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क्राइम

इंश्योरेंस कंपनी का अधिकारी बनकर करोड़ों ठगने वाले गैंग लीडर को UPSTF ने किया गिरफ्तार

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लखनऊ। नामी इंश्योरेंस कंपनी का अधिकारी बनकर लोगों को करोड़ों रुपये का चूना लगाने वाले गिरोह का सरगना मंगलवार को गिरफ्तार हो गया। उसे उत्तर प्रदेश स्पेश्ल टास्क फोर्स (UPSTF)ने दिल्ली के साउथ गणेश नगर से गिरफ्तार किया। पुलिस को जानकारी मिली थी कि आदित्य बिरला सनलाइफ इश्योरेंस कंपनी के कस्टमर का डेटा हैक कर उनको काल व व्हाट्सएप पर बीमा में बोनस व लोन देने का लालच देकर एक संगठित गिरोह द्वारा ठगी की जा रही है।

गिरोह पिछले पांच सालों से लोगों को ठग रहा था। गिरफ्तार युवक के पास से लगभग एक लाख कस्मटमरों का अनाधिकृत डेटा व अन्य दस्तावेज बरामद हुए। उसका नाम राजकुमार उर्फ राहुल है और वह रायबरेली का रहने वाला है। गिरोह के खिलाफ लखनऊ के पीजीआई थाना में शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसके बाद मुखबिर से सूचना मिलने पर गैंग के सरगना को मंगलवार को दोपहर में गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार युवक के पास से एक लैपटाप, सीपीयू समेत कंप्यूटर, 12 मोबाइल फोन, नौ एटीएम कार्ड, 10 चेक बुक, तीन पास बुक, एक आधार कार्ड, दो पैन कार्ड मोहरें समेत अन्य चीजें बरामद हुईं। गिरफ्तारी के बाद राहुल ने पुलिस को बताया कि उसने 2013 में नेटएंबिट कंपनी में टैली कालर की नौकरी ज्वाइन किया। यहां से उसने इंश्योरेंस कंपनी के कस्टमर को फोन करने का तरीका सीखा। साल 2015 में उसने यह नौकरी छोड़कर नोएडा के सेक्टर में काल सेंटर शुरू किया। इसके बाद ही वह अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियों के डेटा के माध्यम से ठगी कर रहा था।

पुलिस को उसने यह भी बताया कि साल 2018 में एलआईपी सर्विसेज व आरएस सर्विसेज नाम की दो कंपनियां बनाई और दिल्ली एनसीआर के एक हैकर से आदित्य बिरला सनलाइफ इंश्योरेस कंपनी के डेटा खरीदा था। वह इसके माध्यम से कस्टमर को इंश्योरेंस कंपनी का आधिकारी होने का विश्वास दिलाता था और बीमा का बोनस व लोन दिलाने का लालच देकर फाइल प्रोससेसिंग चार्ज और लोन एमाउंट व बोनस का 10 फीसद कमीशन पहले ही बैंक अकाउंट मेंजमा करा लेता था। उसने यह भी बताया कि बोनस व लोन न मिलने पर कस्टमर द्वारा बार-बार फोन करके अपना रुपया वापस मांगने पर वह दिल्ली सचिवालय में फाइल फंसी होने की बात कहता था। इसके अलावा वह कोरोना काल में रिजर्व बैंक (RBI) की नई गाइडलाइन बताकर दोबारा कुछ और रुपया जमा करा लेता था। वह हमेशा कुछ न कुछ बहाना बनाकर उनसे रुपया जमा करा लेता था।

पुलिस उसने इसके अलावा यह भी बताया कि पुलिस में शिकायत की बात करने वाले कसटमरों को अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियों की मोहरों के माध्यम से कंपनी की तरफ से जल्द ही बोनस व लेन सैंक्शन होने का लेटर बनाकर और चेक तैयार करके व्हाट्सएप के माध्यम से भेज देता था। इसमें चार – पांच महीने बाद की तारीख होती थी। इससे कस्टमरों को विश्वास हो जाता था कि जल्द ही उन्हें बोनस व लोन मिलने वाला है। उसने बताया कि उसने कई नाम व पते से आइडी बना रखी थी। इससे वह बैंक में खाते खुलावाता था। किसी कस्टर द्वारा शिकायत दर्ज कारने पर पुलिस उसके गलत पते पर पहुंचती थी। इस वजह से पुलिस के हाथों से बचता रहा।