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Social Media & OTT Guidelines: 24 घंटे में हटाना होगा कंटेंट, हर महीने देनी होगी रिपोर्ट, जानें नियम
नई दिल्ली। फेसबुक, ट्विटर हो या फिर अमेजन और नेटफ्लिक्स अब कोई भी मनमानी नहीं कर सकता। सबके लिए सख्त कानून बन गए हैं। देश में सोशल मीडिया और ओवर द टॉप प्लेटफॉर्म (OTT) के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी गई हैं। इनका प्रभावी अनुपालन हुआ तो निश्चित तौर पर सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की मनमानी पर अंकुश लग जाएगा। सरकार तीन महीने में डिजिटल कंटेंट को नियमित करने को लेकर कानून लागू करने की तैयारी में है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। आइए जानते हैं गाइडलाइंस से जुड़ी बड़ी बातें:
- प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने चेतावनी दी कि सोशल मीडिया के दोहरे मानक स्वीकार्य नहीं होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि नए नियम सोशल मीडिया के यूजर्स को सशक्त बनाएंगे और केंद्र की चेतावनी देश भर में चल रहे सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के लिए है।
- नए गाइडलाइंस के मुताबिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अफसरों की तैनाती करनी होगी। शिकायत के 24 घंटे बाद किसी भी आपत्तिजनक कंटेंट को हटाना होगा।
- प्लेटफॉर्म्स को भारत में अपने नोडल ऑफिसर, रेसिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर की तैनाती करनी होगी। 24 घंटे में शिकायत का पंजीकरण होगा और 15 दिनों में उसका निपटारा होगा।
- शरारती कंटेट फैलाने वाले पहले इंसान की भी जानकारी देनी होगी। इसमें भारत की संप्रभुता, सुरक्षा, विदेशों से संबंध, दुष्कर्म जैसे अहम मसले शामिल होंगे।
- नए गाइडलाइंस के मुताबिक सोशल मीडिया को दो श्रेणियों में बांटा गया है। पहला इंटरमीडरी और दूसरा सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया। सरकार जल्द इसके लिए नोटिफिकेशन जारी करेगी।
- कंपनियां सरकार को हर महीने रिपोर्ट देंगी। इसमें यह जानकारी दी जाएगी कि एक महीने में कितनी शिकायतें मिलीं और उन पर कंपनी की ओर से क्या कार्रवाई की गई।
- सोशल मीडिया कंपनियों को यूजर्स के कंटेंट को हटाने से पहले वजह बतानी होगी। इसके अलावा यूजर्स के रजिस्ट्रेशन के लिए वॉलेंटरी वेरिफिकेशन मैकेनिज्म बनाना होगा।
- ओटीटी और डिजिटल मीडिया को सूचना और प्रसारण मंत्रालय देखेगा और इंटरमीडरी प्लेटफॉर्म का संज्ञान आईटी मंत्रालय लेगा।
- डिजिटल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म को अपने बारे में जानकारी देनी होगी। ओटीटी के लिए त्रि-स्तरीय तंत्र होगा। एक शिकायत निवारण तंत्र और सेल्फ रेगुलेशन होनी चाहिए।
- रविशंकर प्रसाद ने जानकारी दी कि जानकारी दी कि भारत में व्हाट्सएप के 53 करोड़, फेसबुक के 40 करोड़ से अधिक और ट्विटर पर एक करोड़ से अधिक यूजर्स हैं।