क्राइम
बेटे के टेस्ट के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक करना रिटायर्ड नेवी ऑफिसर को पड़ा भारी, 1 लाख रुपये से अधिक का लगा चूना
क्या ऑनलाइन सर्च इंजन से आपको मिलने वाली हर जानकारी, खास तौर पर प्रतिष्ठित संस्थानों के संपर्क नंबर असली होते हैं? अगर आपको लगता है कि सही होते हैं तो आप साइबर ठगी के शिकार हो सकते हैं। साइबर अपराधी सर्च इंजन प्लेटफॉर्म पर फर्जी हेल्पलाइन और संपर्क नंबर अपलोड कर रहे हैं। इस पर कॉल करने के बाद लोग ठगे जा रहे हैं।
भायंदर के एक 75 वर्षीय रिटायर नौसेना अधिकारी को साइबर ठगों ने 1 लाख रुपये से अधिक का चूना लगा दिया। उन्होंने गुरुवार को टीबी से पीड़ित अपने बेटे का एक्स-रे कराने के लिए अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए सर्च इंजन पर डायग्नोस्टिक लैबोरेटरी का कॉन्टैक्ट डिटेल्स खोजने की कोशिश की। इसके बाद वह ठग लिए गए।
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पुलिस को दिए गए अपने बयान में शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने लैब के नंबर पर संपर्क किया, जो ऑनलाइन अपॉइंटमेंट की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर के रूप में सूचीबद्ध था। कॉल उठाने वाले व्यक्ति ने शिकायतकर्ता से बुकिंग के लिए रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में डिजिटल वॉलेट में 5 रुपये ट्रांसफर करने को कहा। शिकायतकर्ता ने ऐसा किया। इसके बाद उसे अपॉइंटमेंट की तारीख और समय की पुष्टि करने वाला एक टोकन नंबर मिला। हालांकि, एक दिन बाद, उसे यह जानकर झटका लगा कि उसके बैंक खातों से पांच ट्रांजैक्शन के ज़रिए 1.06 लाख रुपये निकाल लिए गए थे। यह इस तथ्य के बावजूद हुआ कि उसने न तो अपने बैंक खाते की डिटेल शेयर की और न ही वन-टाइम पासवर्ड (OTP)।
पूर्व नौसैनिक ने तुरंत पुलिस को इस धोखाधड़ी के बारे में सूचित किया। शिकायत के आधार पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318 (4) के तहत धोखाधड़ी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 (सी) और 66 (डी) के तहत साइबर धोखाधड़ी का मामला नवघर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है। आगे की जांच चल रही है। अज्ञात कॉल करने वालों/भेजने वालों से निपटने के दौरान सावधानी बरतने और जल्द से जल्द शिकायत दर्ज करने (गोल्डन ऑवर) की आवश्यकता पर जोर देते हुए, एमबीवीवी पुलिस ने कहा कि लोग स्थानीय पुलिस स्टेशनों से संपर्क कर सकते हैं। वे सीधे 1930 पर साइबर क्राइम सेल से संपर्क कर सकते हैं। साथ ही www.cybercrime.gov.in पर ईमेल के माध्यम से ऑनलाइन धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने का अतिरिक्त विकल्प भी है।