क्राइम
फिंगर प्रिंट का रबर स्टांप बनवा खाते से उड़ाए लाखों रुपये, झारखंड के लोहरदगा का है मामला
झारखंड के लोहरदगा में साइबर ठगी का एक नया खेल सामने आया है। यहां ठगों ने धोखे से दो लोगों की हाथ की अंगुलियों के फिंगर प्रिंट हासिल किए। इसके बाद फिंगर प्रिंट रबर स्टांप बनवाकर बायोमीट्रिक मशीन से दोनों के बैंक अकाउंट से 3,37,300 हजार रुपये उड़ा लिए। इनमें सेन्हा थाना क्षेत्र के चरकू गांव निवासी रमेश उरांव से 2, 77,300 रुपये और अलौदी नवा टोली निवासी तेजुआ उरांव से 60 हजार रुपये की ठगी की गई है।
साइबर ठगी का यह तरीका बैंकों की इलेक्ट्रानिक धन निकासी की हाईटेक व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहा है। इसका निशाना ग्रामीण क्षेत्र के लोग अधिक बन रहे हैं। वहां सुविधा केंद्रों, पेट्रोल पंप व कुछ अन्य स्थानों पर धन निकासी के लिए प्वाइंट आफ सेल (पोस) मशीनों के जरिए ग्रामीण अंगुली के निशाने से पैसा निकालते हैं। लोहरदगा पुलिस ने इस संबंध में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है। गिरफ्तार किए गए लोगों में लोहरदगा के सेन्हा थाना क्षेत्र के झखरा गांव निवासी प्रज्ञा केंद्र संचालक महबूब अंसारी, गिरोह के सरगना और ठगी के मास्टर माइंड महबूब अंसारी के पुत्र फैसल अंसारी, फराज अंसारी, इनसाद अंसारी, मोतल्लिब अंसारी, अनुज कुमार ठाकुर उर्फ गुड्डू, अल्तमस रजा व शकील अहमद शामिल हैं।
ठगों के पास मिले 3० से ज्यादा लोगों के फिंगर प्रिंट
पुलिस ने अपराधियों के पास से 33 लोगों के अंगुलियों के निशान के रबर स्टांप बरामद किए हैं। नकली रबर स्टांप फिंगर प्रिंट के अलावा अपराधियों के पास से दो लैपटाप, चार मोबाइल फोन, एक मोटरसाइकिल, चार पासबुक व एक बायोमेट्रिक मशीन बरामद हुई है। लोहरदगा पुलिस अधीक्षक प्रियंका मीना ने बताया कि आरोपित प्रज्ञा केंद्र में आने वाले लोगों का फिंगर प्रिंट स्कैन करके रख लेते थे। बाद में वह बैंक ग्राहक को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का लालच दे लेकर उनसे बायोमीट्रिक फिंगर प्रिंट और आधार कार्ड नंबर भी हासिल कर लेते थे। फिर फिंगर प्रिंट को रबर स्टांप में ढालकर रख लेते थे, ताकि बार-बार निकासी की जा सके। इसके बाद फिंगर प्रिंट से पैसे की निकासी करने वाली बायोमीट्रिक मशीन के ऊपर अंगुलियों की जगह फिंगर प्रिंट वाला रबर स्टांप रखकर पैसे की निकासी कर ली जाती है।
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