क्राइम
क्या होता है Digital Arrest और कैसे गवाँ देते हैं लोग करोड़ों रुपये फ़र्ज़ी पुलिस के डर से ! ज़रूर पढ़िए और सभी को जागरूक भी करिए
जैसा कि दिनांक 27.4.24 को प्रयागराज की महिला के साथ 1.48 करोड़ व दिनांक 25.04.24 को मुम्बई की महिला के साथ 25 करोड़ की ढगी की गयी ।
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इस फ्राड में आपको एक कम्प्यूटर जनरेटेड वायस काल आती है या फिर नार्मल काल आती है और बताया जाता है जो आपका पार्सल जा रहा था कैंसिल हो गया है अधिक जानकारी के लिये के लिये हमार कस्टमर केयर आधिकारी से बात किजिए यहा पर जैसे ही काल कनेक्ट की जाती है उनके द्वारा बताया है जाता है कि आपके सामान में गैरकानूनी सामान था, या फिर कोई सामान ले के जा रहा था जिसमें आपके नाम का आधार और सिम कार्ड लगा है अगर आपको लगता है कि आपके आधार या सिम कार्ड का दुरूपयोग हुआ है तो आपकी तुरन्त एफआईआर कराइये नही तो आपको जेल भेज दिया जायेगा फिर वहा से अपना एविडेंस देते रहीयेगा तो पीड़ित को लगता है कि यही पर हम अपनी एफआईआर दर्ज करा दे , तो सामने वाला कस्टमर केयर अधिकारी बताता है कि ये हाई स्क्योरिटी का मामला है सारी बाते गोपनीय रखियेगा किसी से अभी शेयर नही किजिएगा और आपको विडियो कालिंग एप स्काईपी डाउनलोड करा दिया जाता है सामने फर्जी पुलिस वाले बैठे होते है और वो आपका एफआईआर लिखना चालू करते है जैसे अपनी घटना बताते है कि आधार या सिम कार्ड गलत यूज हुआ है और अपना नाम पता बताते है तभी फर्जी पुलिस के तरफ से बैकग्राउंड से आवाज आने लगती है कि इसका नाम मनी लांड्रिंग में स्मलिंग भी नाम आया है और फर्जी पुलिस वाला कहता है कि आपको लाइन पर बने रहना होगा क्योकि आपका नाम और भी हमारे केस आया है जब तक जांच पुरी नही होती आप कैमरे के सामने बने रहेंगे ।
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मनी लॉन्ड्रिंग वरिफाई करने के लिये आप को अपने खाते की डिटेल और बैंक बैलेंस दिखाना होगा अब जैसे ही पीड़ित दिखाता है कि खाते में इतना बैंलेंस है तो कहते है ये पैसे आपको हमारे सुरक्षित आरबीआई के खाते में ट्रांसफर करना होगा पैसे वरिफाई कर ये पैसे आपको रिटर्न कर दिये जायेगें ।
पीड़ित डर कर पैसे भेज देता है जो आरबीआई का ना होकर साइबर अपराधी का खाता होता है फिर कहा जाता है तुक्का चलाते है कि हमारे आरबीआई के डिटेल में शो हो रहा है कि आपका और भी खाता है आका ट्रेडिंग अंकाउंट भी है जल्दी से जल्दी ये पैसे आप आरबीआई के वैलेट में भेजिये और फिर ऐसे ही बातो से डराकर लाखो करोड़ो रूपये ले लेते है और पुरे पैसे जाने के बाद एहसास होता है कि आपके साथ साइबर ठगी हुयी है ।
कूरियर और पार्सल में नशे का सामान मिला है” के नाम पर धोखाधड़ी से सावधान!! जालसाज खुद को पुलिस अधिकारी बताकर, डरा कर, आपसे पैसे और केवाईसी/खाता विवरण मांग सकते हैं। इनकी डिटेल नोट करलें और तुरंत www.sancharsaathi.gov.in की चक्षु सुविधा पर ऐसे संदिग्ध धोखेबाज़ी की रिपोर्ट करें। यदि आप वित्तीय धोखाधड़ी के कारण पैसे खो चुके हैं तो 1930 या www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें। भारत सरकार द्वारा जनहित में जारी।