क्राइम
सावधान! बूस्टर डोज के नाम पर हो रही साइबर ठगी, चंद मिनटों में बैंक अकाउंट हो रहा खाली, जानें- पूरा मामला
ओमिक्रोन वैरिएंट के कारण देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सोमवार से वैक्सीन की तीसरी यानी प्रीकाशनरी डोज दी जाने लगी है। संक्रमण की रफ्तार इतनी तेज है कि लोगों में दहशत का माहौल है। डर का कारण दूसरी लहर है, जब देश में तबाही मच गई थी। ऐसे में लोग चाहते हैं कि उन्हें कैसे भी जल्द से जल्द बूस्टर डोज लग जाए। इस बीच साइबर ठग बूस्टर डोज के नाम पर लोगों को चूना लगाने लगे हैं।
बता दें कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार ने लोगों से अपील की है कि जिन लोगों अबतक वैक्सीन नहीं ली है, वह जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाएं। 15 से 18 साल तक के बच्चों का भी टीकाकरण शुरू हो गया है। साइबर ठग लोगों को ठगने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। अब ठगों ने बूस्टर डोज लगवाने के नाम पर लोगों को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है।
ऐसे हो रही ठगी
बूस्टर डोज लगवाने के लिए ठग लोगों को फोन करते हैं। इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराने को कहते हैं। वह इसके बहाने उनके आधार, पैन आदि की जानकारी लेकर मोबाइल पर आने वाले ओटीपी नंबर पूछ लेते हैं और उसी के जरिए उनके खाते खाली कर देते हैं। बूस्टर डोज के फर्जी मैसेज व लिंक भेजकर बैंक डिटेल, ओटीपी नंबर लेकर खातों से रुपये निकाल लेते हैं। ऐसे में लोग अपना ओटीपी नंबर, खाता नंबर या अन्य जानकारी किसी से शेयर न करें।
बूस्टर डोज के रजिस्ट्रेशन के लिए किसी भी तरह का ऐप डाउनलोड न करें
लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि वे अनजान नंबरों से आने वाले मैसेज का उत्तर न दें। सीवीवी, ओटीपी और क्रेडिट कार्ड का नंबर शेयर न करें। अपनी पर्सनल जानकारी और आधार संख्या किसी के साथ शेयर न करें। बूस्टर डोज के रजिस्ट्रेशन के लिए किसी भी तरह का ऐप डाउनलोड न करें। जिस तरह वैक्सीन लगवाने के लिए कोविन पर रजिस्ट्रेशन होता था या आप सीधे टीकाकरण केंद्र पर जाकर वैक्सीन लेते हैं, उसी तरह की प्रक्रिया बूस्टर डोज के लिए भी है।
प्रीकाशनरी डोज को लेकर पूरी जानकारी
कोरोना टीकाकरण की तीसरी यानी प्रीकाशनरी डोज देने की शुरुआत सोमवार से हो गई है। फिलहाल स्वास्थ्यकर्मी, फ्रंटलाइन वर्कर और गंभीर रोगों से ग्रस्त 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन की तीसरी डोज लगाई जा रही है। चुनावी राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में चुनाव ड्यूटी में लगाए जाने वाले कर्मचारियों को भी सतर्कता डोज लगाई जाएगी, क्योंकि इन्हें भी फ्रंटलाइन वर्कर की श्रेणी में रखा गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि प्रीकाशनरी डोज के लिए पात्र लाभार्थियों में करीब 1.05 करोड़ स्वास्थ्यकर्मी, 1.9 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर और 2.75 करोड़ 60 साल और उससे अधिक उम्र के लोग शामिल हैं। सतर्कता डोज में लाभार्थियों को उसी वैक्सीन की डोज लगाई जाएगी, जिसकी उन्हें पहले की दोनों डोज लगी होंगी। दूसरी डोज और सतर्कता डोज के बीच नौ महीने या 39 हफ्ते का अंतराल होगा।
# कोविन पोर्टल के जरिये भी सतर्कता डोज के लिए पात्र लाभार्थियों को संदेश भेजा जाएगा। साथ ही सतर्कता डोज लेने के बाद उनके डिजिटल टीकाकरण प्रमाण पत्र में भी इसे दर्ज किया जाएगा। सीधे टीका केंद्रों पर भी लगाई जाएगी सतर्कता डोज सतर्कता डोज के लिए समय और टीका केंद्र बुक करने की प्रक्रिया शनिवार से ही शुरू हो गई है। इसके अलावा सीधे टीका केंद्र पर जाकर भी यह डोज लगवाई जा सकती है।
60 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों को सतर्कता डोज लेने के लिए गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने का डाक्टर का कोई प्रमाण पत्र भी नहीं देना होगा। मंत्रालय के मुताबिक कोरोना टीकाकरण केंद्र के रूप में काम करने वाले निजी अस्पताल अपने पात्र स्टाफ को भी सतर्कता डोज लगा सकते हैं।
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