क्राइम
Cyber Crime: करेंसी ट्रेडिंग के नाम पर Demate Account खोल ऐसे ठगी करता था ये गैंग, 100 से भी ज्यादा लोगों को लगाया करोड़ों का चूना
करेंसी ट्रेडिंग में लाखों निवेश कर करोड़ों रुपये कमाने का सपना दिखाकर डिमैट खुलवाने वाले एक साइबर ठग (Cyber Fraud) को उत्तर प्रदेश साइबर सेल ने मध्यप्रदेश से गिरफ्तार किया है। यह गिरोह लोगों को कॉल कर डिमैट अकाउंट (Demate Account) खुलवाकर करेंसी ट्रेडिंग (Currency Treading) कर मोटा पैसा कमाने का सपना दिखाता था।
यह लोग अपने एक फर्जी ऐप (Fake Demate App) की मदद से लोगों के रुपये को निवेश कराकर डिजिटल रूप से ही लाखों रुपये बढ़ा देते थे। जबकि हकीकत में निवेश किया गया रुपया तेजी से बढ़ना तो दूर शेयर की चढ़त और गिरावट के बीच नीचे आ जाता था। लोगों के रुपये निकालने की बात कहने पर आरोपी जीएसटी से लेकर कमिशन के रूप में लाखों रुपये वसूलकर खाता बंद कर देते थे। इसके बाद निवेशक को अपने साथ ठगी का पता लगता था। इसी गिरोह का भाड़ाफोड़ कर पुलिस ने एक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस आरोपी के अन्य साथियों का पता लगाने में जुटी है।
जांच के बारे में बात करते हुए एसपी साइबर क्राइम, प्रो त्रिवेणी सिंह ने कहा, “हमने इसी तरह के अन्य गिरोह की पहचान की है, जो निवेश के बहाने नागरिकों को धोखा दे रहे हैं। वे नकली निवेश ऐप बनाकर लोगों को लुभा रहे हैं। इसी तरह, लोग हैं नकली क्रिप्टोक्यूरेंसी निवेश ऑपरेटरों द्वारा ठगा जा रहा है। हम ऐसे धोखाधड़ी की जांच कर रहे हैं और एक कार्रवाई शुरू करेंगे।
दरअसल, कुछ समय पहले ही उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के चिरंजीव विहार निवासी अशोक कुमार साइबर थाना पुलिस को शिकायत दी थी। पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया कि कुछ शातिर ठगों ने उसे कॉल कर डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए प्रभावित किया। इसके बाद 15 लाख रुपये निवेश कराकर धोखाधड़ी कर ली। साइबर थाना पुलिस ने मामले की जांच की तो मध्य प्रदेश का लिंक मिला। पुलिस ने मामले की जांच कराकर छापेमारी कर मध्यप्रदेश से शोएब मंसूरी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी मध्यप्रदेश के देवास स्थित त्रिवेणी नगर में रहता था। वह यहां कॉल सेंटर चलाकर लड़के लड़कियों से फोन कराकर लोगों को डिमैट अकाउंट खुलवाने का प्रलोभन दिलाता था।
ऐसे किया करोड़ों का खेल, अब पुलिस ने दबोचा
पुलिस गिरफ्त में आए आरोपी ने बताया कि वह मध्यप्रदेश के इंदौर में अमदानी सॉल्यूशन के नाम से एक सेंटर चलाते थे। इसमें आरोपी अपने साथियों की मदद से लोगों को फोन कर करेंसी ट्रेडिंग के लिए डिमैट अकाउंट खुलवाते थे। यह लोग कॉल कर लोगों को जल्द से जल्द रुपया डबल करने का लालच देते थे। अकाउंट खुलवाकर आरोपी उक्त शख्स का यूजर आईडी और पासवर्ड अपने पास रख लेते थे। जिसे डिमैट अकाउंट का एक्सिस कर सकें। साथ ही आरोपी ग्राहकों से निवेश के लिए अलग अलग अकाउंट से पैसा मंगाते थे।
फर्जी ऐप से बढ़ती दिखाई देती करेंसी
आरोपी निवेशकों को एक ऐप डाउनलोड करने के लिए कहते थे। यह फर्जी ऐप आरोपियों ने इंटरनेट और प्ले स्टोर (Play Store) पर डाला हुआ था। जिसमें आरोपी अपने हिसाब से सेटिंग करते थे। इन ऐप्स को निवेशक को अपना पैसा बढ़ता दिखाई देता था, लेकिन हकीकत कुछ और ही थी। जिसकी भनक निवेशक को दूर दूर तक नहीं लगती थी।
जैसे ही अमाउंट बहुत ऊपर जाता निवेश अपना प्रोफिट निकालने की मांग करता था। इस पर भी आरोपी जीएसटी, कमीशन और फीस के नाम पर पीड़ित से अलग अलग अकाउंट्स में रुपया जमा करा लेते थे। जैसे ही पीड़ित को ठगी का शक होता। आरोपी ठग उसका खाता ब्लॉक कर नंबर बंद कर देते थे। आरोपी ने अपने इस जाल में फसांने के लिए लड़के और लड़कियों को कॉल करने के लिए रखा हुआ था। बताया जा रहा है कि आरोपी अब तक करीब 100 लोगों से 15 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है। साइबर पुलिस आरोपी शोएब के अन्य साथियों का भी पता लगाने में जुटी है।
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