क्राइम
यूपी STF ने शाइन सिटी समेत रियल स्टेट कंपनियों के चार पदाधिकारियों को किया गिरफ्तार ,मल्टीलेवल मार्केटिंग से अरबों हड़पे
उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और अमेठी पुलिस ने मल्टीलेवल मार्केटिंग के नाम पर लोगों से अरबों रुपये हड़पने वाली रियल स्टेट कंपनियों के चार पदाधिकारियों को गिरफ्ताप कर लिया है। इनमें राशिद नसीम द्वारा संचालित शाइन सिटी का इंडिया बिजनेस हेड बृजमोहन कुमार सिंह, स्काई ओशियन कंपनी के एमडी अंकित कुमार, स्काई ओशियन कंपनी के टीम लीडर मोहम्मद फैजान अंसारी और सुभाष तुकाराम देवकते शामिल हैं। इन्हें लखनऊ के विभूतिखंड से कल शाम को गिरफ्तार किया गया।
यूपी एसटीएफ को काफी दिनों से कम समय में धन दोगुना करने का प्रलोभन देकर मल्टीलेवल मार्केटिंग के माध्यम से लोगों को ठगने की जानकारी प्राप्त हो रही थी। इसके बाद ही इन्हें लखनऊ से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में गिरफ्तार बृजमोहन कुमार सिंह ने बताया कि साल 2017 में मनोज कुमार के माध्यम से शाइन सिटी कंपनी में टीम लीडर के तौर पर निवेशकों को अलग-अलग तरह के प्रलोभन देकर निवेश कराना प्रारंभ किया। साल 2017 से मई 2019 तक उसने अपनी टीम के साथ मिलकर शाइन सिटी कंपनी में लगभग 75 करोड़ रुपये विभिन्न स्कीमों में जमा कराया। इसमें उसे छह फीसद कमीशन मिला।
बृजमोहन ने आगे बताया कि मई 2019 मे राशिद नसीम आठ -10 कंपनियों के प्रेसिडेंट के साथ नेपाल पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद निवशकों ने शाइन सिटी में निवेश करना बंद कर दिया। पे आउट न मिलने के कारण निवशकों ने कंपनी और टीम लीडरों पर केस दर्ज कराना शुरू कर दिया। पूरे देश में इनके खिलाफ 2500 मुकदमे दर्ज हो गए।
बृजमोहन ने यह भी बताया कि नेपाल से छूटने के बाद राशिद नसीम दुबई छिपकर रहने लगा। इसके बाद नसीम के निर्देश पर वह और अंकित SKYOCEAN.LIVE वेबसाइट व साफ्टवेयर, शाइन सिटी में साफ्टवेयर डेवलेपर और आईटी का काम देखने वाले सुनील कुमार और मयूर से डिजाइन कराकर निवेश का प्रलोभन देतक फिर लोगों से रुपये जमा कराने लगे। कंपनी का प्रमोशन काम नसीम देखता था। उसने 80 टीम लीडरों को इसी साल मार्च में दुबई ट्रिप और मीटिंग के लिए बुलाया। बृजमोहन, अंकित, फैजान और सुभाष टीम लीडरों को लेकर पहुंच गए।
यह पता चला है कि इन्होंने खुद की क्रिप्टो करेंसी भी लांच की है। इन सब से जो भी रुपया आता था, कंपनी का खर्च और एजेंटों का कमीशन काटकर आपस में ये लोग बांट लेते थे। ये लोग गोवा में छिपकर रह रहे थे और नई कंपनी की प्रमोशन के लिए मुंबई, सूरत, दिल्ली, कोलकाता, लखनऊ समेत अन्य शहरों में मीटिंग करते थे। इसी वजह ये लोग लखनऊ आए थे और गिरफ्तार हो गए।
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