तत्काल टिकट में फर्जीवाड़ा

Tatkal Ticket : जिसे बुक करने में डेढ़ मिनट लगते हैं उसे 40 सेकेंड में हैकर्स करते हैं बुक, इसलिए नहीं मिलता है कन्फर्म टिकट

Sunil Maurya
5 Min Read

क्या आपको रेलवे की तत्काल ऑनलाइन टिकट आसानी से मिल जाता है? ज्यादातर लोगों का जवाब होगा…नहीं। इसी तरह रेलवे टिकट काउंटर पर भी जाकर आप तत्काल टिकट लेते हैं तो क्या आपको वो मिल जाता है? आपका भी यही जवाब होगा….लाइन में लगे शुरू के नंबर-1 से 3 या ज्यादा से ज्यादा 4 लोगों को ही कन्फर्म टिकट मिलती है। बाकी को तो वेटिंग टिकट ही नसीब होती है। आखिर इसके पीछे क्या कारण है? क्या रेलवे में तत्काल टिकट का कोटा कम हो गया है? दरअसल, रेलवे में तत्काल टिकट का कोटा खत्म नहीं हुआ है बल्कि साइबर क्रिमिनल और हैकर्स ने ऐसे सॉफ्टवेयर बना दिए हैं जो IRCTC की वेबसाइट को डीकोड कर तत्काल टिकट की बुकिंग कर देती है। ये सॉफ्टवेयर पिछले कई साल से ऑनलाइन बेची जा रही है। इसके लिए बकायदा कई वॉट्सऐप नंबर भी हैं जिनके जरिए देशभर के टिकट बुकिंग करने वाले एजेंट अवैध तरीके से अंजाम दे रहे हैं।

रेलवे के तत्काल टिकट में फर्जीवाड़ा करने वाले एक एजेंट को यूपी एसटीएफ ने बस्ती से गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी सद्दाम है। वह यूपी के बस्ती में अंसारी टूर एंड ट्रेवल्स के नाम से रेलवे और बसों की टिकट बुकिंग करता है। ये किसी भी ट्रेन की तत्काल कन्फर्म टिकट देने का दावा करता है। इस बारे में एसटीएफ को जानकारी मिली तो 13 दिसंबर को इसे गिरफ्तार कर लिया गया। यूपी पुलिस इस आरोपी से पूछताछ कर तत्काल टिकट की बुकिंग का सॉफ्टवेयर बनाने वाले पूरे गैंग का पता लगा रही है।

14 से ज्यादा सॉफ्टवेयर जिनके जरिए देश भर में हो रही 30-40 सेकेंड में बुकिंग

IRCTC की वेबसाइट को डीकोड करके इस समय 14 से ज्यादा अलग-अलग सॉफ्टेवयर की मदद से महज 30 से 40 सेकेंड में तत्काल टिकट की बुकिंग हो रही है। इन बुकिंग के लिए इन दिनों Red Mirchi और Rare Mango जैसे सॉफ्टवेयर की सबसे ज्यादा डिमांड है। जिसकी मदद से भारत भर में तत्काल टिकटों की अवैध तरीके से बुकिंग हो रही है। यही वजह है कि आप खुद से IRCTC की वेबसाइट से ऑनलाइन बुकिंग करते हैं तो टिकट कन्फर्म नहीं होती है। इसी तरह रेलवे टिकट काउंटर पर भी नंबर-1 और उसके बाद वाले कुछ लोगों को ही कन्फर्म टिकट मिल पाती है।

फर्जी वॉट्सऐप नंबर से दिल्ली-मुंबई में रहकर चला रहे नेटवर्क

ऑनलाइन तत्काल टिकट की बुकिंग करने के लिए रेलवे की वेबसाइट को डीकोड करके कुछ साइबर हैकर ने अलग-अलग सॉफ्टेवयर बनाए हैं। इन सॉफ्टवेयर को ऑनलाइन देशभर में बेच रहे हैं। इस गैंग ने सॉफ्टवेयर को बेचने से लेकर उसे इंस्टॉल करने के तरीके के लिए एक वेबसाइट भी बना रखी है। www.tatkalsoftwarenow.com नाम से इस वेबसाइट पर एक वॉट्सऐप नंबर भी दिया गया है। जिस पर संपर्क करके देश भर के टिकट बुकिंग एजेंट 30-40 सेकेंड में तत्काल टिकट की बुकिंग करते हैं। 

टिकट एजेंट के कंप्यूटर को रिमोट पर लेकर सॉफ्टवेयर करते हैं इंस्टाल

तत्काल सॉफ्टवेयर नाऊ नामक वेबसाइट के जरिए ये गैंग लोगों को नए-नए सॉफ्टवेयर खरीदने के तरीके से लेकर उसे इंस्टॉल करने के बारे में भी जानकारी दे रहा है। यही नहीं, अगर किसी को दिक्कत आ रही है तो उसे समझाते हुए वीडियो भी अपलोड कर दिया है। इसके अलावा भी अगर किसी को दिक्कत होती है तो वॉट्सएप नंबर पर शिकायत मिलने के बाद उसके कंप्यूटर को रिमोट पर लेकर उसे खुद ही इंस्टॉल कर देते हैं। इस तरह लोगों को आसानी हो जाते है हालांकि इसके लिए 200 रुपए या इससे ज्यादा का चार्ज भी लेते हैं।

गैंग की अभी की प्रति महीने 80 लाख रुपए की आमदनी

यह गैंग इस समय तक 8000 से ज्यादा सॉफ्टवेयर बेच चुका है। इनसे हर महीने के चार्ज के रूप में 1 हजार रुपए लिया जाता है। यानी प्रति महीने इनकी 80 लाख रुपए की कमाई है। एक महीना पूरा होते ही अगर सॉफ्टवेयर को रिचार्ज नहीं कराया तो ऑटोमेटिक वे बंद हो जाते हैं। इसके लिए गैंग ने पेटीएम से लेकर कई बैंकों की डिटेल को भी अपने वेबसाइट पर डाल रखा है।

ये हैं वो 14 सॉफ्टवेयर जिनसे होती है बुकिंग

1- रेयर मैंगो

2 -रेड मिर्ची

3 – ब्लैक-टीएस फास्ट

4 –  तेज

5 – काउंटर-वी-2

6 -आई-स्मार्ट

7 – ओशियन

8 -तत्काल किंग

9 -एनएमएक्स

10 -स्टार

11 -स्कॉर्पियो

12 -स्पार्क

13 -सुपर तत्काल

14- तत्काल प्लस

Stay Connected

TAGGED:
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *