क्राइम
बैंक मैनेजर ने ही बैंक से कर ली 28 करोड़ की धोखाधड़ी,क्राइम ब्रांच ने चार करोड़ रुपये कराए फ्रीज
अभी तक तो आपने सुना होगा कि साइबर क्रिमिनल ही लोगों के साथ ठगी की वारदात करते हैं लेकिन नोएडा में एक ऐसा मामला सामने आया है। जिसमें बैंक मैनेजर(Bank Manager) ने ही बैंक से 28 करोड रुपए की धोखाधड़ी कर ली और अपने रिश्तेदारों और जानकारी के खाते में रकम ट्रांसफर (Transfer) कर दी। इस मामले में नोएडा कमिश्नरेट के क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने चार करोड रुपए फ्रीज करा दिए हैं। नोएडा पुलिस मामले की जांच कर रही है।
यहां जानिए बैंक मैनेजर की पूरी कहानी
नोएडा के सेक्टर 22 में साउथ इंडियन बैंक (South Indian Bank) में सहायक बैंक मैनेजर के पद पर राहुल शर्मा तैनात था। राहुल शर्मा ने बैंक में काम करने के दौरान अपने मां पत्नी और अन्य रिश्तेदारों के साथ-साथ किराए पर अकाउंट लेकर 28 करोड रुपए से अधिक की राशि ट्रांसफर कर दी। इतने बड़े गगन करने के बाद भी वह बैंक में काम करते रहे। इस मामले में बैंक के डीजीएम रीजनल (Regional DGM) ने सहायक प्रबंधक,उसकी मां और पत्नी समेत अज्ञात के खिलाफ सेक्टर-24 थाने में केस दर्ज कराया है। साउथ इंडियन बैंक के रीजनल डीजीएम रैनजीत आर नायक ने पुलिस से शिकायत की है कि उन्हें पिछले कुछ दिनों से सेक्टर-22 स्थित शाखा से गड़बड़ी की शिकायत मिल रही थी।
जिस पर विभाग ने अपनी विजिलेंस टीम से यहां की जांच कराई। जांच में पता चला कि सेक्टर-48 स्थित एसोसिएट इलेक्ट्रानिक्स रिसर्च फाउंडेशन नामक कंपनी के खाते से सहायक बैंक प्रबंधक राहुल शर्मा ने 28.07 करोड़ रुपये पत्नी भूमिका शर्मा और मां सीमा समेत अन्य के खातों में ट्रांसफर कर कंपनी व बैंक के साथ धोखाधड़ी की है। इस मामले में एसोसिएट इलेक्ट्रानिक्स रिसर्च फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने तीन, चार और छह दिसंबर को ईमेल से शिकायत दर्ज कराते हुए खाते से रुपये बिना अनुमति व जानकारी के ट्रांसफर करने के आरोप लगाए थे। मूल रूप से हरियाणा के रोहतक में रहने वाला राहुल शर्मा वर्तमान में सेक्टर-27 में परिवार के साथ रहता है। केस दर्ज होने के बाद से वह परिवार समेत फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
केस दर्ज होने के बाद पुलिस उन खातों की जांच कर रही है, जिन खातों में रकम ट्रांसफर हुई है। योजना के तहत धोखाधड़ी के लिए सहायक प्रबंधक ने अपनी मां और पत्नी समेत अन्य लोगों का संबंधित बैंक में खाता खुलवाया। खाते को सत्यापित करने के बाद आरोपी ने इन्हीं खातों में निजी कंपनी के करोड़ों रुपये ट्रांसफर कर लिए। 20 से अधिक बार में रकम ट्रांसफर की गई। डीसीपी क्राइम (DCP Crime) शक्ति मोहन अवस्थी ने ठगी की चार करोड़ की रकम फ्रीज होने की पुष्टि की है। मामले की जांच जारी है।