क्राइम
क्रिप्टो बना साइबर अपराधियों के लिए ठगी का नया तरीका, इस तरह देते हैं वारदात को अंजाम
देश में साइबर क्राइम के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। पहले तो शातिर ठग सिर्फ लोगों को चूना लगाते थे लेकिन अब वे उन्हें अंधेरे में रखकर अपराधी भी बना रहे हैं। यह सब वे क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) की आड़ में आकर कर रहे हैं। इसके पीछे ठगों का इरादा ठगी गई रकम को सुरक्षित करना है।
अब वे ऐसे लोगों को ढूंढते हैं जिनके पास क्रिप्टो करेंसी हो। भारत में जिनके पास भी क्रिप्टो करेंसी है उन्हें अपने मुनाफे पर करीब 30 प्रतिशत टैक्स केंद्र सरकार को देना अनिवार्य है। ऐसे में बदमाश लोगों यह झांसा देते हैं कि अगर क्रिप्टो उन्हें बेच दी जाएगी तो वे उन्हें पूरा पैसा देंगे। लोग आसानी से उनके झांसे में फंस जाते हैं तो पी-2 पी ट्रांजेक्शन से क्रिप्टो ट्रांसफर कर देते हैं।
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इसके बदले में अपराधी साइबर ठगी व अन्य तरीकों से लूटे गए रुपए लोगों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर देते हैं। ऐसे में जब भी कभी ऐसे मामलों पर पुलिस की नजर पड़ती है तो जांच के अंत में आम आदमी के पास ही सारे पैसे मिलते हैं। जब की उन्हें तो इस बात की कोई जानकारी ही नहीं होती है कि उनके खाते में ठगी के रुपए है। उधर साइबर ठग इन क्रिप्टो को विदेश भर में बैठे ठगों को भेज देते हैं जहां इनका इस्तेमाल होता है। जोधपुर साइबर पुलिस (Jodhpur Cyber Police) के पास अब तक ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं।
16 करोड़ रुपए की ठगी का मामला
बता दें कि पावटा क्षेत्रवासी हैंडीक्राफ्ट व्यापारी अरविंद कालानी से करीब 16 करोड़ रु. की ठगी हुई थी। इस मामले में पुलिस व्यापारी को केवल 7 करोड़ रुपए ही वापस करा पाई है। बाकी बचे पैसों को क्रिप्टो के जरिए साइबर ठगों ने विदेश में बैठे ठग को ट्रांसफर कर दिया था। इस मामले की जांच अब भी जारी है।
यहां जानें साइबर ठगी के आंकड़े
* रोज 50-100 लोग होते हैं ठगी का शिकार
* 1 दिन में की जाती है करोड़ों रुपए की ठगी
* हर थाने में रोज दर्ज किए जा रहे 2 से 3 मामले
* छह महीने में दर्ज हुए 61 केस
* साइबर थाने में दर्ज कराए गए सिर्फ 5 केस
जानें कैसे चलती है क्रिप्टो करेंसी
बता दें कि क्रिप्टो की खरीदी-बिक्री ब्लॉकचेन (Blockchain) पर चलती है। यहां हजारों की तादात में क्रिप्टोकरेंसी हैं, जिन्हें लोग रोज खरीदते और बेचते हैं। सबसे चर्चित क्रिप्टो आज के समय में बिटकॉइन (Bitcoin) है। अब इसका उपयोग अवैध लेनदेन में ज्यादा होने लगा है। ऐसे केस को सोल्व करने के लिए जोधपुर में साइबर थाना तो है लेकिन इसकी प्रक्रिया को जानने के लिए जो विशेष तकनीक चाहिए वो वहां उपलब्ध नहीं है।
इस पर साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि एक दिन के अंदर शहर में कई लोग ठगी का शिकार होते हैं, वहीं महीनेभर में करोड़ों में पैसे लूटे जाते हैं। ठगी का नया तरीका सामने आया है जिसमें लोगों के साथ ठगी होती है,फिर उन रुपयों को क्रिप्टो में बदलकर विदेशों में भेज दिया जाता है।
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