Nidhi Razdan

मशहूर टीवी न्यूज एंकर निधि राजदान ऐसे बनीं साइबर फिशिंग की शिकार, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से मिले फर्जी ऑफर को देख छोड़ दी थी NDTV की नौकरी, अब हुआ खुलासा

Sunil Maurya
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नई दिल्ली : देश की जानी-मानी और NDTV की पूर्व फेमस न्यूज एंकर निधि राजदान (Nidhi Razdan) साइबर क्राइम की शिकार हुईं हैं। वह साइबर फिशिंग की ऐसी शिकार हुईं कि जून 2020 में NDTV से रिजाइन भी कर दिया। अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) के जर्नलिज्म डिपार्टमेंट में बतौर असोसिएट प्रोफेसर ज्वाइन करने का सोशल मीडिया पर पोस्ट भी डाल दिया था। लेकिन जब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के सीनियर अधिकारियों से बात हुई तब उन्हें साइबर क्राइम का शिकार होने की जानकारी हुई। न्यूज एंकर ने अब इस मामले में अपनी पर्सनल डॉक्युमेंट्स के मिसयूज होने की भी आशंका जताई है। फिलहाल, उन्होंने मामले की पुलिस से शिकायत कर दी है।

सोशल मीडिया पर दी थी यूनिवर्सिटी के जॉब ऑफर की जानकारी

Ex-NDTV journalist Nidhi Razdan Fell Victim To Harvard Job Scam Through Phising Mail
Ex-NDTV journalist Nidhi Razdan Fell Victim To Harvard Job Scam Through Phising Mail

पिछले साल जून 2020 में न्यूज एंकर निधि राजदान (Nidhi Razdan) ने सोशल मीडिया पर ही बताया था कि उन्हें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) से असोसिएट प्रोफेसर की जॉब का ऑफर आया है। इसलिए वह NDTV की नौकरी छोड़कर नए असाइनमेंट को ले रही हैं। ट्वीट में निधि ने लिखा है, ‘जनू 2020 में मैंने यह कहते हुए 21 सालों की एनडीटीवी की नौकरी छोड़ी कि मैं हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में जर्नलिज्म के एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में जॉइन करने जा रही हूं। मुझे बताया गया था कि मैं सितंबर 2020 में यूनिवर्सिटी जॉइन करूंगी। मैं अपने नए असाइनमेंट की तैयारी कर रही थी इसी दौरान मुझे बताया गया कि महामारी की वजह से मेरी क्लासेस जनवरी 2021 में शुरू होंगी।

पहले लगा कोरोना की वजह से ज्वॉइनिंग में हुई देरी, फिर हकीकत आई सामने : Nidhi Razdan

टीवी एंकर निधि राजदान (Nidhi Razdan) ने ट्वीट में लिखा है कि पहले सितंबर में ज्वाइन करने की बात कही गई थी। लेकिन कोरोना की वजह से लगा कि अभी इसमें देरी होगी। इसके बाद बताया गया कि जनवरी 2021 में ज्वाइनिंग होगी। लेकिन इस बीच बार-बार हो रही देरी से लगा कि कुछ गड़बड़ है। इसलिए मैंने सीधे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के सीनियर अधिकारियों से स्थिति स्पष्ट करने के लिए संपर्क साधा। इसके बाद उनके आग्रह पर मैंने उनसे वे सारे कम्युनिकेशन्स शेयर किए जो तथाकथित रूप से यूनिवर्सिटी की ओर से मुझे भेजे गए थे।

इसे देखने के बाद ‘यूनिवर्सिटी ने ऐसे किसी जॉब ऑफर देने से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद मुझे पता चला कि मैं एक काफी सफिस्टकेटिड साइबर फिशिंग (Cyber Phishing) की शिकार हुई हूं। क्योंकि मेरे पास हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से उनके जर्नलिज़्म डिपार्टमेंट की फैकल्टी बनने का कोई ऑफर आया ही नहीं था। लेकिन इस ऑफर के लिए मैंने अपने से जुड़े सभी जरूरी डॉक्युमेंट्स भी साइबर क्रिमिनल को भेजे थे। ऐसे में उनके मिसयूज होने का खतरा बना हुई है। इसलिए मैंने पुलिस से आग्रह किया है कि ऐसे फ्रॉड करने वालों की जल्द से जल्द पहचान की जाए। इसके साथ ही मैंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से भी अपील की है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें।’

साइबर फिशिंग क्या है?

फिशिंग यानी मछली पकड़ना। जैसे मछली पकडने के लिये कॉटे में चारा लगाकर डाला जाता है और चारा खाने के लालच या धोखे में आकर मछली फंस जाती है। ठीक उसी तरह से साइबर फ़िशिंग भी हैकर्स द्वारा इंटरनेट पर फेक वेबसाइट या फर्जी ईमेल बनाकर लोगों से संपर्क किया जाता है। इसके बाद लोग इसे असली वेबसाइट या ईमेल समझ लेते हैं और अपनी निजी जानकारी शेयर कर देते हैं। आजकल बैंक की डिटेल लेने के लिए साइबर क्रिमिनल इसका काफी इस्तेमाल करते हैं। टीवी एंकर निधि राजदान के मामले में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का फर्जी ईमेल बनाकर संपर्क किया और इनसे निजी जानकारी और डाक्यूमेंट्स की डिटेल ले ली।  

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