क्राइम
चीन समर्थित Hackers Group भारत सरकार की कर रहा जासूसी, जानिए क्या-क्या है निशाने पर
चीन समर्थित Hackers Group भारत समेत दुनिया के कई देशों के Government, NGO, Newspaper, मैगजीन समेत थिंक टैंक को निशाना बनाकर Cyber जासूसी कर रहा है। इस Hackers Group के निशाने पर भारत का National Informatics System भी शामिल है।
Hackers ग्रुप बल्क में E Mail भेजता है और जब उन ईमेल को ओपन किया जाता है तो साइबर जालसाजी कर Log in की जानकारी चुरा लिया जाता है। Red Alpha नामक यह हैकर्स ग्रुप भारत सरकार के Information Technology की बुनियादी ढांचा को लगातार कमजोर करने का प्रयास कर रहा है। Hackers Group ने पिछले साल भी 300 से अधिक Domain को प्रभावित किया था।
चीन समर्थित Hackers Group ऐसे बना रहा निशाना
चीन समर्थित Hackers Group लोगों को बल्क में E Mail भेजकर निशाना बना रहा है और खासतौर पर PDF Files वाले ई-मेल भेजकर Computers में सेंध लगाने का प्रयास कर रहा है।
जिन PDF files में फिशिंग साइट के लिंक होते हैं उनके Users से कहा जाता है कि फ़ाइलों को Download करने के लिए लिंक पर क्लिक करें।
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Link को क्लिक करने के बाद ही सिस्टम Hack हो जाता है और सारी जानकारियां Hackers Group के पास चला जाता है।
पिछले 3 सालों में Red Alpha ने Operational Infrastructure के बड़े समूहों का इस्तेमाल करके फिशिंग की गतिविधियां लगातार चला रहा है। हालांकि इस बाबत चीन सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता का कहना है कि उनका देश इस तरह के साइबर हमलों का विरोधी रहा है और कभी भी इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा नहीं देता है।
जातीय समूह और Minorities को भी बनाया जाता है निशाना
एक साइबर सिक्योरिटी फर्म की रिपोर्ट के मुताबिक चीन समर्थित Cyber Hackers का ग्रुप भारत समेत कई देशों में जातीय समूह और Minorities को भी निशाना बनाने में जुटा हुआ है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक कुछ महीने पहले तिब्बती और कुछ अन्य समुदाय के लोग और संगठनों के E Mail को भी Hack कर जानकारी प्राप्त की गई है।
Red Alpha ने हाल के वर्षों में ताइवान में कई राजनीतिक और Thik Tank को भी निशाने पर लिया है और उनकी गोपनीय जानकारियां एकत्रित किया है।
Amnesty International जैसे संगठन भी है रडार पर
साइबर सिक्योरिटी फर्म Recorded Future की रिपोर्ट के मुताबिक इस हैकिंग ग्रुप के निशाने पर Amnesty International जैसा संगठन भी रहा है।
इसके साथ ही International Federation For Human Rights, इंटरनेशनल फेडरेशन फॉर ह्यूमन राइट, रेडियो फ्री एशिया, द अमेरिकन इंस्टीट्यूट इन ताइवान जैसे संगठन भी इस Hackers Group के रडार पर है और यहां की भी जानकारियां इकट्ठा करने की बात सामने आई है।
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