क्राइम
गोल्डन आवर्स में शिकायत की तो साइबर क्राइम की 7.84 करोड़ की रकम हुई वापस,साइबर क्राइम होने के बाद पहला एक घंटा है सबसे महत्वपूर्ण
नोएडा-ग्रेटर नोएडा के लोगों ने गोल्डन आवर्स (Golden Hours) में साइबर क्राइम की शिकायत की तो एक साल में 7 करोड़ 84 लाख रुपये से अधिक की रकम जालसाजों के खाते से वापस दिलाई गई। साइबर एक्सपर्ट (Cyber Experts) की राय में साइबर क्राइम होने के बाद पहला एक घंटा सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसी गोल्डन आवर्स में साइबर जालसाजों के खाते में रकम को आसानी से ब्लॉक (Block ) कराया जा सकता है।
2 साल में 12 करोड़ से अधिक Cyber Fraud की रकम वापसी
Noida Commissionerate में वर्ष 2023 की तुलना में साइबर अपराध की घटनाओं में मामूली कमी आई है। गौतमबुद्घनगर में वर्ष 2022 में कुल साइबर क्राइम की घटनाएं 887 दर्ज की गई थी।
जबकि वर्ष 2023 में साइबर क्राइम की 875 घटनाएं दर्ज हुई। इसमें सबसे अहम है कि इन दोनों वर्षों में Golden Hours में शिकायत दर्ज करने के बाद पुलिस ने 12 करोड़ रुपये से अधिक की रकम पीडि़तों को वापस दिलाई। वर्ष 2023 में जहां कमिश्नरेट पुलिस ने 7 करोड़ 84 लाख 62 हजार 389 रुपये और वर्ष 2022 में 5 करोड़ 10 लाख 12 हजार 569 रुपये पीडि़तों को वापस दिलाए।
इस मामले में साइबर क्राइम से जुड़े पुलिस अधिकारियों व एक्सपर्ट का कहना है कि Cyber Crime होने के बाद पहले एक घंटे के भीतर अगर पुलिस हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत कर दी जाती है या पुलिस हेल्प डेस्क (Police Help Desk) में रिपोर्ट की जाती है तब ठगी की रकम के वापस होने की संभावना अधिक होती है। दरअसल जब किसी के साथ साइबर क्राइम की घटना में रकम Transfer की जाती है तब वह रकम किसी न किसी Account में जाता है। इसके बाद उस अकाउंट से भी रकम अन्य अकाउंट में साइबर जालसाज ट्रांसफर करते हैं। ऐसे में पुलिस के पास समय रहते अगर जानकारी आ जाती है तब बैंक से संपर्क कर उस अकाउंट को ब्लॉक या फ्रीज करा देती है जिस खाते में ठगी की रकम गई है। Noida- Greater Noida में भी इसी एक घंटे के भीतर बड़ी संख्या में लोगों ने पुलिस से शिकायत की और उन्हें पुलिस की मदद से रकम वापस दिलाई गई।
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क्या है Golden Hours
साइबर ठगी के मामले में Golden Hours को ठगी होने के बाद का पहला घंटा कहा जाता है। अगर किसी के साथ साइबर ठगी होती है तो उसे Cyber Fraud होने के एक घंटे के अंदर तक भारतीय साइबर अपराध केन्द्र पर शिकायत दर्ज करानी होती है। अगर कोई साइबर ठगी का पीडि़त ऐसा करता है तो जालसाजों को अकाउंट से पैसे निकालने से रोका जा सकता है। Cyber Crime के एक घंटे के भीतर साइबर अपराध शाखा को जानकारी देने पर रकम को सुरक्षित किया जा सकता है।
इस तरह की ठगी में रकम वापसी अधिक हुई
बैंक ग्राहक सेवा, ओएलएक्स, कैशबैक योजनाओं, क्रेडिट कार्ड, वर्क फ्रॉम होम नौकरी के नाम पर अधिक ठगी हुई और इन्हीं मामलों में रकम वापसी भी अधिक कराई गई। इसकेअलावा वॉलेट फ्रॉड, ओटीपी, यूपीआई, शॉपिंग फ्रॉड की रकम भी वापस हुई। अब पुलिस आम लोगों को इसके लिए प्रशिक्षित करेगी कि साइबर ठगी होने पर पहले एक घंटे में 1930 पर जरूर फोन करें।
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साइबर क्राइम की घटनाओं के लिए पहला एक घंटा काफी महत्वपूर्ण हैं।
कमिश्नरेट में सभी थानों पर इसके लिए साइबर हेल्प डेस्क बनाई गई है। इस कारण ही वर्ष 2023 में 7.84 करोड़ रुपये की रकम पीडि़तों की वापस दिलाई जा सकी है।
लक्ष्मी सिंह, पुलिस कमिश्नर, गौतमबुद्घनगर
अगर किसी के साथ साइबर क्राइम की घटना होती है तो तुरंत ही 1930 पर कॉल करें और अपनी पूरी जानकारी दें। इसके बाद वहां से मिले एक्नॉलेजमेंट नंबर (Acknowledgement Number) को लेकर स्थानीय थाने जाएं और आगे की त्वरित कार्रवाई कराएं।साइबर फ्रॉड की घटना के तुरंत बाद शिकायत दर्ज करने पर ठगी की रकम वापस होने की संभावना बहुत अधिक होती है।
प्रो. त्रिवेणी सिंह, पूर्व आईपीएस व साइबर एक्सपर्ट
पिछले तीन साल के आंकड़े
वर्ष | साइबर क्राइम की घटनाएं | रकम वापसी |
---|---|---|
2021 | 699 | Rs 21,070,477 |
2022 | 887 | Rs 51,012,569 |
2023 | 875 | Rs 78,462,389 |