साइबर क्राइम (Cyber Crime) का शिकार होने पर क्या करें ? जानें कानूनी प्रक्रिया ( Step By Step Guide)

Swagta Nath
7 Min Read

आज के डिजिटल युग में जैसे-जैसे ऑनलाइन गतिविधियां बढ़ रही हैं, वैसे-वैसे साइबर अपराधों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। चाहे वह सोशल मीडिया पर ठगी हो, फर्जी निवेश योजना हो, ऑनलाइन गेमिंग फ्रॉड हो या फिर बैंकिंग धोखाधड़ी—हर दिन सैकड़ों लोग किसी न किसी साइबर फ्रॉड के शिकार बन रहे हैं।

अगर आप या आपका कोई जानने वाला साइबर अपराध का शिकार बनता है, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है। नीचे दिए गए आसान स्टेप्स की मदद से आप भारत में साइबर क्राइम की शिकायत ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं।

स्टेप 1: घबराएं नहीं, सभी सबूत सुरक्षित रखें

सबसे पहले शांति बनाए रखें और निम्नलिखित जानकारी इकट्ठा करें:

  • ठगी से संबंधित स्क्रीनशॉट
  • कॉल लॉग, चैट्स, ईमेल या ट्रांजैक्शन की डिटेल्स
  • फ्रॉड करने वाले का मोबाइल नंबर, ईमेल ID या वेबसाइट का लिंक

स्टेप 2: साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तुरंत कॉल करें

1930 भारत सरकार की राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन है। यह नंबर विशेष रूप से ऑनलाइन बैंकिंग और फाइनेंशियल फ्रॉड के लिए है। अगर आप समय रहते कॉल करते हैं, तो पुलिस और बैंक मिलकर आपके पैसे की रिकवरी की कोशिश कर सकते हैं।

आपात स्थिति में 112 नंबर पर कॉल करें।

स्टेप 3: साइबर क्राइम पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें

सरकारी वेबसाइट:
https://cybercrime.gov.in

ऑनलाइन शिकायत कैसे दर्ज करें:

  1. वेबसाइट खोलें और “Report Other Cyber Crime” पर क्लिक करें।
  2. अपना मोबाइल नंबर डालकर OTP से लॉगिन करें।
  3. “File a Complaint” पर क्लिक करें।
  4. शर्तें पढ़ें और “I Accept” बटन दबाएं।
  5. शिकायत से संबंधित जानकारी भरें और जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।
  6. शिकायत सबमिट करने के बाद आपको एक शिकायत नंबर (Reference Number) मिलेगा।

महिलाओं और बच्चों से जुड़े मामलों के लिए “Report Women/Child Related Crime” पर क्लिक करें। आप चाहें तो गुमनाम (anonymous) रूप से भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

स्टेप 4: नजदीकी पुलिस थाने में FIR दर्ज करें

अगर मामला गंभीर है या बड़ी रकम की ठगी हुई है, तो अपने नजदीकी साइबर पुलिस स्टेशन या थाना में जाकर FIR दर्ज कराएं। ऑनलाइन शिकायत के Reference Number को FIR में जरूर शामिल करें। अगर पुलिस FIR दर्ज नहीं करती, तो उच्च अधिकारियों या SP/DCP से संपर्क करें।

स्टेप 5: अपनी शिकायत की स्थिति ट्रैक करें

  • शिकायत दर्ज करने के बाद मिले Reference Number का उपयोग करके आप शिकायत की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।
  • आगे की जानकारी और अपडेट्स ईमेल या SMS के जरिए मिलती रहेंगी।

स्टेप 6: राज्य-विशेष पोर्टल और ऐप्स का उपयोग करें

कुछ राज्यों ने अपने विशेष पोर्टल और ऐप्स बनाए हैं, जैसे:

स्टेप 7: ईमेल के जरिए शिकायत दर्ज करें

महिलाओं से संबंधित मामलों के लिए आप ईमेल भेज सकते हैं:
📧 complaint-mwcd@gov.in

इसके अलावा, भारत के हर राज्य में Cyber Nodal Officers नियुक्त किए गए हैं। उनका ईमेल और संपर्क सूची यहां उपलब्ध है:
Cyber Nodal Officer List

स्टेप 8: डिजिटल सुरक्षा बनाए रखें

शिकायत दर्ज करने के बाद:

  • अपने सभी पासवर्ड बदलें।
  • बैंक को सूचित करें और कार्ड ब्लॉक करें।
  • मोबाइल/लैपटॉप में एंटीवायरस स्कैन करें।
  • किसी भी संदिग्ध कॉल या लिंक से सतर्क रहें।

नई पहल: e-Zero FIR सिस्टम — फ्रॉड के खिलाफ तेज कार्रवाई

सरकार ने साइबर वित्तीय अपराधों पर तेज़ और स्वतः कार्रवाई के लिए e-Zero FIR पहल शुरू की है।

  • यह दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया गया है।
  • अब NCRP पोर्टल या 1930 नंबर पर दर्ज शिकायतें स्वतः FIR में तब्दील हो जाएंगी (शुरुआत में ₹10 लाख से अधिक के मामलों के लिए)।
  • इससे अपराधी की पहचान और गिरफ्तारी की प्रक्रिया में अभूतपूर्व तेजी आएगी।

यह पहल साइबर अपराध पीड़ितों के लिए बड़ी राहत है, खासकर तब जब स्थानीय पुलिस थानों में शिकायत दर्ज कराने में देरी या असहयोग मिलता है।

“Centre for Police Technology” Launched as Common Platform for Police, OEMs, and Vendors to Drive Smart Policing

महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबर

सेवा

हेल्पलाइन नंबर

साइबर क्राइम हेल्पलाइन

1930

आपातकालीन पुलिस सेवा

112

महिला हेल्पलाइन

1090 / 181

बच्चों के लिए हेल्पलाइन

1098

मुख्यमंत्री जनसुनवाई

1076

अगर आप साइबर फ्रॉड का शिकार बनते हैं, तो तुरंत कार्रवाई करें। जितनी जल्दी आप रिपोर्ट करेंगे, आपके पैसे की रिकवरी और अपराधी को पकड़ने की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी।
Cybercrime.gov.in और 1930 हेल्पलाइन नंबर आपकी सबसे पहली सहायता हैं। दूसरों को भी सतर्क करें और डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रहें।

Note: After calling the National Cyber Helpline 1930 and registering your complaint on cybercrime.gov.in, it is mandatory to also file an FIR at your local police station.
Why this matters:
  • •Without an FIR, legal proceedings do not begin.
  • •If your funds are frozen or recovered by banks, you cannot get them back without an FIR.
  • •FIR registration is essential to initiate the legal process and reclaim your money.
सूचना: राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करने और cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करने के बाद, अपने स्थानीय पुलिस स्टेशन में अनिवार्य रूप से FIR दर्ज कराएँ।
महत्व:
  • •FIR के बिना कानूनी प्रक्रिया शुरू नहीं होती।
  • •यदि आपके बैंक खाते में फंड रुके हैं या वापस हो चुके हैं, तो FIR के बिना आप उसे वापस नहीं प्राप्त कर सकते।
  • •FIR दर्ज कराना आपके पैसे की वापसी और कानूनी कार्रवाई के लिए अनिवार्य है।

साइबर क्राइम से जुड़ी जागरूकता के लिए लिंक्डइन हैंडल Center for Police Technology को फॉलो करें।
साइबर सुरक्षा, हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है।

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