गूगल फॉर्म के जरिए यूपीसी कोड लेकर साइबर क्राइम का नया फंडा, UP पुलिस ने किया खुलासा, जानें

The420.in
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लखनऊ : अगर आपने लोन लिया है और आपका फोन नंबर किसी भी फ़ाइनेंस कंपनी से जुड़ा हुआ है, तो इस बात की संभावना अधिक है कि साइबर क्रिमिनल आपके नंबर को पाने और ऋण लेने या सामान खरीदने की कोशिश करेंगे। ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला सामने आया है।

इस अनोखी घटना का उत्तर प्रदेश की साइबर क्राइम यूनिट ने खुलासा किया है। पुलिस ने एक आरोपी शिवम यादव को गिरफ्तार किया है। यह हैकर बजाज फाइनेंस के ग्राहकों के मोबाइल नंबर पोर्ट कर उनके नाम पर नए सिरे से लोन लेता था और राशि का भुगतान ग्राहकों को करना पड़ता था ।

यह घटना 19 सितंबर 2020 को सामने आई जब लखनऊ के गोमती नगर निवासी घनश्याम टंडन ने एफआईआर दर्ज कराई। इन्होंने शिकायत दर्ज कराई  कि किसी ने उनके एयरटेल कंपनी का सिमकार्ड पोर्ट करा लिया। इसके बाद  उनके बजाज फाइनेंस कंपनी के अकाउंट के जरिए 70,000 रुपये की कीमत का मोबाइल फोन खरीदने के लिए इस्तेमाल कर लिया।

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साइबर क्रिमिनल शिवम यादव

जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि साइबर क्रिमिनल शिवम यादव ने सोशल इंजीनियरिंग स्किल्स का इस्तेमाल करके यूनिक पोर्टिंग कोड (यूपीसी) पाने की कोशिश करते हैं। एक बार मोबाइल नंबर पोर्ट होने के बाद फिर दूसरा लोन ले लेते हैं या फिर किसी ऑनलाइन वेबसाइट से शॉपिंग कर लेते हैं। जिसकी पेमेंट लोन लेने वाले व्यक्ति को करनी पड़ती है।

इस घटना की जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश के साइबर अपराध के पुलिस अधीक्षक प्रो. त्रिवेणी सिंह ने बताया कि आरोपित पर फाइनेंस कंपनी के ग्राहक का विवरण था। जिसे उसने डार्क वेब से खरीदा था। इसके अलावा, आरोपी एक एप्लिकेशन का प्रयोग करता था। जिसमे वह किसी भी मोबाइल नंबर को डालता था और अगर उस ऐप से ओटीपी (OTP) चला जाता था तो वह उसकी डिटेल ले लेता था। इसके बाद वह उस ग्राहक के मोबाइल नंबर पर गूगल फॉर्म के जरिये कम ब्याज पर ज़्यादा लोन या छूट देने की बात की डिटेल भेजकर फॉर्म भरने का झांसा देता था। इसस फ़ॉर्म में वह यूपीसी भी मांग लेता था और लालच में आकार कोई ग्राहक यूपीसी कोड व अपनी अन्य निजी जानकारी दे देता था तब ये उसके साथ फर्जीवाड़ा करता था। यूपीसी वह कोड होता है जब कोई ग्राहक अपना सिम पोर्ट करवाना चाहता है।

यूपीसी मिलने के बाद यह आरोपी सिम को किसी और कंपनी में सेवा शुरू करवा कर जिस कंपनी में ग्राहक का लोन अकाउंट होता था उस कंपनी में नए लोन के लिए अनुरोध डाल देता था। लोन मिलने के बाद उन्हे ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए ख़र्च करने में इस्तेमाल करता था। साइबर क्राइम एसपी त्रिवेणी सिंह ने कहा कि ग्राहक इस बात से अनजान रहते हैं कि उनके मोबाइल नंबर का दुरुपयोग किया जा रहा है। इसलिए इसे लेकर भी जागरूक रहने की जरूरत है।

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