देहरादून पुलिस ने कौन बनेगा करोड़पति के नाम पर ठगी करने वाले दो साइबर क्रिमिनल को दबोचा

KBC के नाम पर ठगने वाले दो साइबर क्रिमिनल अरेस्ट, जानें इस फ्रॉड में कैसे है पाकिस्तान का कनेक्शन

The420.in
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देहरादून। साइबर अपराधी रोज ठगी के नए-नए वर्जन के साथ सामने आ रहे हैं। लोग इनके मायजाल में फंसकर अपनी गाढ़ी कमाई गंवा रहे हैं। इन्होंने लोगों को ठगने के लिए अमिताभ बच्चन के मशहूर टीवी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ (KBC) को भी नहीं छोड़ा। उत्तराखंड पुलिस (UK Police) की स्पेशल टास्क फोर्स (STF)ने तमिलनाडु के तिरूवेनवल्ली से ‘कौन बनेगा करोड़पति’ शो में जीतने के नाम पर अब तक 12 करोड़ रुपये ठगने के आरोप में दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस के अनुसार दोनों की गिरफ्तारी भारतीय सेना में हवलदार के पद पर कार्यरत एक व्यक्ति द्वारा दर्ज कराए गए शिकायत की जांच के दौरान किया गया है। शिकायतकर्ता को व्हाट्सएप पर लकी ड्रा के आधार पर कार्यक्रम में 25 लाख रुपये जीतने की जानकारी दी गई। इसके बाद पंजीकरण शुल्क, बैंक शुल्क और आयकर आदि के नाम पर अलग-अलग बैंक खातों में सात लाख रुपये जमा करवा लिए गए, जबकि असलियत में उन्हें कोई राशि मिली ही नहीं।

पुलिस आगे बताया कि जब आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किए गए नंबरों और बैंक खातों की जांच की गई पता चला कि मोबाइल नंबर कर्नाटक और बिहार के थे। पाकिस्तान का आईपी एड्रेस इस्तेमाल करके शिकायतकर्ता को फोन किया गया था। बैंक खातों से जानकारी सामने आई कि अपराधियों ने तमिलनाडु, गुजरात, उत्तर प्रदेश, असम और बिहार समेत अन्य राज्यों में भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया के कुल 14 खातों का इस्तेमाल करते हुए उनमें सात लाख रुपये की राशि जमा कराई है। इनमें मात्र तीन महीनों में करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ।

पुलिस ने वल्लीनायगम और पी जॉनसन नाम के दो आरोपियों की पहचान की और तमिलनाडु के तिरूवेलवल्ली से उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों ने बताया है कि वे प्रतिष्ठित कंपनी के डीलर हैं। श्रीलंका और दुबई में उसी कंपनी के अन्य डीलरों से उनका संपर्क भी है। इन दो देशों के डीलर ही केबीसी के नाम पर लोगों को लॉटरी जीतने का लालच देकर धोखाधड़ी करते हैं। आरोपियों ने बताया कि वे इस काम को पिछले पांच-छह साल से कर रहे थे और अब तक अलग-अलग राज्यों में 10 से 12 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दे चुके हैं।

पाकिस्तान के आईपी एड्रेस हुआ इस्तेमाल 
देहरादून पुलिस की एसटीएफ टीम ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि इन्होंने अधिकतर कॉल व्हाट्सएप से की थी। इनमें पाकिस्तान का आईपी एड्रेस इस्तेमाल किया गया था। साथ ही दुबई के आईपी एड्रेस का इस्तेमाल कर भी कई कॉल की गई। ताकी पुलिस इन तक आसानी से पहुंच ना सके।

ठगी के पैसो को दुबई व श्रीलंका में भेजते थे
इन दोनों साइबर क्रिमिनल से पूछताछ में पता चला कि आरोपी एक बड़ी कंपनी के डीलर हैं और ठगी के धंधे में उनके कुछ सीनियर भी शामिल हैं। भारत से इस तरह से ठगी गई रकम में से वे केवल तीन से पांच प्रतिशत रखते हैं और बाकी दुबई और श्रीलंका में मौजूद सीनियरों को भेज देते हैं। करीब पांच साल में आरोपी 12 करोड़ से ज्यादा रुपये लोगों से ठग चुके हैं।

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