क्राइम
Government vs Twitter: नए आईटी नियमों का पालन नहीं करने पर कार्रवाई, छिन गया सुरक्षा का अधिकार
सरकार की बार-बार चेतावनी के बावजूद नए आईटी नियमों का पालन नहीं करने पर ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। उसका इंटरमीडियरी यानी मध्यस्थ का दर्जा खत्म हो गया है। सरकार ने पहले ही नियमों के पालन करने को लेकर चेतावनी दी थी। इसके बाद भी ट्विटर ने इसकी अनदेखी की, तो उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। ऐसे में अब कंटेंट को लेकर किसी प्रकार की शिकायत मिलने पर ट्विटर के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है। इंटरमीडियरी दर्जा खत्म होने बाद ये माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफार्म सामान्य मीडिया की श्रेणी में आ जाएगी। इससे साफ है कि ट्विटर को भारत में संचालन में अब काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
फरवरी में आइटी मंत्रालय की तरफ से नए आईटी नियम जारी किए गए थे। सोशल मीडिया प्लेटफार्म को इन नियमों के पालन के लिए तीन महीने का समय दिया गया था। इसकी डेडलाइन गत 25 मई को समाप्त हो गई। वाट्सअप, फेसबुक और गूगल समेत कई कंपनियों ने नए नियमों का पालन शुरू कर दिया था, लेकिन ट्विटर जिद पर अड़ा रहा। नए नियमों के तहत शिकायत निवारण के लिए भारत के अंदर ग्रीवांस आफिसर की नियुक्ति, आपत्तिजनक पोस्ट (जिसका कानून एवं व्यवस्था, महिलाओं की मर्यादा, देश की अखंडता आदि पर विपरीत प्रभाव पड़ता हो) के मामले में नाम बताने जैसे प्रावधान हैं। आइटी विशेषज्ञों के अनुसार नए नियम में यह प्रवधान है कि जो इन नियमों का पालन नहीं करेगा वह इंटरमीडियरी सुविधा खो देगा। ट्विटर के साथ यही हुआ है। अब ट्विटर के प्लेटफार्म पर चलने वाले किसी भी कंटेंट, वीडियो या किसी अन्य चीज को लेकर मुकदमा दर्ज होता है तो ट्विटर भी उसमें पार्टी बनेगा और भारतीय दंड संहिता के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। सरकार के पास अब ट्विटर को ब्लाक तक करने का अधिकार है। सरकार चाहे तो ऐसा कर सकती है।
ट्विटर की ओर से टालमटोल
विशेषज्ञों के अनुसार इंटरमीडियरी की सुविधा खत्म होने से ट्विटर को इंटरनेट मीडिया पोर्टल के नियमों का पालन करना होगा। इसके तहत उसे कई बदलाव करने होंगे। जानकारी के अनुसार ट्विटर की ओर से बार-बार टालमटोल की कोशिश होती रही। 25 मई को अवधि खत्म होने के बाद दो जून को ट्विटर ने ई-मेल के जरिये बताया कि उसने वकील धर्मेद्र चतुर को अंतरिम नोडल कांटैक्ट पर्सन और रेजिडेंट ग्रीवांस आफिसर नियुक्त किया है। लेकिन यह नियम के अनुकूल नहीं था, क्योंकि उसके तहत ग्रीवांस आफिसर कंपनी का कर्मचारी होना चाहिए। छह जून को ट्विटर ने बताया कि उसने नोडल कांटैक्ट पर्सन और रेजिडेंट ग्रीवांस आफिसर अनुबंध पर अंतरिम रूप में नियुक्ति कर ली है। 13 जून को ट्विटर ने बताया कि इन पदों के लिए वैकेंसी निकाली गई है और जल्द ही वे नियुक्ति कर लेंगे।
ट्विटर के रवैये को सरकार बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं
ट्विटर ने मंगलवार को अंतरिम चीफ कांपलायंस आफीसर नियुक्ति करने की घोषणा करते हुए कहा कि इस बाबत वह सीधे आइटी मंत्रालय को जानकारी देगा। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि हम नए नियमों के साथ तालमेल कर काम करना चाहते हैं। इस दिशा में हम अपनी प्रगति से आइटी मंत्रालय को लगातार अवगत करा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार जिस तरह पूरे मामले को ट्विटर घसीट रहा है उसे केंद्र सरकार बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं है। लिहाजा उसका इंटरमीडियरी दर्जा 25 मई के बाद ही खत्म माना जाए।
इंटरमीडियरी दर्जा खत्म होने के बाद ट्विटर ने क्या कहा?
भारत में इंटरमीडियरी दर्जा खो देने के बाद बुधवार को माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने कहा कि वह नए आईटी नियमों का पालन करने के लिए हर संभव प्रयास करना जारी रखेगा। ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा कि वे प्रक्रिया के हर चरण में आईटी मंत्रालय को जानकारी दे रहे हैं और अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी को नियुक्त किया गया है और इसका विवरण जल्द ही मंत्रालय के साथ साझा किया जाएगा। ट्विटर नए दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
रविशंकर प्रसाद ने क्या कहा?
केंद्रीय आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि ट्विटर नए आईटी नियमों का पालन करने में विफल रहा और उसने कई अवसर मिलने के बावजूद जानबूझकर नियमों का पालन न करने का रास्ता चुना। ट्वीट करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि ट्विटर खुद को फ्री स्पीच का झंडाबरदार बताता है और जानबूझकर इंटरमिडयरी इंटरमीडियरी गाइडलाइन नहीं मानने का रास्ता चुनता है। यदि कोई विदेशी संस्था यह मानती है कि वो भारत में फ्री स्पीच के झंडाबरदार के रूप में खुद पेश करेक को देश के कानून का पालन करने से बच सकता है, तो ऐसे प्रयास गलत हैं।
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