Fact Check
eSIM चालू कराने कि प्रक्रिया समझे और Cyber अपराध के शिकार होने से बचे !
eSIM (एंबेडेड सिम) क्या है?
eSIM (Embedded SIM) एक नई डिजिटल सिम तकनीक है, जो पारंपरिक फिजिकल सिम कार्ड की जगह ले रही है। यह डिवाइस में पहले से ही इंटीग्रेटेड होती है, यानी आपको इसे बाहर से डालने या निकालने की जरूरत नहीं पड़ती। eSIM तकनीक मुख्यतः स्मार्टफोन्स, स्मार्टवॉच और IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) जैसी डिवाइसेस में उपयोग की जाती है। पारंपरिक सिम कार्ड की तुलना में यह अधिक सुविधाजनक और लचीली है, क्योंकि इसे रिमोटली एक्टिवेट और डीएक्टिवेट किया जा सकता है, और इसमें एक साथ कई नेटवर्क प्रोफाइल्स को भी स्टोर किया जा सकता है।
eSIM कैसे काम करती है?
eSIM की कार्यप्रणाली फिजिकल सिम से कुछ अलग होती है, और इसकी प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- फिजिकल सिम की जगह: eSIM एक छोटी चिप होती है, जो फोन, स्मार्टवॉच या अन्य डिवाइसेस के अंदर पहले से ही इनबिल्ट होती है। इसके लिए किसी बाहरी सिम कार्ड की जरूरत नहीं होती। इससे सिम कार्ड को फिजिकली बदलने या डिवाइस के अंदर डालने की समस्या खत्म हो जाती है।
- रिमोट एक्टिवेशन: eSIM की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे रिमोटली एक्टिवेट किया जा सकता है। यूजर को बस अपने नेटवर्क प्रोवाइडर से एक QR कोड प्राप्त करना होता है, जिसे स्कैन करने पर eSIM अपने आप एक्टिव हो जाती है। यह QR कोड नेटवर्क प्रोवाइडर से ऑनलाइन या इन-स्टोर में मिलता है। इससे आपको नए सिम कार्ड का इंतजार नहीं करना पड़ता, और नेटवर्क को तुरंत स्विच किया जा सकता है।
- कई नेटवर्क प्रोफाइल्स: eSIM की एक और बड़ी विशेषता यह है कि इसमें एक ही समय में कई नेटवर्क प्रोफाइल्स स्टोर की जा सकती हैं। इसका मतलब है कि आप एक ही फोन में कई मोबाइल नेटवर्क का उपयोग कर सकते हैं और आसानी से नेटवर्क स्विच कर सकते हैं। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है, जो अलग-अलग देशों में यात्रा करते हैं और कई स्थानीय सिम कार्ड्स का इस्तेमाल करते हैं।
eSIM तकनीक का उपयोग केवल स्मार्टफोन तक सीमित नहीं है। यह IoT डिवाइसेस में भी प्रयोग की जाती है, जैसे कि स्मार्टवॉच, स्मार्ट होम डिवाइसेस, कनेक्टेड कार्स, और कई अन्य स्मार्ट उपकरणों में। इसकी मदद से इन डिवाइसेस को रिमोटली मॉनिटर और कंट्रोल किया जा सकता है।
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eSIM के लाभ
- सुविधा: eSIM के साथ आपको सिम कार्ड फिजिकली बदलने की जरूरत नहीं होती। आप इसे नेटवर्क प्रोवाइडर के साथ रिमोटली एक्टिवेट कर सकते हैं और प्रोफाइल्स के बीच स्विच कर सकते हैं।
- कई नेटवर्क प्रोफाइल्स: आप एक डिवाइस में एक साथ कई नेटवर्क प्रोफाइल्स को स्टोर कर सकते हैं। यह यात्रा के दौरान विशेष रूप से सहायक होता है, क्योंकि आपको अलग-अलग सिम कार्ड नहीं खरीदने पड़ते।
- बिना स्लॉट की डिवाइसेस: eSIM के इस्तेमाल से डिवाइस में सिम स्लॉट की जरूरत खत्म हो जाती है, जिससे कंपनियां स्लीक और अधिक वाटरप्रूफ डिजाइन बना सकती हैं।
- फास्ट नेटवर्क स्विचिंग: आपको सिम कार्ड बदलने या नेटवर्क प्रोवाइडर के पास जाने की जरूरत नहीं है। QR कोड स्कैन करके आप कुछ ही मिनटों में नेटवर्क स्विच कर सकते हैं।
eSIM से फ्रॉड कैसे हो सकता है?
