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क्या होता है Private Browser? इंटरनेट के इस्तेमाल के कैसे बनाता है सुरक्षित, जानें सबकुछ

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क्या होता है Private Browser? इंटरनेट के इस्तेमाल के कैसे बनाता है सुरक्षित, जानें सबकुछ

क्या आप भी किसी वेबसाइट (Website) पर जाने पर विज्ञापनों (Advertisements) से परेशान हैं? क्या आप अपनी ऑनलाइन सुरक्षा और गोपनीयता (Online Security and Privacy) को लेकर चिंतित हैं और सुरक्षित रूप से इंटरनेट ब्राउज करने का तरीका जानना चाहते हैं। आप प्राइवेट ब्राउजर (Private Browser) या इनकगनिटो मोड (Incognito Mode) का इस्तेमाल करके ऐसा कर सकते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार कि कैसे हम इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। इनके फायदे क्या हैं।

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कौन से ब्राउज़र पर ये सुविधा उपलब्ध है
ब्राउजर के प्राइवेट मोड का इस्तेमाल करना सुरक्षित और प्राइवेट ब्राउज़िंग का आनंद लेने का एक आसान तरीका है। सभी प्रमुख ब्राउजर यह सुविधा देते हैं। इसमें फ़ायरफ़ॉक्स (Mozilla Firefox), क्रोम (Google Chrome) और सफारी (Safari) शामिल हैं।

फ़ायरफ़ॉक्स का पर्सनल ब्राउज़िंग मोड कुकीज को डीलिट कर देता है। ऐसे में विंडो बंद करने के बाद कोई भी ब्राउज़िंग डेटा ट्रैक नहीं किया जाता है। ट्रैकिंग कुकीज़ खुद पर खुद ब्लॉक हो जाती हैं और ब्राउज़र के पास के आपके द्वारा डाउनलोड की गई कोई भी फ़ाइल की जानकारी नहीं रहती, लेकिन इसके बाद भी आप इनको सेव कर सकते हैं।

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गूगल क्रोम का प्राइवेट बाउजर मोड को इनकगनिटो मोड के रूप में जाना जाता है। क्रोम खोलने के बाद ब्राउजर विंडो के ऊपर बाएं कोने में यह आप्शन उपलब्ध होता है। फ़ायरफ़ॉक्स की तरह क्रोम का पर्सनल मोड में कोई भी डेटा का ट्रैक नहीं होती है। हिस्ट्री में इसकी जानकारी नहीं होती।

ऐप्पल की सफारी भी प्राइवेस ब्राउज़िंग मोड की सुविधा देती है जो विंडो बंद करने पर फालतू फ़ाइलों को हटा देती है। ब्राउज़िंग हिस्ट्री,यूजर्स डेटा और कुकीज़ सभी डीलिट हो जाते हैं।

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क्या हैं फायदे


– साइट्स को आपकी निजी जानकारी एकत्र करने से रोकता है।
– निजी जानकारी सेव नहीं होती।
– अकाउंट्स खुद पर खुद लॉग आउट हो जाते हैं।
– कुकीज को आपके सिस्टम पर सेव नहीं होते।
– अनचाहे एड्वरटाइजमेंट से आप परेशान नहीं होते।

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