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क्राइम

सावधान! APPS के लिए फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल कर रहे हैं? खतरे में बैंक अकाउंट, ठग मोबाइल बैंकिंग यूजर्स को बना रहे निशाना

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Cybercriminals Target Indian Users with Deceptive Mobile Banking Trojan Campaigns via WhatsApp and Telegram, Microsoft Reveals

हाल के दिनों में फिंगरप्रिंट से मोबाइल ऐप अनलॉक करने की सुविधा हर मोबाइल यूजर इस्तेमाल कर रहा है। हालांकि, इस सुविधा का फायदा साइबर अपराधियों ने बैंक खातों को खाली करने के उद्देश्य से कर रहे हैं। हाल ही में बिहार में सामने आए इस स्कैम में वन टाइम पासवर्ड (OTP) की आवश्यकता के बिना धन की अवैध निकासी शामिल है।

अपराधियों ने आधार बायोमेट्रिक डेटा प्राप्त किया, जो आमतौर पर लैंड रिकॉर्ड होस्ट करने वाली सरकारी वेबसाइट्स से प्राप्त होता है। फिगरप्रिंट सहित इस डेटा को नकली बायोमेट्रिक्स बनाने के लिए क्लोन किया गया था। इससे मोबाइल बैंकिंग ऐप से सीधे बैंक खातों तक अनधिकृत पहुंच संभव हो गई।

आमतौर पर बैंक लेनदेन के लिए सत्यापन के लिए OTP की आवश्यकता होती है। हालांकि, बिहार के पूर्णिया जिले में सामने आए साइबर अपराध की इस नई घटना में अपराधियों ने इस सुरक्षा परत को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया। पीड़ितों को चोरी का पता बहुत देर नहीं चली, क्योंकि आधार-आधारित भुगतान प्रणाली (AePS) का उपयोग करके लेनदेन किया गया।

यह उल्लंघन संवेदनशील आधार डेटा रखने वाली सरकारी वेबसाइट्स में कमजोरियों को रेखांकित करता है। इससे पूरे देश में डेटा सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। विशेषज्ञ बैंकिंग जैसे संवेदनशील एप्लिकेशन के एक्सेस के लिए केवल बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण पर निर्भर रहने के खिलाफ चेतावनी दी है।

अधिकारी ऐसे स्कैम से प्रभावित व्यक्ति से आग्रह किया है कि वह राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल के माध्यम से घटनाओं की तुरंत रिपोर्ट करें। जांच जारी रहने के बीच बैंकों और सरकारी एजेंसियों द्वारा अन्य क्षेत्रों में इसी तरह के उल्लंघनों को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की मांग की जा रही है। इन उभरते साइबर खतरों से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए वित्तीय ऐप एक्सेस करते समय सतर्क रहें और सुरक्षा को प्राथमिकता दें।

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