चूंकि eSIM तकनीक डिजिटल होती है, इसलिए इसके साथ जुड़े कुछ सुरक्षा खतरे भी हैं। फ्रॉडस्टर इसका गलत उपयोग कर सकते हैं और इसके माध्यम से डिजिटल धोखाधड़ी कर सकते हैं। नीचे कुछ प्रमुख फ्रॉड के तरीके दिए गए हैं:
- SIM स्वैप फ्रॉड: यह eSIM फ्रॉड का सबसे आम तरीका है। इस प्रक्रिया में, धोखेबाज आपके नाम से मोबाइल नेटवर्क प्रोवाइडर से संपर्क करके यह दावा करता है कि वह आप ही है। वह फर्जी पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड) का इस्तेमाल करके आपके मोबाइल नंबर को अपने डिवाइस पर eSIM के रूप में एक्टिवेट करवा लेता है। एक बार ऐसा होने पर, आपके फोन में सिग्नल चला जाएगा और फ्रॉडस्टर आपके मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करके OTP या कॉल्स रिसीव कर सकता है। इससे वह आपके बैंक अकाउंट, सोशल मीडिया प्रोफाइल्स और अन्य संवेदनशील जानकारियों तक पहुंच सकता है।
- फिशिंग अटैक: फ्रॉडस्टर नकली ईमेल या मैसेज भेजकर आपको धोखे में डाल सकते हैं। इन संदेशों में अक्सर आपको अपनी पर्सनल जानकारी भरने के लिए कहा जाता है, जैसे कि पासवर्ड, OTP, या eSIM एक्टिवेशन डेटा। अगर आप इन जानकारियों को साझा करते हैं, तो धोखेबाज आपके eSIM को अपने फोन पर एक्टिवेट कर सकता है और आपके अकाउंट्स का दुरुपयोग कर सकता है।
- QR कोड हैक: eSIM एक्टिवेट करने के लिए एक खास QR कोड की जरूरत होती है। अगर यह QR कोड किसी फ्रॉडस्टर के हाथ लग जाए (जैसे फिशिंग या सोशल इंजीनियरिंग अटैक के जरिए), तो वह आपके eSIM को अपने डिवाइस पर एक्टिवेट कर सकता है। इस तरह वह आपके फोन के सिग्नल को एक्सेस कर आपके निजी डाटा का दुरुपयोग कर सकता है।
eSIM फ्रॉड से बचने के तरीके:
- दो-स्तरीय सुरक्षा (Two-Factor Authentication): हमेशा अपने मोबाइल नेटवर्क प्रोवाइडर से eSIM एक्टिवेशन के लिए दो-स्तरीय सुरक्षा (OTP, पिन कोड) को चालू रखें। इससे eSIM स्विच या एक्टिवेट करने के लिए एक अतिरिक्त सुरक्षा परत होती है, जिससे फ्रॉड की संभावना कम हो जाती है।
- फिशिंग से बचाव: अनजान ईमेल या मैसेज पर ध्यान न दें, और कभी भी अपनी पर्सनल जानकारी, पासवर्ड या OTP साझा न करें। फिशिंग अटैक से बचने के लिए हमेशा सतर्क रहें और सिर्फ वैध और आधिकारिक वेबसाइट्स का ही उपयोग करें।
- QR कोड की सुरक्षा: eSIM एक्टिवेशन के लिए मिलने वाले QR कोड को सुरक्षित रखें और इसे किसी के साथ साझा न करें। यह एक संवेदनशील जानकारी है, जिसका उपयोग धोखेबाज आपके eSIM को अपने डिवाइस पर एक्टिवेट करने के लिए कर सकते हैं।
- नेटवर्क प्रोवाइडर की वेरिफिकेशन: अगर आपको संदेह हो कि आपका eSIM गलत तरीके से एक्टिवेट हो रहा है, तो तुरंत अपने मोबाइल नेटवर्क प्रोवाइडर से संपर्क करें और स्थिति की पुष्टि करें। समय रहते कार्रवाई करने से संभावित नुकसान से बचा जा सकता है।
निष्कर्ष
eSIM तकनीक मोबाइल कनेक्टिविटी को सरल और सुविधाजनक बनाती है। इसका उपयोग स्मार्टफोन, स्मार्टवॉच, और अन्य IoT डिवाइसेस में किया जा रहा है, और यह भविष्य में फिजिकल सिम कार्ड की जगह ले सकती है। हालांकि, इसकी डिजिटल प्रकृति इसे साइबर फ्रॉड के लिए थोड़ा असुरक्षित बनाती है। इसलिए, eSIM का इस्तेमाल करते समय सुरक्षा उपायों का पालन करना बहुत जरूरी है, ताकि फ्रॉड और धोखाधड़ी से बचा जा सके।
सावधानी और जागरूकता के साथ, eSIM तकनीक का लाभ उठाया जा सकता है, जिससे मोबाइल नेटवर्किंग और कनेक्टिविटी अनुभव को अधिक सरल और प्रभावी बनाया जा सकता है।