क्राइम
Hackers के लिए आपका फोन हैक करना है बहुत ही आसान, इन 5 तरीकों को जानकर अपने स्मार्ट फोन को करें Safe
आज के समय हमारा 90 प्रतिशत कॉन्फिडेंशियल डेटा (confidential data) मोबाइल फोन में रहता है। इनमें बैंक की डिटेल हो, जरूरी पासवर्ड से लेकर फोटो और कॉन्टेक्ट डिटेल तक। सब कुछ ही बहुत महत्वपूर्ण होता है। वहीं जितना जरूरी फोन में हमारा डेटा होता है। साइबर हैकर्स के लिए मोबाइल को हैक करना उतना ही आसान होता है।
हैकर्स आप के फोन में चुपके से एक्सेस पाकर आपका फोन हैक कर आपको वित्तीय, शारीरिक, सामाजिक के साथ ही रिश्तेदारों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में इन हैकर्स से सावधान रहने के लिए हम आप को बताने जा रहे हैं, हैकर्स की वजह 5 तरकीब। जिनसे वह आप के फोन को हैक कर किसी भी घटना को अंजाम दे सकते हैं। इसमें दिए इन बिंदुओं को पढ़कर आप अपने मोबाइल फोन को सुरक्षित भी कर सकते हैं।
जानें कैसे हैक होता है आप को मोबाइल
दरअसल, किसी भी स्मार्टफोन को हैक करने के लिए ऐप या वायरस को आप के मोबाइल में इंस्टॉल किया जाता है। हैकर्स यह काम बहुत ही चालाकी से कर देते हैं। वह खुद आप से ही ऐप्स और वायरस को डाउनलोड कराते हैं। जिसकी भनक तक आप को नहीं लगती और एक बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है।
हैकर्स ऐसे हैक करते हैं आपका मोबाइल फोन
Malicious Apps उन ऐप्स को कहा जाता है जो कंप्यूटर द्वारा लोड किये जाते हैं। इनमें कुछ खतरनाक कोड छिपे होते हैं। यह छूट, ऑफर, मेंबरशिप और विश वाले मैसेज लिंक के रूप में ऐप्स के जरिये आप तक पहुंचाये जाते हैं। जैसे ही व्हॉट्सऐप, टेलीग्राम या अन्य सोशल मीडिया के जरिये आए इस तरह के मैसेज लिंक पर क्लिक करते हैं। ये मालवेयर आप के मोबाइल फोन में डाउनलोड हो जाते हैं। इसकी हमें भनक तक नहीं लगती, लेकिन हैकर्स इनके जरिये हमारे मोबाइल फोन में अपना कब्जा जमा लेते हैं।
स्पैम लिंक (Spam Links)– स्पैम लिंक को आप के मोबाइल तक भेजने के लिए हैकर्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस से लेकर मैसेज का इस्तेमाल करते हैं। यह मैसेज के रूप में एक शॉर्ट लिंक भेजते हैं। लिंक पूरा न होने की वजह से आप इसे समझ नहीं पाते, लेकिन जैसे ही इस पर क्लिक करते हैं। मोबाइल फोन में इंफेक्टड फाइल या ऐप डाउनलोड हो जाता है। जो मोबाइल को हैक कर देता है।
पॉपअप Pop-Up इंटरनेट ब्राउंजिग के दौरान साइट व सर्चिंग के दौरान सक्रिन पर कई पॉप अप दिखाई देते हैं। इनमें से कुछ तो एड होते हैं, लेकिन कुछ बहुत ही खतरनाक वायरस होते हैं। इन पर गलती से भी क्लिक होते ही यह मालवेयर डाउनलोड होकर मोबाइल से लेकर कंप्यूटर तक हैक कर लेते हैं।
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फिशिंग (Phishing) हैकर्स फिशिंग का इस्तेमाल बड़े बड़े अपराध करने में कर चुके हैं। हैकर्स किसी भी बड़ी से लेकर सरकारी कंपनी, कर्मचारी या फिर बिजनेस के नाम पर मिलती जुलता मैसेज और लिंक भेज देते हैं। जैसे ही आप किसी ब्रांड या बड़ी सरकार कंपनी का नाम देखकर मैसेज में आए लिंक पर क्लिक करते हैं। यह ऐप आप के मोबाइल फोन में डाउनलोड हो जाता है। इस दौरान यह कई परमिशन मांगता है। यह परमिशन मिलते ही हैकर आप के मोबाइल फोन को हैक कर सकते हैं।
इमेल अटैचमेंट Email Attachment अगर आप मेल पर एक के बाद एक मार्केटिंग कंपनियों के ईमेल आते रहते हैं और आप सभी को देखते हैं। तो इसमें भी सावधानी बरतें। इसकी वजह हैकर्स द्वारा कई बाद मार्केटिंग कंपनियों के ईमेल में लिंक अटैच करके भेजना है। जिस पर क्लिक करते ही आपका कंप्यूटर और मोबाइल हैक हो जाता है। यह नकली लिंक गूगल ड्राइव से लेकर वीडियो का भी हो सकता है।
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