क्राइम
Sextortion का नया माया जाल: लड़की ने किया Suicide आपके कारण! लाखों दो या जेल जाओ
आपने आज तक साइबर क्राइम के कई तरीकों के बारे में सुना होगा। जिनमें से कई तो ऐसे होते हैं जिसकी हमने कल्पना कभी ही नहीं की होती। देश के अलग-अलग कोने से ऐसे ही कुछ मामले सामने आ रहे हैं। जहां ठगी के लिए वीडियो कॉल का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक वीडियो कॉल से लोगों को साइबर अपराधी ठगी का शिकार बना रहे हैं।
दरअसल, इससे पहले आपने वीडियो कॉल से हो रहे क्राइम के कई मामलों के बारे में सुना या पढ़ा होगा, जिसमें अपराधी लोगों को वॉट्सऐप पर वीडियो कॉल करते हैं। कॉल रिसीव होते ही दूसरी ओक से युवती न्यूड होने लगती है। इस दौरान फ्रॉड उन लोगों की स्क्रीन रिकॉर्डर के जरिए दोनों का अश्लील वीडियो बना लेते हैं और बाद में ये वीडियो भेजकर उन्हें ब्लैकमेल कर पैसों की मांग करते हैं। लेकिन अब साइबर ठगों ने अपने इस तरीके में कुछ बदलाव किया है ताकि और ज्यादा पैसों की ठगी कर सकें। अब वे पीड़ितों को उन लड़कियों का एक फेक मृत वीडियो बनाकर भेज रहे हैं। ताकि मामला दबाने के लिए उनसे ज्यादा पैसे मांग सके।
कानून प्रवर्तन एजेंसियों (Law Enforcement Agencies) को संदेह है कि साइबर ठग इन भ्रामक और नकली वीडियो को बनाने के लिए डीप फेक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल जैसी तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ऐसे करते हैं ठगी
बता दें कि साइबर ठग पहले लोगों को वीडियो कॉल कर उसे वीडियो रिकॉर्ड कर लेते हैं। उसके बाद उस वीडियो को घुमा फिराकर एक विकृत नग्न वीडियो के साथ जोड़ देते हैं। ताकि पीड़ित मामले को दबाने के लिए मजबूर हो जाए। इसके बाद, “वे पीड़ित के संपर्कों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर छेड़छाड़ किए गए वीडियो को जारी करने से रोकने के लिए फिरौती के रूप में पैसे की मांग करते हैं।
इस मामले में एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक महिला जो कथित तौर पर शुरुआती वीडियो में दिखाई गई थी, उसको वीडियो के प्रसार के कारण हुई शर्मिंदगी के कारण आत्महत्या करते हुए दिखाया गया है। ये अतिरिक्त धमकियां पीड़ितों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बढ़ाने और मजबूर करने के लिए ही डिज़ाइन की गई हैं।
कानून प्रवर्तन एजेंसियां ने दी सलाह
कानून प्रवर्तन एजेंसियां इन आपराधिक कार्रवाइयों की बढ़ती परेशानियों से बहुत चिंतित थे। यथार्थवादी रूपांतरित वीडियो बनाने के लिए गहरी नकली तकनीक या अन्य एआई टूल (AI) का उपयोग स्कैमर्स की विकसित क्षमताओं को दिखाता है। ये उपकरण डिजिटल कंटेंट को इस तरह से हेरफेर करने में पूरी तरह से सक्षम होते हैं जो वास्तविक फुटेज से बिल्कुल अलग है, जिससे पीड़ितों के लिए वीडियो की मनगढ़ंत प्रकृति को समझना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
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ऐसे बचें
अधिकारियों ने व्यक्तियों को ऑनलाइन गतिविधियों में शामिल होने के दौरान सावधानी बरतने और संवेदनशील सामग्री साझा करने से सावधान रहने की सलाह दी है। वे ऐसे घोटालों का शिकार होने के जोखिम को कम करने के लिए सुरक्षित fM का उपयोग करने और सख्त गोपनीयता सेटिंग्स लागू करने की सलाह देते हैं। इसके अलावा, व्यक्तियों को किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत अधिकारियों को देने की सलाह दी जाती है, ताकि तुरंत कार्रवाई कर इससे बचा जा सके।
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