क्राइम
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को लेकर 18 लाख रुपये की ठगी के मामले में छठी पास और लॉ ग्रेजुएट गिरफ्तार
भोपाल साइबर पुलिस ने 18 लाख रुपये की ऑनलाइन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर फ्रॉड के मामले में छठी पास और लॉ ग्रेजुएट व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने कहा कि ये दोनों साइबर बदमाश एक अंतरराज्यीय साइबर गिरोह के सदस्य हैं। पुलिस ने जुलाई में रैकेट का भंडाफोड़ किया था और तीन सदस्यों की पहचान की थी। इनकी पहचान नीतीश अग्रवाल (उत्तर पूर्वी दिल्ली), अभिनव उर्फ विजय मलिक खंडेलवाल (शाहदरा दिल्ली) और विशाल उर्फ रोहदाश (अलीगढ़, यूपी ) के तौर पर हुई थी। पुलिस गुरुवार को नीतीश और अभिनव को गिरफ्तार कर भोपाल ले आई। विशाल को भी गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन उसे गुड़गांव जेल भेज दिया गया है।
डीएसपी साइबर क्राइम नीतू ठाकुर ने बताया कि हबीबगंज इलाके के रहने वाले एक कारोबारी अक्षय जैन ने शिकायत दर्ज कराई थी कि मुंबई की एक कंपनी से 10 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मंगवाए थे और इसके लिए 18 लाख रुपये दिए थे। व्यवसायी को एक भी कंसंट्रेटर नहीं मिला। जैन ने लॉकडाउन के दौरान इंटरनेट से फोन नंबर लेकर कंपनी से कंसंट्रेटर्स का ऑर्डर दिया था।
नीतीश और विश्वास बैंक अकाउंट को मैनेज करते थे, जबकि विशाल लोगों से ईमेल और फोन के जरिए संपर्क करता। अभिनव सिर्फ 6वीं पास है और नीतीश एलएलबी ग्रेजुएट है। नीतीश ने विपिन शर्मा बनकर जैन से कहा कि कांसेट्रेटर की आपूर्ति के लिए खाते में 18 लाख रुपये जमा करें। उन्होंने ईमेल के माध्यम से एक चालान भेजा और बैंक खाते का विवरण भी साझा किया। खाता एक अन्य जालसाज अभिनव का था।
डीएसपी ने बताया कि जालसाज नीतीश और अभिनव को गुड़गांव कोर्ट में पेश कर भोपाल लाया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस गुड़गांव की जेल में बंद विशाल का पुलिस रिमांड लेना चाहती है, क्योंकि वह अन्य मामलों में अपनी संलिप्तता का खुलासा कर सकता है।
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