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Facebook पर विदेशी महिला बन नाइजीरियन गैंग कैसे करता है ठगी, पहली बार गैंग ने बताया पूरा स्टेप, जानें पूरी डिटेल

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Dehradun

Cyber Crime News :अगर आपको Facebook पर विदेशी महिला से दोस्ती करना पसंद है तो आप ये खबर जरूर पढ़िए। क्योंकि आप भी साइबर ठगी और ब्लैकमेलिंग के शिकार हो सकते हैं। फेसबुक पर दोस्ती करने वाली विदेशी महिला शुरुआत में इमोशनल और फिर आपसे पर्सनल बातें करती है। इसके बाद जब आप उसे अपना अच्छा दोस्त मानने लगते हैं तब महंगे गिफ्ट या पार्सल या करोड़ों रुपये का गोल्ड भेजने का झांसा देकर ठगी करती है। यही नहीं, कई बार ये पर्सनल फोटो भेजकर ब्लैकमेल भी करती है। हाल में उत्तराखंड के देहरादून में रहने वाले रिटायर्ड सीनियर बैंक मैनेजर से इमोशनल दोस्ती कर विदेशी महिला ने 1 करोड़ 12 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी कर डाली। 1 करोड़ से ज्यादा की ठगी सुनकर शायद आपको भरोसा भी ना हो। लेकिन ये पूरी तरह से सच है।

इस मामले की शिकायत मिलने पर देहरादून साइबर पुलिस (Dehradun Cyber Police) ने कई महीने की मेहनत के बाद जब नाइजीरियन गैंग को दबोचा तो पता चला कि कोई विदेशी महिला की फोटो लगाकर ये गैंग कई लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है। गैंग के एक नाइजीरियन नागरिक को पहले ही गिरफ्तार किया गया था। उससे पूछताछ के आधार पर तीन आरोपियों को देहरादून साइबर क्राइम पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके 16 बैंक खाते फ्रीज कराए हैं। ये गैंग पिछले कई महीनों से दिल्ली में रहकर देश के विभिन्न राज्यों के लोगों से विदेशी महिला के नाम पर दोस्ती कर ठगी कर रहा था।

विदेशी महिला बनकर ठगी करने के तरीके को ऐसे समझिए

STEP-1 FB पर दोस्ती, फिर इमोशनल और पर्सनल बातों से करते हैं ट्रैप

अभी देहरादून के जिन रिटायर्ड बैंक मैनेजर से 1 करोड़ से ज्यादा की ठगी हुई उनसे नाइजीरियन गैंग ने ऐसे ट्रैप किया था। पहले इनके फेसबुक प्रोफाइल को चेक किया। तो पता चल गया कि ये फेसबुक पर दोस्ती और देश-दुनिया में घूमने के शौकीन हैं। रिटायर्ड बैंक मैनेजर रहे हैं तो पैसे भी हैं। इसलिए इन्हें ट्रैप में लेना शुरू किया। पहले ब्रिटेन की एक खूबसूरत महिला की फोटो से फेसबुक प्रोफाइल बनाकर दोस्ती की। दोस्ती कर पहले बहुत कम चैट करते थे। कुछ दिनों बाद धीरे-धीरे रात में चैट करने लगे और इमोशनल बातें करने लगे। इसके बाद जब इमोशनल अटैचमेंट हो गया तब धीरे-धीरे पर्सनल बातें करने लगे और एक दूसरे को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने का भी प्लान करने लगे।

STEP-2  पैसा डोनेट या गोल्ड या गिफ्ट लेने के लिए करते हैं तैयार

इस बीच, जब इमोशनल कनेक्शन मजबूत हो जाता है तब ये गैंग पैसों से मदद करने या फिर कोई गिफ्ट देने के बहाने या फिर खुद ही इंडिया में आकर मिलने का झांसा देता है। जिस ट्रैप में जो फंस जाए। अगर कोई किसी एनजीओ में पैसे निवेश करने की मांग करता है तो उसे ये डॉलर या यूरो भेजने का झांसा देते हैं। अगर कोई मिलने की इच्छा जताता है तो गिफ्ट लेकर इंडिया आने का झांसा देते हैं। रिटायर्ड बैंक मैनेजर को इस गैंग ने विदेश से 19 हजार यूरो (करीब 17 लाख रुपये) का गिफ्ट भेजने का झांसा दिया था। जिसे लेने के लिए रिटायर्ड अधिकारी तैयार हो गए। इसके बाद फरवरी में ही रिटायर्ड अधिकारी के पास फर्जी कस्टम अधिकारी का फोन आया था और गिफ्ट पैक को ओवरवेट (अधिक भार) बताया गया।

