लखनऊ का मामला, आरोपी पति बैंक अधिकारी, पत्नी कॉलेज टीचर

तलाक के बाद पत्नी को कम मुआवजा देना पड़े, इसलिए इनकम टैक्स आईडी हैक कर रहा था पति, हुआ गिरफ्तार

Sunil Maurya
4 Min Read

लखनऊ : पति-पत्नी के बीच विवाद के कई मामले सुने होंगे। लेकिन ऐसा मामला शायद ही पहले सुना होगा। तलाक के बाद कम मुआवजा देना पड़े इसलिए एक पति ने अपनी पत्नी के इनकम टैक्स आईडी पासवर्ड को ही हैक करने का प्रयास किया। दरअसल, कॉलेज टीचर पत्नी के इनकम टैक्स रिटर्न में उनका बैंक अधिकारी पति चाहता था कि डॉक्युमेंट में फर्जी तरीके से खुद से ज्यादा इनकम होने की डिटेल भर दूं। इस तरह कोर्ट में तलाक के बाद कम मुआवजा देना पड़ेगा। इसके लिए बैंक अधिकारी पति ने पत्नी की इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने वाली आईडी के पासवर्ड को बदलने का प्रयास किया। हालांकि, जैसे ही पासवर्ड बदलने की कोशिश की तब महिला के पास उसका अलर्ट मैसेज आ गया। इसके बाद महिला ने मामले की शिकायत लखनऊ साइबर पुलिस से की। पुलिस ने मामले की जांच की तब उसके पति के कंप्यूटर से ही आईडी पासवर्ड को बदलने के प्रयास की बात सामने आई। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया।

कॉलेज टीचर पत्नी के पैन कार्ड से पासवर्ड रीसेट कर था पति

पकड़ा गया आरोपी पति अक्षत विजय है। ये लखनऊ के एक बैंक में सीनियर अधिकारी है। आरोप है कि इसने अपनी पत्नी के इनकम टैक्स आईडी पासवर्ड हैक करने के लिए पैन कार्ड का गलत तरीके से इस्तेमाल किया। आईडी डालने के बाद पासवर्ड रीसेट करने पर आरोपी की पत्नी सौम्या के पास तुरंत ओटीपी मैसेज पहुंच गया। जिससे वह अलर्ट हो गईं। इस मामले की शिकायत साइबर क्राइम में दी। जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। साइबर पुलिस ने बताया कि इसी साल मार्च में पति-पत्नी ने तलाक लेने के लिए केस फाइल किया था। जिसके बाद से ये मामला कोर्ट में चल रहा था। इस बीच, तलाक होने की स्थिति में नियमानुसार पत्नी को आर्थिक तौर पर निर्भर बनाने के लिए मुआवजा भी देना पड़ता है। ऐसे में कम से कम मुआवजा देना पड़े इसलिए नौकरी करने वाली पत्नी के इनकम टैक्स रिटर्न डॉक्युमेंट्स में ही ज्यादा इनकम दिखाने के लिए आरोपी ने हेरफेर करने की साजिश कर डाली थी।

पति-पत्नी ही नहीं, भाई-बहन या कोई भी नहीं ले सकता है पर्सनल डेटा : एसपी साइबर

इस तरह के केस के बारे में यूपी के एसपी साइबर क्राइम प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह ने बताया कि किसी का भी पर्सनल डेटा कोई दूसरा यूज नहीं कर सकता है। अब ये डेटा चाहे किसी का हो। ये पर्सनल डेटा चाहे बैंक से संबंधित हो या फिर सोशल मीडिया का, इसे पति, पत्नी, भाई या बहन या परिवार का कोई दूसरा सदस्य गलत तरीके से इस्तेमाल नहीं कर सकता है। अगर कोई ऐसा करता है तो ये क्राइम है। इस केस में भी पति को ये अधिकार नहीं है कि वो पत्नी के पैन कार्ड या आधार कार्ड या किसी भी पर्सनल डेटा का मिसयूज करे।

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