Connect with us

क्राइम

ब्रांडेड कपड़े, लग्जरी कार और बाउंसर: UP पुलिस ने लोगों को ठगकर ऐश करने वाले साइबर जालसाजों को गिरफ्तार किया

Published

on

बैंकों, सोशल मीडिया साइट्स या बैंकिंग एप्लीकेशन पर आपका डेटा कितना सुरक्षित है? इसका अंदाजा आप इस खबर के बाद लगा सकते हैं। यूपी पुलिस ने 12वीं फेल साइबर ठगों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो डेटा ब्रीच, फिशिंग और डिजिटल अरेस्ट जैसे डिजिटल क्राइम करता है। गिरोह बैंकों के डेटाबेस, मोबाइल एप्लीकेशन और सोशल नेटवर्किंग साइट्स से डेटा लीक करके लोगों की गाढ़ी कमाई लूट लेता था।

पुलिस ने यह भी पाया कि दोनों ठग दिल्ली में आलीशान जिंदगी जी रहे थे। उनके पास लग्जरी कारें और बाउंसर थे। पूछताछ के दौरान मामला सामने आया, जहां दोनों ने साइबर धोखाधड़ी में अपनी कथित संलिप्तता स्वीकार की और लोगों को ठगने के तरीके का खुलासा करते हुए बताया कि कैसे वे लोगों की निजी जानकारी का इस्तेमाल करके उन्हें निशाना बनाते थे।

यूपी पुलिस ने शुक्रवार को दो साइबर जालसाजों संदीप कुमार सेन (23) और मोहम्मद साहिल (19) को प्रयागराज से गिरफ्तार किया। इन पर आरोप है कि इन्होंने खुद को सीबीआई, आरबीआई, इनकम टैक्स और अन्य सरकारी एजेंसियों का अधिकारी बताकर मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए कई लोगों से ठगी की है। एक पीड़ित की शिकायत पर साइबर थाने में दोनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 319 (2), 318 (4), 308 (2), 336 (3), 111 (1) (2) और आईटी एक्ट की धारा 66 और 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

68 लाख रुपये ठग लिए

पुलिस ने बताया कि दोनों ने मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए पीड़ित से संपर्क किया था और निवेश के लिए पैसे का लालच देकर 68 लाख रुपये ठग लिए। पुलिस ने उनके कब्जे से तीन मोबाइल, एक चेक बुक, दस एटीएम कार्ड, पांच फर्जी सिम कार्ड और 14 बैंक खाते जब्त किए हैं। प्रयागराज के डीसीपी (सिटी) दीपक भूकर ने बताया कि आरोपियों ने व्यक्ति से 68 लाख रुपये ठगे हैं। उन्होंने पहले साइबर ठगी के शिकार को फंसाया और उसे डेफ्टर/लेजर अकाउंटिंग ऐप के जरिए क्रिप्टो करेंसी में 20 लाख रुपये निवेश करने का लालच दिया।

क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर समन और नोटिस भेजने की धमकी

इसके बाद साइबर ठगों ने पीड़ित को सीबीआई, आयकर और आरबीआई अधिकारी बनकर फोन किया और क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर समन और नोटिस भेजने की धमकी दी। पीड़ित से अलग-अलग बहाने से 68 लाख रुपये की ठगी की गई। इसके बाद उसने साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराई। साइबर सेल की पुलिस ने अपराधियों का पता लगाया और शुक्रवार को उन्हें दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया।

डेटा खरीदते थे

पूछताछ के दौरान दोनों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। पुलिस ने बताया कि दोनों बदमाशों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और डिजिटल अरेस्ट के नाम पर आधा दर्जन से अधिक लोगों से 1.5 करोड़ रुपये ठगने की बात स्वीकार की है। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि वे लोगों को टारगेट करने के लिए बीमा एजेंसियों, व्हाट्सएप और अन्य बैंकिंग साइटों से बैंक ग्राहकों के मोबाइल नंबर, बैंक खाते का विवरण और डेटाबेस सहित अन्य जानकारी खरीदते रहे हैं।

लग्जरी लाइफ स्टाइल

पुलिस के अनुसार स्कूल ड्रॉपआउट संदीप और साहिल संभवतः ब्रांडेड कपड़ों, लग्जरी कारों और महंगे जूतों के लिए साइबर अपराध करने लगे थे। दोनों की लग्जरी लाइफ स्टाइल ने पुलिस को हैरान कर दिया। संदीप और साहिल दोनों के पास दिल्ली में बार और रेस्टोरेंट की एक चेन थी।

Follow The420.in on

 TelegramFacebookTwitterLinkedInInstagram and YouTube

Continue Reading