क्राइम
स्कूली छात्र ने फोन पर देखा अश्लील वीडियो, सजा के तौर पर पूरे परिवार को छोड़ना पड़ा शहर, प्रिंसिपल भी बेदखल, जानें मामला

Cyber Crime News : मोबाइल फोन पर अश्लील वीडियो देखने पर क्या सजा हो सकती है? सोचिए, लेकिन ये खबर पढ़कर आप चौंक जाएंगे। अभी हाल में ही अश्लील वीडियो या पोर्न वेबसाइट देखने को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस की निगरानी होने की खबर से हड़कंप मच गया था। लेकिन बाद में पुलिस ने स्पष्ट कर दिया था कि किसी पोर्न वेबसाइट नहीं बल्कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने या उसे बढ़ावा देने पर पॉप-अप मैसेज के जरिए लोगों को पहले चेतावनी दी जाएगी। यहां तो सिर्फ चेतावनी की बात है लेकिन दुनिया में एक देश ऐसा भी है जहां पोर्न या अश्लील वीडियो देखने पर सजा के तौर पर फांसी तक दी जा सकती है।
इस बात पर शायद आपको भरोसा ना हो। लेकिन ये सच है। ये देश है उत्तर कोरिया (North Korea)। इस देश की सरकार ने अश्लील वीडियो देखे जाने के खिलाफ एक अभियान की शुरुआत की है। इसके लिए खासतौर पर स्कूलों में छात्रों को जागरुक करने के लिए अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के दौरान ये बताया जा रहा है कि अगर कोई छात्र कहीं भी चाहे वो स्कूल हो या घर पर, वो अश्लील सामग्री से किसी भी तरह जुड़े पाए जाते हैं, उन्हें मौत की सजा दी जाएगी। तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong Un) का मानना है कि अश्लील वीडियो देखने से समाज बर्बाद होता है। इसी वजह से एक स्कूली छात्र को अश्लील वीडियो देखते हुए पुलिस ने आईपी एड्रेस ट्रैस करके उसे दबोच लिया और फिर उसे और उसके परिवार को उस इलाके से हमेशा के लिए बेदखल कर दिया गया।
छात्र किस्मतवाला निकला, नहीं तो मिल सकती थी फांसी!
उत्तर कोरिया में छात्र को अश्लील वीडियो देखने पर सिर्फ उसे और उसके परिवार को ही सजा नहीं मिली। बल्कि उसके स्कूल प्रिंसिपल को भी सजा दी गई। दरअसल, सरकार का मानना है कि बच्चा क्या करता है, इसके पीछे स्कूल मैनेजमेंट की भी उतनी ही जिम्मेदारी है जितनी परिवार की है। इसलिए इसी मामले में आरोपी छात्र जिस स्कूल में पढ़ता था उसके प्रिंसिपल पर भी एक्शल लिया गया है। जानकारी के मुताबिक, ये कहा जा रहा है कि लड़के की किस्मत इसलिए अच्छी रही कि उसे फांसी के फंदे पर नहीं लटकाया गया। इसके बजाय जिस स्कूल में ये लड़का पढ़ाई करता था, वहां के प्रिंसिपल को लेबर कैंप में भेज दिया गया।