STEP-3  पहले 10-12 हजार रुपये ठगते हैं फिर पैसे बढ़ाते हैं और आखिर में ब्लैकमेल

साइबर ठगों का ये गैंग अच्छी तरह जानता है कि किसी से पहली बार में ही 50 हजार या इससे ज्यादा पैसे मांगेंगे तो वो मना कर देगा और फिर कुछ नहीं मिलेगा। इसलिए पहले सिर्फ 10 या 12 हजार ही मांगते है। जिसे कोई लाखों रुपये मिलने के लालच में आसानी से दे देता है। एक बार जो ट्रैप में आकर गैंग को 10-12 हजार रुपये दे देता है फिर वो इसी पैसे को बचाने के लिए आगे भी पैसे देते चला जाता है। और धीरे-धीरे कर लाखों रुपये दे देता है। इसके बाद जब पैसे देने से मना करता है तब तक ये गैंग उस शख्स के साथ अश्लील चैटिंग या फोटो भी शेयर कर चुके होते हैं। फिर उसी अश्लील मैसेज या फोटो के जरिए ब्लैकमेल करने लगते हैं या फिर इंटरपोल पुलिस या आतंकी संगठन से पैसे मंगाने के नाम पर ब्लैकमेलिंग शुरू करते हैं। कई बार ड्रग्स या फिर एंटी टेरर फंडिंग में फंसाने के नाम पर भी ब्लैकमेलिंग करते हैं। जैसे देहरादून के रिटायर्ड बैंक मैनेजर को ही 17 लाख रुपये का गिफ्ट भेजने का झांसा दिए और ठग लिए 1 करोड़ 12 लाख रुपये से ज्यादा। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि ये गैंग आखिर किस तरह से ठगी को अंजाम देता है।

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नॉर्थ ईस्ट के युवक-युवतियों के नाम वाले अकाउंट में मंगाते हैं पैसे ताकी शक ना हो

देहरादून साइबर क्राइम के डीएसपी अंकुश मिश्रा ने बताया कि ये गैंग दिल्ली-एनसीआर में फैला है और पूरे देशभर में ठगी कर रहा है। इस गैंग के 3 सदस्य श्याम बाबू, नीतीश ठाकुर और मोहित को गिरफ्तार किया गया है। ये तीनों दिल्ली में रहते हैं। ये तीनों नाइजीरियन गैंग के साथ मिलकर फर्जी सिमकार्ड और पेटीएम वॉलेट दिलाने में मदद करते थे और डेढ़ से दो प्रतिशत कमीशन पर काम करते थे। इस केस का खुलासा करने वाले साइबर थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर मनोहर सिंह दसौनी ने बताया कि अनुमान है कि इस गैंग ने पिछले कुछ वर्षों में 5 करोड़ से ज्यादा की ठगी की होगी। इसके फ्रॉड को नाइजीरियन गैंग अंजाम देता है। लेकिन फर्जी सिमकार्ड लेने के लिए किसी गरीब व्यक्ति को लालच देकर आईडी ले लेते थे। इसी तरह से नॉर्थ ईस्ट के युवक-युवतियों को लालच देकर उनके बैंक अकाउंट भी ले लेते थे और उसी में पैसे डलवाते थे। क्योंकि नॉर्थ-ईस्ट में भी लोगों के नाम विदेशी नागरिकों के जैसे होते हैं। इसके अलावा इनका पूरा गैंग है जो धीरे-धीरे ट्रैप करते हैं। जब कोई पैसे देने से मना करता है तब ड्रग्स स्मगलिंग या फिर एंटी टेरर फंडिंग के नाम पर फंसाने की धमकी देकर पैसे लूटने लगते हैं। इनके पूरे गैंग के बारे में अभी भी जानकारी जुटाई जा रही है।

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Cyber Crime Safety Tips

  • कोई भी विदेशी युवक या लड़की की फ्रेंड रिक्वेस्ट मिले तो स्वीकार ना करें।
  • आप खुद सोचिए कि कोई विदेशी आपसे दोस्ती क्यों करना चाहेगा?
  • किसी भी विदेशी या वर्चुअल दोस्त से अपना पर्सनल नंबर शेयर ना करें।
  • कई बार ये साइबर क्रिमिनल आपके पोस्ट को लाइक कर दोस्ती करते हैं।
  • फोन पर किसी तरह की धमकी मिले तो डरे नहीं, खुलकर पुलिस को बताएं
  • ऑनलाइन क्राइम होने पर आप साइबर हेल्पलाइन 155260 पर कॉल करें।
  • स्थानीय पुलिस को भी तुरंत सूचना दें, इसमें कोई संकोच ना करें।
  • अपने सोशल मीडिया फेसबुक और इंस्टाग्राम प्रोफाइल को लॉक रखें
  • किसी बाहरी व्यक्ति को अपनी पर्सनल एक्टिविटी के बारे में ना बताएं