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Research & Opinion

रिपब्लिक , आज तक और NDTV के बीच , ऑनलाइन TRP का विश्लेषण – किसने मारी बाजी ?

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प्रमुख टीवी चैनलों के बीच हुए TRP युद्ध के दौरान हर दिन कुछ नयी जानकारी सामने आ रही हैं, इसी बीच, The420 की टीम ने Root64 फाउंडेशन के साथ मिल कर एक ऑनलाइन रिसर्च की है जिसमे कुछ चौंकाने वाली जानकारी सामने आयी है, दरअसल जब TRP scam की वजह से TRP जांचने के तरीकों पर ही सवालिया निशान खड़े हो गए तो असलियत जांचने के लिए इंटरनेट की दुनिया के द्वारा इन चैनल्स की सही ब्रांड वैल्यू का पता लगाया गया, ये डाटा उन सोर्स से लिया गया जहाँ छेड़ खानी करना संभव नहीं है, और कोई भी जाके इस प्रोसेस के द्वारा सच्चाई पता कर सकता है,

सबसे पहले हमने इन तीनो चैनल्स को यूट्यूब पर लाइव देखने वालों की जानकारी ली, ये जानकारी खुद यूट्यूब दिखाता है, हमने आज १४ अक्टूबर को सुबह १०:४८ मिनट पर और दोपहर १:४८ मिनट कितने लोग इन चैनल्स को यूट्यूब पर देख रहे थे इसका पता लगाया

सुबह १०:४८ पर , अर्नब के चैनल रिपब्लिक लाइव को ६३०० लोग यूट्यूब पर देख रहे थे, जबकि इसी वक़्त आज़तक को सिर्फ ४3०० लोग और NDTV को सिर्फ ४४०० लोग ही देख रहे थे, यहाँ ध्यान देने योग्य बात ये है कि , यूट्यूब पर सबसे ज्यादा सब्सक्राइबर्स आज तक के हैं , आज तक के जहाँ ४ करोड़ यूट्यूब सब्सक्राइबर्स हैं तो NDTV के ९० लाख और रिपब्लिक भारत के सब्सक्राइबर्स सिर्फ ४५ लाख ही है।

Republic Bharat
Subscribers: 4.7 M
Live Viewer: 6.3K
Date/Time : October 14 at 10:47AM

NDTV India
Subscribers: 9 M
Live Viewership: 4.4 K
Date/Time : October 14 at 10:49AM

Aaj Tak
Subscribers: 41.9 M
Live Viewer: 4.3K
Date/Time : 14th Oct at 10:48AM

तो क्या कारण है की अर्नब के चैनल्स से १० गुणा सब्सक्राइबर्स होने के वावजूद आज तक अपने लिए सिर्फ ४००० दर्शक जुटा पाया और वहीँ रिपब्लिक पर कम सब्सक्राइबर्स के वावजूद ज्यादा लोगों ने भरोसा जताया

कोई भी टेस्ट यदि सिर्फ एक बार ही किया जाये तो उसे प्रमाणित सत्य नहीं माना जा सकता है, इसलिए हमने इसी बात को दोपहर १:४८मिनट पर भी परखा, दोपहर १:४८ मिनट पर भी दर्शको के मामले में अर्नब का चैनल रिपब्लिक भारत बाकी चैनल्स से काफी आगे था । दोपहर १:४८ पर जहाँ रिपब्लिक भारत को करीब १०००० लोग लाइव यूट्यूब द्वारा देख रहे थे वहीँ आज तक पर सिर्फ ६००० दर्शक थे, जबकि NDTV बमुश्किल ३५०० दर्शक ही जुटा पाया ,

