterLinkedInInstagramYouTube & Telegram

Stay Connected

Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *