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साइबर क्राइम रोकने के लिए मोदी सरकार ने कसी कमर, गृह मंत्रालय ने शुरू की ये योजना, जानें

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नई दिल्ली। देश में साइबर क्राइम लगातार बढ़ रहा है। आए दिन साइबर ठग नए-नए तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं। सरकार इस पर अंकुश लगाने के लिए लगातार काम कर रही है। इसी के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने साइबर क्राइम के लिए एक नई सेवा शुरू की है। इसके माध्यम से साइबर क्राइम रोकने में पुलिस की मदद की जा सकती है। मंत्रालय ने साइबर क्राइम से निपटने के लिए वॉलिंटियर्स का सहारा लेने का फैसला किया है। इसके लिए अपने साइबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरु कर दिए हैं। मंत्रालय ने इसे तीन श्रेणी बांट दिया है।

पहली श्रेणी : गृह मंत्रालय ने पहली श्रेणी चाइल्ड पोर्नोग्राफी, बालात्कार, आतंकवाद, कट्टरपंथी राष्ट्र विरोधी और ऑनलाइन गैरकानूनी कामों को रोकने लिए बनाई है।

दूसरी श्रेणी : दूसरी श्रेणी काफी महत्वपूर्ण हा। इसे लोगों को साइबर अपराध को लेकर जागरूक बनाने के लिए बनाया गया है। इसमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग, ग्रामीण नागरिक और कमजोर समूहों को साइबर क्राइम के प्रति सचेत करना शामिल है।

तीसरी श्रेणी : तीसरी श्रेणी नेटवर्क फोरेंसिक, मालवेयर एनालिसिस, मेमोरी एनालिसिस, क्रिप्टोग्राफी से निपटने के लिए बनाई गई है। इसे लेकर सभी राज्य सरकारों को भी मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाकर भेजा जा चुका है। इसी के तहत साइबर क्राइम विंग इन वॉलिंटियर्स की मदद ले सकेंगी। बता दें कि अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में प्राइवेट एजेंट्स के सहारे साइबर क्राइम रोकने में मदद ली जाती है। अब ये व्यवस्था भारत में भी होगी।

साइबर क्राइम पोर्टल के बारे में जाने


साइबर क्राइम पोर्टल अगस्त 2019 में शुरू हुआ। गृह मंत्रालय ने इस दौरान साइबर क्राइम की रिपोर्टिंग के लिए अलग से फ्रेमवर्क तैयार किया था। इसी के तहत cybercrime.gov.in नाम से राष्ट्रीय पोर्टल की शुरुआत हुई थी। यहां कोई भी कोई भी साइबर क्राइम के बारे में सूचना दे सकता था। अब इसमें वॉलिंटियर्स को जोड़ने का फैसला हुआ है।