Root64 के चीफ मेंटर अमित दुबे के अनुसार , यहाँ हमने जान बूझ कर ये टेस्ट प्राइम टाइम पर नहीं किया क्योंकी हमें यहाँ किसी मुद्दे या एंकर के व्यक्तिगत प्रभाव का नहीं बल्कि जनता पर एक चैनल के भरोसे का आंकलन करना था। अर्नब जब खुद स्क्रीन पर नहीं है, और तब भी यदि रिपब्लिक भारत बाकी चैनल्स से ज्यादा दर्शक खींच पाता है तो शायद उनका भरोसा रिपब्लिक भारत पर अब बन चुका है और आज़तक के दर्शक कहीं और शिफ्ट हो रहे है। ये आज तक के लिए बहुत चिंता जनक बात है कि इतने स्टार एंकर होते हुए और ४ करोड़ सब्सक्राइबर्स के वावजूद वो एक नए शुरू हुए चैनल से पिछड़ गया है ।

इसी विश्लेषण को आगे ले जाते हुए, हमने कुछ और गहराई से अध्ययन किया तो पता चला कि आज तक और NDTV की जमीन अगस्त से खिसकना शुरू हो गयी थी

हमने देखा कि मार्च २०२० से ले कर सितम्बर २०२० तक, पूरे महीने कितनी बार आज़तक, NDTV या रिपब्लिक भारत को देखा गया जाहिर सी बात है कि जिसके सब्सक्राइबर्स ज्यादा होंगे उन्ही के दर्शको की संख्या ज्यादा होनी चाहिए , पर यहाँ सितम्बर तक आते आते मामला पलट गया।

मई २०२० में जहाँ आज़तक को महीने में १५ करोड़ बार देखा गया, वहीँ सितम्बर में संख्या सिमट के 3 करोड़ रह गयी, जहाँ मई में आजतक ने ५० लाख नए सब्सक्राइबर जोड़े , वहीँ सितम्बर में सिर्फ ४ लाख नए सब्सक्राइबर्स जोड़ पाया।

Monthly views of Aaj Tak on YouTube

मई २०२० में NDTV को महीने में १ करोड़ बार देखा गया, तो सितम्बर २०२० में सिर्फ ६० लाख बार , NDTV मई तक हर महीने करीब ३ से ४ लाख नए सब्सक्राइबर जोड़ता था अब ये नंबर सितम्बर में सिर्फ २ लाख था

Monthly views of NDTV India on YouTube

अब देखते हैं, रिपब्लिक भारत को, अर्नब के चैनल को मई २०२० में करीब १ करोड़ बार देखा गया तो सितम्बर २०२० में ३ करोड़ बार, सिर्फ सितम्बर महीने में रिपब्लिक भारत ने करीब १३ लाख नए सब्सक्राइबर्स जोड़े !

इसी तरह का विश्लेषण यूट्यूब पर अपलोडेड वीडियोस को देखने वालों की संख्या के बारे में भी किया गया तो रिपब्लिक भारत की लीड कहीं ज्यादा थी।

Monthly views of NDTV India on YouTube

अमूमन हरेक बड़ा चैनल इंटरनेट पर भी अपने चैनल को लाइव दिखता है और ये लाइव फीड यूट्यूब द्वारा दिखाई जाती है, यूट्यूब साथ साथ ये भी बताता रहता है की इस चैनल्स को इस वक़्त कितने लोग देख रहे हैं और यहीं से उस चैनल के अनुमानित दर्शको का पता लग जाता है !

Root64 फाउंडेशन कि टीम ने इसे दौरान हुए ट्विटर युद्ध का भी विश्लेषण किया, पिछले हफ्ते, ८ अक्टूबर से १२ अक्टूबर के बीच के करीब १ लाख ट्वीट्स को खंगाला गया, जो कि निम्न हैशटैग के साथ किये गए थे।

#RepublicFightsBack

#RepublicBharat

#RepublicTRPChor

#RepublicTV

#RepublicCheatsBharat

Root64 टीम के अनुसार , करीब ६४% ट्वीट्स पत्रकार वर्ग और मीडिया हाउस द्वारा किये गए थे, ज्यादातर आम आदमी इस कैंपेन से अछूता रहा और शायद इस सबका अर्नब के चैनल को फायदा ही मिला , जैसे कि कहते हैं कि , प्रचार कैसा भी हो , कुछ फायदा करा जाता है।