क्राइम
फोन पे का फर्जी कस्टमर केयर बनकर लाखों की ठगी करने वाला मास्टरमाइंड झारखंड से गिरफ्तार, जानें पूरा मामला
लखनऊ : गूगल पर कस्टमर केयर नंबर सर्च करने वालों से ठगी करने वाले मास्टरमाइंड साइबर क्रिमिनल को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस आरोपी के झारखंड के देवघर से दबोचा गया। इस शख्स ने हाल में ही लखनऊ के व्यक्ति अतुल श्रीवास्तव से फोन पे का कस्टमर केयर अधिकारी बताकर मदद करने के नाम पर 5 लाख रुपयों की ठगी की थी। इस मामले में अक्टूबर 2020 में लखनऊ के गुडंबा थाने में आईटी एक्ट की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस केस की साइबर थाने की पुलिस ने जांच शुरू की थी। इसके बाद साइबर थाने की पुलिस ने जांच करते हुए मुख्य आरोपी को दबोच लिया।
पकड़ा गया साइबर क्रिमिनल सद्दाम हुसैन है। ये पिछले काफी समय से साइबर ठगी को अंजाम दे रहा है। यूपी के एसपी साइबर क्राइम प्रो. त्रिवेणी सिंह ने बताया कि इनका एक गैंग है। ये गैंग कस्टमर केयर की वेबसाइट बनाकर उसका गूगल पर विज्ञापन करा देते थे। इस तरह गूगल पर फोनपे या अन्य किसी कंपनी का कस्टमरकेयर नंबर सर्च करने पर साइबर जालसाजों का नंबर पहले पेज पर आ जाता था। ऐसे में लोग जैसे ही कस्टमर केयर समझकर कॉल करते थे तो उनकी बात साइबर क्रिमिनल से होती थी। इसके बाद ये साइबर क्रिमिनल मदद करने के नाम पर बैंक खाता ही खाली कर देते थे।
ऐसे करते थे ठगी : रिमोट ऐप डाउनलोड करा निकाल लेते थे पैसे
एसपी साइबर क्राइम ने बताया कि अक्सर लोग जब कोई ऑनलाइन पेमेंट करते थे और कोई गड़बड़ी हो जाती थी तभी लोग कस्टमर केयर को कॉल करते हैँ। ऐसे में ये साइबर क्रिमिनल खुद को कस्टमर केयर अधिकारी फोन पर बात करते हुए ही पैसे ट्रांसफर करने की बात करते थे। जबकि असलियत में कभी भी ऐसा नहीं होता है। शिकायत करने के बाद ऑटोमेटिक तरीके से कटे हुए पैसे रिफंड हो जाते हैं। लेकिन ये साइबर क्रिमिनल पैसे रिफंड करने के लिए रिमोट ऐप जैसे एनी डेस्क, टीम व्यूवर या क्विक सपोर्ट डाउनलोड करा लेते थे।
दरअसल, रिमोट ऐप के जरिए साइबर क्रिमिनल किसी के मोबाइल फोन की एक्टिविटी को आसानी से देख सकते हैं। इस तरह ये साइबर क्रिमिनल कस्टमर को जाल में फंसाकर महज 1 या 10 रुपये किसी पहचान वाले के एकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए कहते थे। इस दौरान साइबर क्रिमिनल अकाउंट का पासवर्ड और अन्य डिटेल देख लेते थे। इसके बाद साइबर क्रिमिनल उसी डिटेल के जरिए कस्टमर के अकाउंट से ही पैसे निकाल लेते हैं। इसलिए कभी भी ऐसे रिमोट ऐप को डाउनलोड नहीं करना चाहिए।