क्राइम
सरकारी वेबसाइट हैक कर देश भर में बनाए जा रहे थे जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र,हैकर सहित छह गिरफ्तार
सरकारी वेबसाइट हैक कर जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण प्रमाण पत्र बनाने के मामले का खुलासा हुआ है। इसे लेकर नारनौल पुलिस को बड़ी कार्रवाई की है। मामले में हैकर सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही उनसे कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल फोन व अन्य उपकरण बरामद कर लिए हैं। मामले की जांच जारी है।
पुलिस के अनुसार अभी तक की जांच में पता चला है कि आरोपी उतरप्रदेश, बिहार, झारखंड, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा सहित देश के विभिन्न राज्यों में जन्म-मृत्यु पंजीकरण प्रमाण पत्र बनाने का अवैध धंधा करते थे। प्रमाण पत्र बनाने के एवज में 1000 रुपये से 1200 रुपये तक ले लेते थे। देशभर में इस तरह के हजारों प्रमाण पत्र बनाए जा चुके थे।
आरोपियों में कुछ सीएससी सेंटरों पर भी कार्य कर चुके थे। इन साइबर बदमाशों का जाल पूरे देश में बड़े नेटवर्क पर फैला हुआ था। मुख्य सरगना वाराणसी का रहने वाला है और उसने वेबसाइट हैक कर खुद को नेशनल एडमिन बनाया हुआ था। इससे वह हर राज्य के गिरोह के सदस्यों को पैसों के बदले में लागइन आइडी व पासवर्ड मुहैया करवाता था। लागइन आईडी मिलने के बाद संबंधित राज्य के सदस्य अपने-अपने एरिया में प्रमाण पत्र बनाने का कारोबार करने में जुट जाते थे।
पुलिस के अनुसार जांच में यह भी पता लगा है कि गिरफ्तार किए गए आरोपी सीएससी सेंटर संचालन का कार्य भी करते थे और इसी वजह से सरकारी वेबसाइटों की सीआरएस आइडी की खामियों से परिचित थे। इसका फायदा उठाकर उन्होंने वेबसाइट को हैक कर लिया था। साइट हैक होने का पता अगस्त 2021 में चला था, जब महेंद्रगढ़ के नागरिक अस्पताल की रजिस्ट्रार ने जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रेशन की एप्लीकेशन के निपटारे के लिए सीआरएस पोर्टल पर आइडी को लागइन किया।
इस दौरान उनके स्क्रीन पर यूजर आइडी पासवर्ड गलत होने का मैसेज आया। उन्होंने जांच की तो पता चला कि उनकी लागइन आइडी हैक कर 147 जन्म और 21 मृत्यु प्रमाण पत्र बना लिए गए। उन्होंने इसकी शिकायत महेंद्रगढ़ पुलिस थाने में दर्ज करवाई। इस पर एसपी चंद्रमोहन ने एएसपी सिद्धांत जैन की अध्यक्षता में एसआइटी गठित की। इस टीम ने मामले की तह तक जाने के लिए कड़ी मेहनत की और तकनीक की सहायता से साइबर बदमाशों तक पहुंचने में कामयाबी हासिल कर ली।
मामले में एसआइटी की टीम ने कार्रवाई करते हुए पटौदी, कैथल, जींद, बरेली, आगरा, लखनऊ, वाराणसी अलग-अलग जगह सीएससी सेंटर चला रहे गिरोह के नेटवर्क का पता लगाया है। जिनसे बरामद उपकरणों की जांच करने पर हजारों जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्रों का रिकार्ड मिला। गिरोह के सरगना जिसने साइट हैक कर खुद को नेशनल एडमिन बनाया हुआ था, जिसे एसआइटी ने छापा मारकर बनारस से गिरफ्तार किया। जिससे बरामद उपकरणों की जांच करने पर उतरप्रदेश, झारखंड, बिहार, जम्मू-कश्मीर, पंजाब सहित अन्य राज्यों के प्रमाण पत्रों का रिकार्ड मिला है।
इससे पता चला है कि इस गिरोह का नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है। इससे स्वास्थ्य विभाग के उच्च स्तर पर बैठे अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होते हैं। आखिर इतने गंभीर प्रमाणपत्र बनाने वाली वेबसाइट का सिक्योरिटी आडिट क्यों नहीं करवाया जा रहा है।
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