वित्त वर्ष 24 में साइबर क्राइम: भारत में ATM/क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग धोखाधड़ी के कारण 177 करोड़ रुपये का नुकसान

Titiksha Srivastav
By Titiksha Srivastav - Assistant Editor
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भारत में बैंकिंग धोखाधड़ी में वृद्धि हुई है। यह खतरनाक ट्रेंड मुख्य रूप से साइबर अपराधियों की बढ़ती चालाकी से प्रेरित है। सोमवार को संसद को सूचित किया गया कि वित्त वर्ष 2023-24 में क्रेडिट, डेबिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग धोखाधड़ी के कारण 177 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

लोकसभा में एक लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी के कारण होने वाले नुकसान की राशि वित्त वर्ष 23 में 69.68 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 177.05 करोड़ रुपये हो गई है। वित्त वर्ष 22 में नुकसान की मात्रा 80.33 करोड़ रुपये थी, वित्त वर्ष 21 में यह 50.10 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 20 में 44.22 करोड़ रुपये थी।

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चौधरी ने आगे कहा कि धोखाधड़ी वाले लेनदेन के कारण ग्राहकों को होने वाले नुकसान की भरपाई करने में मदद करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन के मामलों में ग्राहकों की देयता को सीमित करने के लिए बैंकों को निर्देश जारी किए हैं।

यदि बैंक की लापरवाही साबित होती है या सिस्टम में कहीं और गलती है, तो ग्राहक किसी भी नुकसान से बच सकते हैं बशर्ते वे 3 कार्य दिवसों के भीतर घटना की रिपोर्ट करें। ऐसे मामलों में जहां ग्राहक 4 से 7 कार्य दिवसों के बीच अनधिकृत लेनदेन की रिपोर्ट करता है, उनकी लायबिलटी खाते के प्रकार के आधार पर 5,000 रुपये से 25,000 रुपये तक हो सकती है। 7 कार्य दिवसों से परे, ग्राहक की लायबिलटी बैंक की आंतरिक नीति द्वारा निर्धारित की जाती है। अनधिकृत लेनदेन के मामलों में ग्राहक की लापरवाही साबित करने के लिए बैंक जिम्मेदार है।

साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्ट कैसे करें:

  • राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल: गृह मंत्रालय ने वित्तीय धोखाधड़ी सहित साइबर घटनाओं की रिपोर्टिंग के लिए एक पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) लॉन्च किया है।
  • राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन: साइबर अपराध की रिपोर्टिंग के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन नंबर (1930) उपलब्ध है।
    बैंक रिपोर्टिंग चैनल: ग्राहक अपनी आधिकारिक वेबसाइट या शाखा के माध्यम से सीधे अपने बैंक को वित्तीय धोखाधड़ी की रिपोर्ट भी कर सकते हैं।

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