क्राइम
फिंगर प्रिन्ट का क्लोन बनाकर खातों से धन निकासी करने वाले 11 अभियुक्त गिरफ्तार
गोरखपुर : फिंगर प्रिंट क्लोन बनाकर बैंक खातो से रूपये निकालने वाले अन्तर्राज्यीय गैंग के 11 सदस्य गिरफ्तार l पुलिस ने बताया की ये गैंग नेपाल व दिल्ली के लोगो के नाम से खाता खुलवाकर उनका बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड, नेट बैंकिग का यूजर आईडी पासवर्ड अपने पास रख लेते थे साथ ही उनका वीडियों केवाईसी कराकर सीएसपी बना लेता था । इसके बदले उन व्यक्तियो को पैसे दे देता था।
इसके पश्चात विभिन्न माध्यमों से आधार कार्ड नम्बर व अंगूठे का प्रिंट प्राप्त कर अंगूठे का फिंगर प्रिंट क्लोन बनवा लेते थे। इस प्रकार प्राप्त आधार कार्ड नम्बर व फिंगर प्रिंट क्लोन से उपरोक्त सीएसपी(ग्राहक सेवा केन्द्र) से लिंक बैंक खातों में पैसे ट्रान्सफर करके एटीएम से पैसे निकाल लेते थे ।
फिंगर प्रिन्ट का क्लोन बनाकर बैंक खातो से पैसे निकालने वाले गिरोह में शामिल अभियुक्तो की गिरफ्तारी व बरामदगी हेतु क्राइम ब्रान्च, साइबर सेल, स्वाट टीम व एसओजी टीम को लगाया गया था।
घटना में शामिल अभियुक्तो की गिरफ्तारी के सम्बन्ध में साक्ष्य संकलन किया जा रहा था व मुखबिर तन्त्र को भी मामूर किया गया जिसके सम्बन्ध में जरिए मुखबिर सूचना मिला कि फिंगर प्रिन्ट क्लोन बनाकर बैंक खातो से पैसा निकालने वाले गिरोह के सदस्य होण्डा सिटी कार व अन्य साधनो से कलेक्ट्रेट के तरफ से हरिओम नगर तिराहे की तरफ आने वाले है के सूचना पर पुलिस टीम द्वारा कलेक्ट्रेट की तरफ से आ रही होण्डा सिटी कार व मोटरसाइकिल पर सवार व्यक्तियो को तमकुही कोठी थाना क्षेत्र कैण्ट के पास रोककर उसमें बैठे व्यक्तियो से पूछतांछ करते हुए जामा तलाशी लिया गया तो नगद रू 9,10,000 एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन, मोबाइल सिम, फिंगर प्रिन्ट क्लोन, बैंक पास बुक , बैंक चेक बुक आदि भारी मात्रा में बरामद हुआ, जिसके सम्बन्ध में पूछतांछ किया गया तो सभी व्यक्तियो द्वारा बताया गया कि हम लोग अंगूठे का क्लोन बनाकर फर्जी सीएसपी से बैंक खातो से पैसे निकालने का काम करते है तथा हम लोग के कुछ साथी जो अंगूठे का क्लोन बनाते है साई कम्यूनिकेशन जिला पंचायत रोड की दुकान पर मौजूद है जहां पर हम लोग भी जा रहे है।
गाड़ी में बैठे सभी व्यक्ति व मोटरसाइकिल सवार को मय पुलिस टीम के साई कम्यूनिकेशन जिला पंचायत रोड पहुचा तो साई कम्यूनिकेशन पर बैठे मिले जिनके कब्जे से क्लोन बनाने वाली मशीन, कम्प्यूटर मय उपकरण बरामद हुआ, को गिरफ्तार कर सभी की जामा तलाशी ली गई।
