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OTP शेयर करते ही, आप हो सकते है कई साइबर अपराध के शिकार

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OTP शेयर करते ही, आप हो सकते है कई साइबर अपराध के शिकार

मनीष सिंह: पहले जानते है, ओटीपी क्या है और ओटीपी (OTP) का यूज कहां -कहां होता है?

OTP एक प्रकार का सुरक्षा कोड (पासवर्ड) हैं जिसके द्वारा यूजर को वैध प्रमाणित किया जाता हैं| यह पासवर्ड केवल एक बार ही इस्तेमाल हो सकता हैं. OTP का पूरा नाम One Time Password  या One Time Pin के नाम से भी जाना जाता हैं.

निम्न प्रमुख स्थानों पर आपको ओटीपी का प्रयोग करना होता है

  • बैंकिंग ट्रांजैक्शन के दौरान
  • ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान
  • ऑनलाइन किसी भी सर्विस का लाभ उठाते समय
  • सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्म पर अपना अकाउंट बनाते समय
  • पासवर्ड भूलने पर उसे रिकवर करने के लिए

साइबर अपराधी द्वरा आप से ओटीपी (OTP) कैसे प्राप्त किया जा सकता है?

अलग-अलग प्लेटफार्म पर अलग-अलग सर्विसेस का प्रयोग करने के लिए आप अलग अलग ढंग से ओटीपी प्राप्त कर सकते हैं । निम्न तिन तरह से आप ओटीपी प्राप्त कर सकते हैं-

  1. s.m.s. के द्वारा
  2. ईमेल के द्वारा
  3. वॉइस कॉल के द्वारा

आप द्वारा ओटीपी शेयर करते ही जालसाज आपके साथ निम्न प्रकार के धोखाधड़ी कर सकते है । 

  1. WhatsApp एकाउंट हैक हैकर्स की तरफ से आपको एक ओटीपी भेजा जाएगा। फिर हैकर्स दावा करेंगे कि वो ओटीपी गलती से आपको फॉरवर्ड हो गया है। इसके बाद हैकर्स आपको आपके नंबर पर आये मैसेज को शेयर करने को कहेंगे। इस तरह जैसे ही आप ओटीपी शेयर करेंगे, तो हैकर्स आपके WhatsApp अकाउंट को लॉक कर देंगे। और आपके WhatsApp अकाउंट पर पूरी तरह से हैकर्स का कंट्रोल हो जाएगा। फिर हैकर्स आपके साथ बैंकिंग घोटाले को अंजाम दे सकता है। इसके अलावा हैकर्स आपसे वित्तीय सहायता की भी मांग कर सकता है।

         

कैसे बचें

  • WhatsApp फ्रॉड की घटनाओं से बचने के लिए यूजर्स को टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करना चाहिए। 
  • अनजान नंबर से आने वाली WhatsApp लिंक को ओपन नही करना चाहिए। यह कोई बग या हैकिंग सॉफ्टवेयर हो सकता है। 
  • WhatsApp पर अनजान नंबर से मिलने वाली फाइल को डाउनलोड नही करना चाहिए।  
  • किसी दोस्त या रिश्तेदार के अकाउंट से मिले मैसेज पर भरोसा न करें। 
  • अगर किसी दोस्त या रिश्तेदार मैसेज करके पैसे की मांग करता है, तो एक बार दोस्त या रिश्तेदार से फोन करके जरूर कंफर्म कर लें।  
  • सोशल मीडिया एकाउंट (Facebook, Twitter, Instagram etc.) कोम्प्रोमाईज़   WhatsApp, Twitter, Facebook, Instagram और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के यूजर्स को ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार बनाया जा रहा है| फ्रॉडस्टर इन प्लेटफॉर्म का यूज करके लोगों को साइबर फ्रॉड का शिकार बनाते हैं| हैकर्स आपकी Social Media Account को OTP प्राप्त कर उसके ID और Password को भी बदल देता है, इस स्थित में User खुद अपने ही अकाउंट में Login नहीं कर पता है | उसके बाद वो निम्न सोशल मीडिया साइबर अपराध करते है |
  • सोशल मीडिया पर गलत अफवाह फैलाना
  • नकली सोशल मीडिया अकाउंट
  • साइबर बुलिंग
  • ऑफर और शॉपिंग क्राइम
  • रोमांस और डेटिंग क्राइम
  • वित्तीय धोखाधडी
  • आधार कार्ड OTP फ्रॉड- आधार ओटीपी (Aadhaar OTP) को कभी भी दूसरे के साथ शेयर न करें. यह फ्रॉड की एक बड़ी वजह बन सकता है. अमूमन, KYC अपडेट के नाम पर जालसाज आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी पर्सनल डिटेल ले लते हैं. इसलिए यह ध्‍यान रखें कि OTP किसी के साथ साझा नहीं करना है.  नहीं तो ई-आधार (e-Aadhaar) डॉउनलोड कर साइबर अपराधी आपके साथ धोखाधड़ी कर सकते है |

4.   सिम स्वैप फ्रॉड- किसी व्यक्ति या धोखेबाज द्वारा आपकी व्यक्तिगत जानकारी का इस्तेमाल करके आपके फोन नंबर से एक नई सिम जारी करा लेना SIM स्वैप फ्रॉड कहलाता है. किसी अनजान नंबर से आपको कोई कॉल आती है और वह व्यक्ति आपके बैंक से कोई प्रतिनिधि होने का दावा करता है या कोई ऐसा SMS प्राप्त होता है जिसमे आपको प्राप्त हुए OTP को शेयर करने को कहा जाता है. ऐसा करने से उन्हें आपके बैंक खाते से भुगतान को अनुमति देने के लिए आवश्यक OTP तक भी पहुँच मिल जाती है. इसका सीधा सीधा मतलब यह है कि आपके OTPs का इस्तेमाल करके धोखेबाज आपके बैंक खाते से आपका पैसा चुराने में सक्षम होंगे.

