क्राइम
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव का नाम पड़ा साइबर ठग को भारी, मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ठगी का शिकार होने से बाल-बाल बचे
मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत की सूझबूझ ने उन्हें 5 लाख रुपये की साइबर ठगी से बचा लिया। आरोपी ने खुद को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव का निजी सचिव बताकर रावत को फोन किया और पांच लाख रुपये की मांग की। रावत ने तुरंत क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी मध्य प्रदेश का ही रहने वाला है।
वन एवं पर्यावरण मंत्री रामनिवास रावत ने बताया कि उन्हें 92******** नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव डी. संतोष का निजी सचिव बताया। उसने आगामी विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में रावत की मदद के लिए लोगों की व्यवस्था करने की पेशकश की और प्रति व्यक्ति पांच लाख रुपये मांगे।
बीएल संतोष को डी. संतोष
पहले तो रावत ने फोन को नजरअंदाज किया,लेकिन फोन करने वाला लगातार फोन करता रहा। रावत ने बताया कि फोन करने वाले ने एक अन्य व्यक्ति से भी बात कराई, जिसने खुद को भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव डी.संतोष बताया। यह व्यक्ति ऐस बात कर रहा था कि उस पर शक न हो, लेकिन रावत को शक हुआ,क्योंकि बताया गया नाम गलत था। राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष हैं।
8 जुलाई को मंत्री बनने के बाद से ही आ रहे फर्जी कॉल
विजयपुर से विधायक रह चुके रावत ने इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में उपचुनाव होना है। 8 जुलाई को मंत्री बनने के बाद से ही पैसे मांगने वाले फर्जी कॉल शुरू हो गए थे। इसमें फोन करने वाले ने चुनाव में मदद का वादा किया था।
जांच करने पर रावत को पता चला कि राष्ट्रीय महासचिव के कार्यालय से ऐसा कोई कॉल नहीं किया गया था। जब उन्हें लगा कि यह एक स्कैम है,तो उन्होंने शिकायत दर्ज कराई। क्राइम ब्रांच ने भारतीय दंड संहिता की धारा 319(2) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66(सी) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।