इनके कब्जे से Rs 91,0000 नगद एक होण्डा सिटी कार, एक अदद पल्सर मोटरसाइकिल, फिंगर प्रिन्ट क्लोन, फिंगर प्रिन्ट स्कैनर, फिंगर प्रिन्ट क्लोन बनाने वाली मशीन मय उपकरण, मोबाइल फोन 53 अदद, मोबाइल सिम, चेक बुक, पास बुक, डोंगल, एटीएम कार्ड, लैपटाप, पैन ड्राइव व रजिस्टर आधार कार्ड डाटा सहित भारी मात्रा में सामग्री बरामद।
गिरफ्तार किये गये अभियुक्त का नाम व अपराध करने का तरीका-
राघवेन्द्र मिश्रा, नेपाल व दिल्ली के व्यक्तियों को पैसे देकर उनका विभिन्न बैंको में खाता खुलवाकर उनका एटीएम कार्ड चेकबुक,नेट बैंकिग का आईडी पासवर्ड एवं वीडियों केवाईसी कराकर सीएसपी बनाकर विभिन्न बैंक खातो से पैसे निकालना ।
सोनू कुमार पासवान, आधार कार्ड डाटा व फिंगर प्रिंट विभिन्न माध्यमों से प्राप्त कर फिंगर प्रिंट क्लोन बनवाकर एईपीएस ट्रान्जेक्शन के माध्यम से पैसे निकालना ।
मुकेश कुमार, सीएसपी संचालक आधार कार्ड व फिंगर प्रिंट डाटा निकालकर बेचना ।
विकास ,सहजनवां तहसील में फोटो कापी की दूकान पर काम करता था भू-लेख की वेवसाइट पर रजिस्ट्री पंजीकरण संख्या के माध्यम से IGRS की साइट पर रजिस्टर संख्या डालकर रजिस्ट्री का डाटा डाउनलोड कर लेते थे और वहा से आधार कार्ड नम्बर व फिंगर प्रिंट का डाटा डाउनलोड कर लेते थे जिसे पैसे लेकर सोनू पासवान को बेच देते थे ।
सैय्यद जावेद, फिंगर प्रिंट का क्लोन तैयार करना ।
शंशाक पाण्डेय, नेपाल व दिल्ली के व्यक्तियों को पैसे देकर उनका विभिन्न बैंको में खाता खुलवाकर उनका एटीएम कार्ड चेकबुक,नेट बैंकिग का आईडी पासवर्ड राघवेन्द्र मिश्रा से पैसे बेच देना ।
दीपेन्द्र, नेपाल व दिल्ली के व्यक्तियों को पैसे देकर नितेश सिंह,राहुल राना व सागर जायसवाल की मदद से उनका विभिन्न बैंको में खाता खुलवाकर पैसे लेकर बेच देना ।
सागर जायसवाल नेपाल व दिल्ली के व्यक्तियों को पैसे देकर उनका फर्जी आधार कार्ड व पैनकार्ड बनवाकर पैसे लेकर बेच देना ।
राहुल राना – पैसे लेकर नेपाली व्यक्तियों को दीपेन्द्र थापा से मिलवाना तथा नितेश सिंह की मदद से बैंक खाता खुलवाना ।
अमित कनौजिया – दुकान पर फिंगर प्रिंट क्लोन जावेद की मदद से तैयार कराना ।
आशीष पाठक -पैन ड्राइव से फिंगर प्रिंट का डाटा इडिट कर जावेद अली को उपलब्ध कराना ।
साइबर ठगो से बचाव के उपाय-
1- एम आधार एप डाउनलोड कर अपना फिंगर प्रिंट डिसेबल करले जरूरत पडने पर ही इनेबल करे।
2-अपने बैंक खाते में फिंगर प्रिंट डिसेबल करा ले जिससे एईपीएस ट्रान्जेक्शन न हो सके ।
3-रजिस्ट्री आदि कराने के बाद तत्काल फिंगर प्रिंट एम आधार एप या अपने बैंक खाते के माध्यम से डिसेबल करा ले ।