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क्राइम

आलीशान होटल और कमीशन का लालच: दिल्ली में चीनी कनेक्शन वाले साइबर क्राइम मॉड्यूल का पर्दाफाश

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Online होटल बुकिंग करवाते समय हो जाएं सावधान, सैलानी हो रहे हैं Cyber Fraud का शिकार

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर निवासी देव भाटी (36) टेलीग्राम से संपर्क में आए एक व्यक्ति की मदद करने के लिए दिल्ली आए थे। उस व्यक्ति ने कुछ लेन-देन के लिए भाटी के बैंक खाते का इस्तेमाल करने की कोशिश की और आर्थिक तंगी से जूझ रहे भाटी को बदले में कमीशन देने की पेशकश की। दिल्ली पहुंचने पर भाटी को पता चला कि वह शहर में बुलाए गए 125 लोगों में से एक है, जो किराए पर अकाउंट की मांग करने वाले एक सिंडिकेट का हिस्सा थे।

खाताधारकों को आलीशान होटल में ठहराया जाता था और उनके खातों का दुरुपयोग करके बेखबर पीड़ितों के खातों से धन की हेराफेरी की जाती थी। भाटी ने महज 48 घंटों के भीतर अपने खाते में 1.25 करोड़ रुपये देखे तो हैरान रह गए। कुछ ऐसा ही अन्य लोगों के साथ भी हुआ। इन लोगो को इस बात का अंदाजा नहीं था कि वे दिल्ली और देश के अन्य क्षेत्रों में बेखबर व्यक्तियों के करोड़ों रुपये हड़पने में लगे चीन समर्थित साइबर अपराध मॉड्यूल में फंस गए हैं।

पुलिस ने इस मॉड्यूल का खुलासा करने और पीड़ित से 35 लाख रुपये की ठगी के मामले की जांच करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया। इसके एक दिन बाद पता चला कि सिंडिकेट के भारतीय सरगना कथित तौर पर तीन चीनी नागरिकों के साथ काम कर रहे थे। वे पांच से छह महीनों के तक अलग-अलग डिजिटल आइडेंटिटी के माध्यम से संवाद किया।

गिरोह ने प्रत्येक व्यक्ति को विशेष कार्य दिया था। उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी खाताधारकों पर चौबीसों घंटे निगरानी बनाए रखना था। जब उनके खातों में पर्याप्त मात्रा में धन जमा हो गया,तो भाटी सहित कई लोगों को धन का एक हिस्सा निकालने का लालच आया, लेकिन उन्हें रोकने के लिए तैनात बाउंसरों ने होटल से बाहर जाने से रोक दिया।

उनकी गतिविधियों पर नजर रखी गई और उनके कॉल और संदेशों पर भी नजर रखी गई। गिरोह के काम करने के तरीके के बारे में बताते हुए पुलिस ने कहा कि वे कानून प्रवर्तन अधिकारी बनकर अपने लक्षित लोगों से संपर्क किया। यह कहकर धमकाया कि उनके नाम पर जारी किए गए सिम कार्ड का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य अपराधों में किया जा रहा है। इसके बाद उन्होंने ‘डिजिटल अरेस्ट’ किया।

पुलिस ने कहा कि डरे हुए पीड़ित ‘सत्यापन’ प्रक्रिया के लिए सहमत हो जाते थे और अपने बैंक खातों की जानकारी धोखेबाजों को सौंप देते थे, जो मिनटों में खाते खाली कर देते थे। कथित तौर पर पैसे को कुछ लोगों और शेल कंपनियों के नाम पर खोले गए कई खातों और वॉलेट के माध्यम से भेजा जाता था और अंततः निकाल लिया जाता था।

मध्य दिल्ली पुलिस ने जांच किए मामले में नोएडा में एक शेल कंपनी फिटनेस के नाम से खोले गए आईसीआईसीआई बैंक में एक चालू खाता मिला। इसके मालिक का नाम देव भाटी बताया गया। खुफिया नेटवर्क और तकनीकी निगरानी का उपयोग करके भाटी को गिरफ्तार किया गया।

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