यदि आपके फोन ने बिना किसी वजह के एक लंबे समय के लिए नेटवर्क कनेक्टिविटी खो दी है तो यह इस बात का इशारा हो सकता है कि कुछ गड़बड़ है. यदि ऐसा होता है तो कृपया अपने मोबाइल ऑपरेटर से संपर्क करें.

  • ऑनलाइन शॉपिंग एकाउंट (Flipkart, Amazon, OLX Etc.) फ्रॉड – ऑनलाइन मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म्स पर धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जालसाज आपको फ़ोन करके सस्ते सामान का लालच देकर आपसे OTP प्राप्त कर लेते है| उसके बाद आपके मोबाइल नंबर से ऑनलाइन मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म्स (Flipkart, Amazon, OLX Etc.) पर फर्जी एकाउंट बनाकर वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम देते है|
  • पेमेंट गेटवे एकाउंट (PayTm, PhonePay, Mobikwik Etc.) हैक – डिजिटल पेमेंट ऐप्स में धोखाधड़ी लगातार हो रही है। इसके तहत कभी केवाईसी के नाम पर, कभी पैसा रिफंड पाने के नाम पर तो कभी फिशिंग ई-मेल या एसएमएस के झांसे में आकर ग्राहक मोबाइल पर आये OTP शेयर कर अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा गवां रहे हैं। यूजर्स को अपने फोन नंबर, QR कोड और वर्चुअल पेमेंट एड्रेस को ही सिर्फ किसी और के साथ शेयर करना चाहिए. इसके अलावा अपने यूपीआई अकाउंट से जुड़ी किसी और चीज को कभी किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए|
  • नेट बैंकिंग/मोबाइल बैंकिंग फ्रॉड- नेट बैंकिंग में पैसों का लेन-देन करते समय पुष्टिकरण के लिए मोबाइल में OTP भेजा जाता है. जालसाज आपके पास बैंक प्रतिनिधि बनकर कॉल करके आपसे केवाईसी के नाम पर या बैंक एकाउंट ब्लाक होने क कारण बताकर आपसे OTP प्राप्त कर लेते है और उसके बाद आपकी पर्सनल डिटेल प्राप्त कर आपके नेट बैंकिंग / मोबाइल बैंकिंग का पासवर्ड रिसेट कर आपका बैंक खाता खाली कर देते है | कोई भी बैंक कभी फोन या ईमेल के जरिए आपकी बैंक से जुड़ी कॉन्फिडेंशियल जानकारी नहीं पूछेगा. इसलिए यदि आपके पास कोई ऐसा फोन या मेल आता है तो उस पर रिप्लाई न करें. हमेशा बैंक के आधिकारिक लॉगइन पेज या ऐप के माध्यम से आईडी और पासवर्ड के साथ लॉगइन करें.
  • डेबिट/क्रेडिट कार्ड फ्रॉड- ठग कार्ड यूजर का मोबाइल नंबर, कार्ड नंबर, सीवीवी और एक्सपायरी डेट जैसे डेटा कहीं से उड़ा लेते हैं। फिर उसे कॉल करते हैं और खुद को बैंक का अधिकारी बताते हुए मोबाइल पर आया ओटीपी हासिल कर लेते हैं। इसके बाद ये आपके अकाउंट से पैसे गायब कर देते हैं। किसी के साथ भी अपना बैंक डिटेल, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ट का नंबर और CVV और OTP शेयर नहीं करें, फोन पर तो बिल्कुल भी नहीं।
  • नया सिम कार्ड खरीदते समय अल्टरनेट मोबाइल नंबर पर आये OTP से फ्रॉड – दैनिक जीवन के अनेकों कार्य जैसे नया सिम कार्ड खरीदते समय रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर OTP मैसेज भेजा जाता है. ताकि सिम कार्ड का प्रमाणिकरण हो जाए. और ग्राहक की पहचान भी साबित हो जाए लेकिन जालसाज आपकी otp का गलत इस्तेमाल करके आपके नाम से कई फर्जी सिम जारी करके धोखाधड़ी को अंजाम देते है |

सावधान रहे, सजग रहे, फ़ोन या ईमेल पर आये OTP को किसी भी व्यक्ति के साथ कदापि शेयर न करे|

साइबर अपराध घटित होने पर तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन न० 155260 या साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर तुरंत शिकायत रजिस्टर करे |

-मनीष सिंह, साइबर क्राइम थाना आजमगढ़

-मनीष सिंह, साइबर क्राइम थाना आजमगढ़

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