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Online Game के जाल में फंस रहे बच्चों के माता-पिता को लग रही लाखों की चपत, इन 8 सुझावों पर अमल कर हो सकते हैं सुरक्षित

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Online Game के जाल में फंस रहे बच्चों के माता-पिता को लग रही लाखों की चपत, इन 8 सुझावों पर अमल कर हो सकते हैं सुरक्षित

लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई (Online Study) के लिए बच्चों के हाथ में आया फोन अब माता पिता को भारी पड़ रहा है। इसकी वजह मोबाइल पर ऑनलाइन गेम (Online Game) की दुनिया के जाल में फंसे बच्चे परिजनों की जेब खाली कर रहे हैं।

उन्हें ऑनलाइन गेम स्टेज पार करने से लेकर वर्चुअल दुनिया में तरह तरह की एसेसरीज के नाम पर ठग रुपये ऐंठ रहे हैं। इसके लिए बच्चे माता पिता का डेबिट और क्रेडिट कार्ड (Dabit/Credit Card) का इस्तेमाल करते हैं। जिसकी डिटेल जाते ही खाता खाली हो जाता है।

पिछले दो सालों में उत्तर प्रदेश के आगरा जोन से इस तरह के दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं। जहां बच्चों ने ऑनलाइन गेम में फंसकर मां बाप को कंगाल कर दिया। 

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रिटायर्ड फौजी पिता के खाते से उड़ गये 39 लाख रुपये

साइबर सेल को मिली शिकायत के अनुसार, कुछ दिन पहले ही आगरा के खंदौली क्षेत्र में रिटायर्ड फौजी के खाते से 39 लाख रुपये साफ कर दिये गये। उन्होंने इसका पता लगते ही मामले की शिकायत साइबर सेल को दी।

जानकारी करने पर पता चला कि यह रुपया पेटीएम (Paytm) से कोडा पेमेंट (Coda Payment) में गई है। यहां से यह रकम सिंगापुर के एक बैंक खाते से बैटल ग्रांडस मोबाइल इंडिया के नाम से ऑनलाइन गेम खिलाने वाली कंपनी के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिये गये। जब तफ्तीश हुई तो पता चला कि यह सब रिटायर्ड फौजी के बेटे द्वारा ऑनलाइन गेम खेलने की वजह से हुआ।

इसमें पता चला कि पूर्व फौजी के बेटे ने छह माह पहले मोबाइल पर ऑनलाइन गेम डाउनलोड किया था। जिसके बाद ठगों ने उनके खाते की डिटेल सेव कर खाते में पड़े 39 लाख रुपये साफ कर दिये।

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ये हैं बच्चों पसंदीदा ऑनलाइन गेम, कई अभिभावक हो चुके हैं शिकार

बच्चों के पसंदीदा ऑनलाइन मोबाइल गेम (Online Mobile Game) में मुख्य रूप से फ्री फायर, फ्रंटालाइन कमांडो, कांट्रैक्ट किलर, रियल रेसिंग, रियल कमांडो शूटिंग, कैंडी क्रेश, कोड आफ वार, शूटिंग आर्चरी, ट्रेन रेसिंग सिम्युलेटर चैलेंज, मिशन मॉर्डन आदि शामिल है।

इसी तरह के ऑनलाइन खेलों में स्टेज अपग्रेड होने से लेकर हथियार लेने और तमाम एसेसरिज के नाम पर गेम में पैसे की डिमांड की जाती है। इन्हीं के जाल में फंसकर बच्चे माता पिता के यूपीआई या फिर कार्ड से पेमेंट कर देते हैं। जिसका खामियाजा परिजनों को खाता खाली होने पर भुगतना पड़ता है। 

यह हैं साइबर सेल के जरूरी सुझाव

– बच्चों की जिद के आगे झुककर कई बार माता-पिता अपने क्रेडिट और डेबिट कार्ड से उन्हें ऑनलाइन गेम खरीदने के लिए डिटेल दे देते हैं। इस डिटेल से ऐप रकम को काट लेता है। ऐसे में गेम खरीदने के बाद आप को क्रेडिट या डेबिट कार्ड जानकारी डिलीट कर देनी चाहिए। 

– जिस मोबाइल फोन को आप ने बच्चों को पढ़ाई के लिए दिया है। उसमें पेटीएम, फोन पे या अन्य कोई ई वॉलेट न रखें।

– बच्चे अगर मोबाइल पर ऑनलाइन गेम खेल रहे हैं तो उनसे इस से संबंधित सभी जानकारी ले लें।

– साइबर अपराधी भी ऑनलाइन गेम पर सक्रिय रहते हैं। वह यहां अपनी पहचान छिपाकर बच्चों से दोस्ती कर उन्हें गेम टिप्स और प्वाइंट के नाम पर ठगते भी हैं।

– ऑनलाइन मोबाइल गेम खेलते समय अपना नाम, उम्र, मोबाइल नंबर, जन्मतिथि या फिर अन्य कोई गोपनीय जानकारी शेयर न करें।

– ई मेल, टेक्स्ट मैसेज या फिर ऐप के माध्यम से मिलने वाले किसी भी लिंक पर क्लिक कर गेम डाउनलोड न करें।

– ऑनलाइन गेम खेलते समय वेब कैम या फिर वायस चैट का इस्तेमाल न करें।

– कोई भी ऑनलाइन फ्रॉड होने पर तत्काल इसकी जानकारी साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर दें या फिर cybercrime.gov.in पर भी दे सकते हैं।

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