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क्राइम

उत्तराखण्ड STF द्वारा अंतर्राज्यीय Cyber गैंग का पर्दाफ़ाश : 2 गिरफ़्तार

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Uttarakhand STF Strikes Again Hawala Operator Arrested in Maharashtra

उत्तराखंड : उत्तराखंड एसटीएफ के साइबर थाना कुमाऊं परिक्षेत्र की पुलिस टीम ने साइबर धोखाधड़ी के आरोप में दो अभियुक्तों को कानपुर, उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है। यह दोनों अभियुक्त खुद को एचडीएफसी सिक्योरिटीज का प्रतिनिधि बताकर, आईपीओ में निवेश के नाम पर अधिक मुनाफे का लालच देकर लोगों से धनराशि जमा करवाते थे। उन्होंने एचडीएफसी सिक्योरिटीज से मिलते-जुलते नाम “HDFC VIP” से एक फर्जी एप्लिकेशन बनाकर लोगों को डाउनलोड करवाया, जिसमें निवेश करने पर अधिक मुनाफे सहित धनराशि दिखाई जाती थी।

पुलिस द्वारा की गई जांच में यह सामने आया कि अभियुक्तों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाते खोले और उनमें करोड़ों रुपये की लेनदेन की। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के पास से घटना में उपयोग किए गए 2 मोबाइल फोन, 3 सिमकार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि बरामद हुए हैं।

एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री आयुष अग्रवाल ने जानकारी दी कि अल्मोड़ा निवासी पीड़ित ने अगस्त 2024 में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें व्हाट्सएप पर एक अज्ञात नंबर से कॉल और मैसेज प्राप्त हुए। इस व्यक्ति ने खुद को एचडीएफसी सिक्योरिटीज का प्रतिनिधि बताया और पीड़ित को एक व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल होने के लिए कहा। इसके बाद पीड़ित को HDFC VIP एप्लिकेशन डाउनलोड कर उसमें निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया।

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इस एप्लिकेशन में ट्रेडिंग के लिए दिए गए विभिन्न बैंक खातों में पीड़ित ने लगभग 1.36 करोड़ रुपये जमा करवाए। अपराधियों ने आईपीओ में अधिक मुनाफे का झांसा देकर पीड़ित के डैशबोर्ड में 8 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदर्शित की। मामले की गंभीरता को देखते हुए, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ ने साइबर क्राइम कुमाऊं परिक्षेत्र के निरीक्षक श्री अरुण कुमार को विवेचना की जिम्मेदारी सौंपी और मामले के शीघ्र अनावरण के लिए आवश्यक निर्देश दिए।

साइबर थाना पुलिस ने तकनीकी और डिजिटल साक्ष्यों का संग्रह कर घटना के मास्टरमाइंड और मुख्य आरोपी, अभिनव राज सिंह सेंगर और मुकेश यादव को कानपुर से गिरफ्तार किया।

अभियुक्तों से पूछताछ में यह भी पता चला कि उन्होंने फर्जी मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी का उपयोग करके इन बैंक खातों को इंटरनेट बैंकिंग के लिए पंजीकृत किया था। अभियुक्तों द्वारा फर्म के खातों का उपयोग कर साइबर अपराधों से ठगी गई धनराशि को जमा कर अन्य खातों में स्थानांतरित किया जाता था।

एसटीएफ उत्तराखंड के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री आयुष अग्रवाल ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लालच या फर्जी साइटों के प्रलोभन में न आएं और अज्ञात कॉल आने पर सतर्क रहें। वित्तीय साइबर अपराध घटित होने पर तुरंत 1930 नंबर पर संपर्क करें।

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