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आखिर क्यों फेसबुक का नाम बदलने जा रहे हैं मार्क जुकरबर्ग? 28 अक्टूबर को कर सकते हैं एलान, जानें – इसका कारण

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आखिर क्यों फेसबुक का नाम बदलने जा रहे हैं मार्क जुकरबर्ग? 28 अक्टूबर को कर सकते हैं एलान, जानें - इसका कारण

दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक (Facebook) को अगले हफ्ते नया नाम मिल सकता है। टेक्नोलाजी ब्लाग द वर्ज (The Verge) के मुताबिक, कंपनी को ऐसा नाम दिया जाएगा, जिससे इसकी पहचान को विस्तार मिले। फेसबुक ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के तौर पर शुरआत की थी। इसके नाम से ही एक ऐसे प्लेटफार्म का बोध होता है, जहां लोग एक-दूसरे से संपर्क कर सकते हैं और अपनी मन की बातें लिख सकते हैं।

कंपनी की यह पहचान अब बदल रही है। आज इस समूह में इंस्टाग्राम (Instagram), वाट्सएप (WhatsApp), ओकुलस (Oculus VR) समेत कई और प्लेटफार्म भी जुड़ चुके हैं। इसे देखते हुए कंपनी को सिर्फ सोशल मीडिया प्लेटफार्म की तरह पेश करना रणनीतिक रूप से घाटे का सौदा हो सकता है। 28 अक्टूबर को फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg ) वार्षिक कांफ्रेंस में नाम बदलने का एलान कर सकते हैं।

कई क्षेत्रों में काम कर रही है कंपनी
मौजूदा समय में फेसबुक के पास 10 हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं, जो एआर ग्लास जैसे हार्डवेयर बनाने में भी जुटे हैं। जुकरबर्ग का मानना है कि एआर ग्लास भी आने वाले दिनों में स्मार्टफोन जितने ही लोकप्रिय होंगे। जुलाई में ही जुकरबर्ग ने द वर्ज से बातचीत में कहा था कि हम एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म से कई क्षेत्रों में काम करने वाली कंपनी बनने की दिशा में ब़़ढ रहे हैं। नाम बदलने से फेसबुक को भविष्य की कई रणनीतियों में भी मदद मिलेगी।

नाम को लेकर लग रहे कयास
फेसबुक के नए नाम को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि नया नाम मेटावर्स (Metaverse) या होराइजन (Horizon) या होराइजन वल्‌र्ड्स हो सकता है। फिलहाल सबकुछ पूरी गोपनीयता के साथ हो रहा है। नाम बदलने की चर्चा सोशल मीडिया पर भी खूब हुई। लोगों ने कंपनी के लिए कई नाम भी सुझाए। इनमें येलो पेज, फेसपाम और जुक जैसे नाम सामने आए। कई यूजर्स ने इसका जमकर मजाक भी उ़़डाया।

अन्य दिग्गज कंपनियां भी बदल चुकी हैं नाम
फेसबुक से पहले भी कुछ दिग्गज कंपनियां नाम बदल चुकी हैं। 2015 में गूगल ने रीआर्गनाइज करते हुए अल्फाबेट के नाम से एक होल्डिंग कंपनी बनाई थी। इसका सीधा संकेत यही था कि कंपनी केवल सर्च इंजन नहीं है, बल्कि ड्राइवरलेस कार से लेकर कई अन्य क्षेत्रों में भी कार्यरत है। स्नैपचैट ने 2016 में अपना नाम स्नैप इंक कर लिया था।

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