क्राइम
CBI,NIA और कस्टम अधिकारी बनकर रिटायर PWD ऑफिसर से 30.5 करोड़ की ठगी, ‘डिजिटल हाउस अरेस्ट’ लगाया चूना; 2 गिरफ्तार
![Beware of Impersonation Scams: Cybercriminals Posing as Law Enforcement Target Citizens](https://www.the420.in/wp-content/uploads/2024/05/Digital-arrest-by-impersonating-cop.jpg)
सीबीआई, एनआईए और कस्टम अधिकारी बनकर लोक निर्माण विभाग (PWD)के रिटायर अधिकारी को ‘डिजिटल हाउस अरेस्ट’ करके 30.5 लाख रुपये की ठगी करने वाले दो लोगों को लखनऊ पुलिस की साइबर इकाई ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों की पहचान 38 वर्षीय राजीव भसीन और उनके सहयोगी 36 वर्षीय मोहित चोपड़ा के रूप में हुई, जिन्हें आगरा से गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने कई बैंक चेकबुक, सिम कार्ड, फोन, आधार, पैन और अन्य कार्ड भी जब्त किए। पुलिस के अनुसार इनका तार कंबोडियाई नागरिकों से जुड़ा हुआ है। उन्होंने भारत भर में निर्दोष लोगों से 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है, जिसका विवरण पता लगाया जा रहा है। विदेशी जालसाजों तक भी पहुंचने की कोशिश की जा रही है।\
पता चला है कि देश में 39 घटनाओं में जालसाजों के खाते में 1.68 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ था। इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से एक-एक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से छह। हरियाणा, महाराष्ट्र, असम, मध्य प्रदेश और राजस्थान से दो-दो और केरल और कर्नाटक से तीन-तीन मामले शामिल हैं।
फरवरी की घटना के बाद, लखनऊ के इंदिरा नगर निवासी 73 वर्षीय शिकायतकर्ता निरंजन सिंह ने विभूति खंड के साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में आईटी अधिनियम और आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) की धाराओं के तहत एक एफआईआर दर्ज कराई। इसके बाद दोषियों को पकड़ने के लिए एक तलाशी अभियान शुरू किया गया।
गिरफ्तार किए गए लोगों ने पुलिस को बताया कि वे फर्जी फर्म्स के नाम पर करेंट खाते खोलते थे और व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर विदेश में बैठे जालसाजों को खाते का जानकारी भेजते थे। विभूति खंड में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के प्रभारी और साइबर विशेषज्ञ ब्रिजेश कुमार यादव ने कहा कि ‘डिजिटल अरेस्ट’ कानून में है ही नहीं। जालसाजों की मांगें पूरी होने तक पीड़ितों को स्काइप या अन्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफार्म पर दिखाई देने के लिए मजबूर किया जाता है।